रायपुर: छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के कार्यकाल का एक साल पूरा हो चुका है. मंत्री अमरजीत के पास संस्कृति विभाग, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग भी है. ETV भारत ने उनसे उनके कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर खास बातचीत की.
अपने एक साल के कार्यकाल को लेकर उन्होंने बताया कि उनके सामने कई उतार-चढ़ाव आए. मंत्री ने कहा कि उन्हें जिस विभाग की कमान सौंपी गई थी, वो दागदार था और उनके सामने यही सबसे बड़ी चुनौती थी. नान घोटाले से लेकर कई भ्रष्टाचार के मामले इस विभाग से जुड़े थे. मंत्री अमरजीत भगत का दावा है कि मंत्री बनने के बाद उन्होंने पूरी कोशिश की है कि विभाग को दाग मुक्त किया जाए और इसके लिए लगातार प्रयास भी किए गए.
'खाद्य विभाग में हुए कई काम'
अमरजीत भगत ने बताया कि कोरोना संकट में भी खाद्य विभाग ने बेहतर काम किया है. लोगों की जरूरतों का ख्याल रखा है और उन्हें हर संभव मदद पहुंचाई है. कोई भूखा न रहे इसकी भी व्यवस्था की गई है. लाखों राशन कार्ड बनाए गए. बिना राशन कार्ड वालों को भी खाद्य सामग्री मुहैया कराई गई. ऐसे तमाम काम विभाग की ओर से किए गए, जिससे विभाग की छवि पहले से काफी बेहतर हुई है.
'केंद्र सरकार को पत्र लिखने के बाद मिला सहयोग'
मंत्री अमरजीत भगत से जब कोरोना संक्रमण के दौरान केंद्र सरकार से सहयोग मिलने पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि लगातार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वे खुद केंद्र सरकार को कई बार पत्र लिखते रहे, जिससे केंद्र सरकार दबाव में आई और छत्तीसगढ़ पुल के धान के कोटे को बढ़ाया गया.
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वहीं प्रदेश के कलाकारों की आर्थिक तंगी को लेकर अमरजीत भगत ने कहा कि उन्होंने तत्काल कलाकारों के बकाया राशि के भुगतान के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं. लगभग चार करोड़ की राशि का भुगतान जल्द ही इन कलाकारों को किया जाएगा. मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में फिल्म सिटी के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. लगभग 300 एकड़ में इस फिल्म सिटी का निर्माण कराया जाएगा, जिससे देश-विदेश के लोग यहां पर आकर शूटिंग कर सकें. इससे रोजगार तो मिलेगा ही, साथ ही प्रदेश का विकास भी होगा.