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निजी अनुबंधित अस्पतालों में भी कोरोना का होगा मुफ्त इलाज, सरकार ने दी इजाजत

कोरोना महामारी के बीच प्रदेश के लिए राहत भरी खबर है. अब निजी अनुबंधित अस्पतालों में भी कोरोना का मुफ्त इलाज होगा. राज्य सरकार ने इस बात की अनुमति दे दी है.

health minister ts singhdeo
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव
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Published : Jun 19, 2020, 6:29 PM IST

Updated : Jun 19, 2020, 10:21 PM IST

रायपुर: राज्य सरकार ने डाॅक्टर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना से अनुबंधित अस्पतालों में भी कोरोना वायरस के मरीजों के मुफ्त में इलाज की अनुमति दे दी है. प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या और भविष्य की जरूरतों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने निर्देश दिए हैं.

योजना के मुताबिक 50 या 50 बिस्तर से ऊपर के ऐसे अस्पताल जहां शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध हैं, वहां इस विश्वव्यापी महामारी का उपचार किया जा सकेगा. बता दें, कोरोना संदिग्ध मरीजों के उपचार के लिए यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी, यानी कोरोना पाॅजिटिव मरीजों के उपचार की ही अनुमति होगी.

डाॅक्टर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन अरोग्य योजना के लिए अनुबंधित अस्पतालों में कोरोना बीमारी के उपचार के लिए पैकेज शासन ने तय कर दिया है. इस विश्वव्यापी महामारी के लिए 50 बिस्तर या उससे अधिक बिस्तर वाले अस्पतालों को ही उपचार की अनुमति तकनीकी समिति के परीक्षण उपरांत होगी.

तकनीकि समिति देगी अस्पतालों को अनुमति
डाॅक्टर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के निजी अनुबंधित अस्पताल जिन्हें कोरोना मरीजों के उपचार के लिए अनुमति प्रदान की जाएगी. इन अस्पतालों का तकनीकि समिति के द्वारा परीक्षण किया जाएगा. समिति के अनुशंसा के बाद ही इलाज के लिए अनुमति जारी की जाएगी.

संक्रमण की रोकथाम के लिए करने होंगे सख्त उपाय

तकनीकि समिति की अनुशंसा के बाद शासन से कोरोना मरीजों के उपचार के लिए अनुमति जारी होगी. संक्रमण की रोकथाम के लिए शासन द्वारा समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं. जिस पर समय व परिस्थितियों के अनुसार बदलाव होते रहते हैं, इन निर्देशों का पूरी कड़ाई से पालन करना होगा. अस्पताल को कोरोना व अन्य मरीजों के रास्ते की व्यवस्था अलग-अलग करनी होगी. निजी अनुबंधित अस्पतालों को अपने स्टाॅफ को कोरेन्टाईन कराने की व्यवस्था स्वयं करानी होगी. इसके अलावा अस्पताल में डाॅनिंग-डाफिंग क्षेत्र भी रखना अनिवार्य होगा.

कुल बिस्तर का न्यूनतम 10 फीसदी आईसीयू अनिवार्य

निजी अनुबंधित अस्पतालों में कुल बिस्तर का न्यूनतम 10 प्रतिशत आईसीयू होना अनिवार्य हैं. इसके साथ-साथ वेन्टीलेटर व ऑक्सीजन की सुविधा आवश्यक होगी. पूरे समय एम.बी.बी.एस. ड्यूटी डाॅक्टर उपस्थित रहेंगे. इनके अलावा क्वालिफाई कंसलटेन्ट डाॅक्टर को भी रखना होगा. जिससे मरीजों को किसी भी विषम परिस्थिती से उबारा जा सके.

राज्य शासन के जारी निर्देशों का करना होगा पालन

निजी अनुबंधित अस्पताल, जिनमें कोरोना का उपचार होगा उनके लिए राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा. परिस्थितियों को देखते हुए कोरोना मरीजों के उपचार के लिए केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा निर्देश जारी किए जाते हैं. इन निर्देशों के हिसाब से ही मरीजों का उपचार किया जाता हैं

निजी अस्पतालों के लिए निर्धारित पैकेज

जनरल वार्ड आइसोलेशन के साथ 22,00/- प्रतिदिन
आईसीयू वेंटिलेटर रहित आइसोलेशन 3,750/- प्रतिदिन
आईसीयू वेंटिलेटर रहित आइसोलेशन 6,750/- प्रतिदिन

रायपुर: राज्य सरकार ने डाॅक्टर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना से अनुबंधित अस्पतालों में भी कोरोना वायरस के मरीजों के मुफ्त में इलाज की अनुमति दे दी है. प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या और भविष्य की जरूरतों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने निर्देश दिए हैं.

योजना के मुताबिक 50 या 50 बिस्तर से ऊपर के ऐसे अस्पताल जहां शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध हैं, वहां इस विश्वव्यापी महामारी का उपचार किया जा सकेगा. बता दें, कोरोना संदिग्ध मरीजों के उपचार के लिए यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी, यानी कोरोना पाॅजिटिव मरीजों के उपचार की ही अनुमति होगी.

डाॅक्टर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन अरोग्य योजना के लिए अनुबंधित अस्पतालों में कोरोना बीमारी के उपचार के लिए पैकेज शासन ने तय कर दिया है. इस विश्वव्यापी महामारी के लिए 50 बिस्तर या उससे अधिक बिस्तर वाले अस्पतालों को ही उपचार की अनुमति तकनीकी समिति के परीक्षण उपरांत होगी.

तकनीकि समिति देगी अस्पतालों को अनुमति
डाॅक्टर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के निजी अनुबंधित अस्पताल जिन्हें कोरोना मरीजों के उपचार के लिए अनुमति प्रदान की जाएगी. इन अस्पतालों का तकनीकि समिति के द्वारा परीक्षण किया जाएगा. समिति के अनुशंसा के बाद ही इलाज के लिए अनुमति जारी की जाएगी.

संक्रमण की रोकथाम के लिए करने होंगे सख्त उपाय

तकनीकि समिति की अनुशंसा के बाद शासन से कोरोना मरीजों के उपचार के लिए अनुमति जारी होगी. संक्रमण की रोकथाम के लिए शासन द्वारा समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं. जिस पर समय व परिस्थितियों के अनुसार बदलाव होते रहते हैं, इन निर्देशों का पूरी कड़ाई से पालन करना होगा. अस्पताल को कोरोना व अन्य मरीजों के रास्ते की व्यवस्था अलग-अलग करनी होगी. निजी अनुबंधित अस्पतालों को अपने स्टाॅफ को कोरेन्टाईन कराने की व्यवस्था स्वयं करानी होगी. इसके अलावा अस्पताल में डाॅनिंग-डाफिंग क्षेत्र भी रखना अनिवार्य होगा.

कुल बिस्तर का न्यूनतम 10 फीसदी आईसीयू अनिवार्य

निजी अनुबंधित अस्पतालों में कुल बिस्तर का न्यूनतम 10 प्रतिशत आईसीयू होना अनिवार्य हैं. इसके साथ-साथ वेन्टीलेटर व ऑक्सीजन की सुविधा आवश्यक होगी. पूरे समय एम.बी.बी.एस. ड्यूटी डाॅक्टर उपस्थित रहेंगे. इनके अलावा क्वालिफाई कंसलटेन्ट डाॅक्टर को भी रखना होगा. जिससे मरीजों को किसी भी विषम परिस्थिती से उबारा जा सके.

राज्य शासन के जारी निर्देशों का करना होगा पालन

निजी अनुबंधित अस्पताल, जिनमें कोरोना का उपचार होगा उनके लिए राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा. परिस्थितियों को देखते हुए कोरोना मरीजों के उपचार के लिए केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा निर्देश जारी किए जाते हैं. इन निर्देशों के हिसाब से ही मरीजों का उपचार किया जाता हैं

निजी अस्पतालों के लिए निर्धारित पैकेज

जनरल वार्ड आइसोलेशन के साथ 22,00/- प्रतिदिन
आईसीयू वेंटिलेटर रहित आइसोलेशन 3,750/- प्रतिदिन
आईसीयू वेंटिलेटर रहित आइसोलेशन 6,750/- प्रतिदिन
Last Updated : Jun 19, 2020, 10:21 PM IST
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