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शराब पीने में छत्तीसगढ़ अव्वल रहा इस साल, सरकारी भी हुई मालामाल

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Published : Feb 20, 2019, 12:04 AM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ में शराबबंदी हो न हो लेकिन शराबियों की सबसे ज्यादा तादाद छत्तीसगढ़ में है. शराब सेवन को लेकर किए गए सर्वे के अनुसार छत्तीसगढ़ शराब सेवन के आंकड़ों में पूरे देश में अव्वल है. इसके बाद त्रिपुरा, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश और गोवा में शराब की सबसे ज्यादा खपत की जाती है.

शराब पीने में छत्तीसगढ़ अव्वल रहा इस साल

दरअसल सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के साथ मिलकर 'प्रिवेंशन एंड एक्सटेंट ऑफ सब्सटेंस यूज इन इंडिया' शीर्षक के साथ ये सर्वे किया है. जिसमें शराबबंदी की तैयारियों के बीच बड़ा दिलचस्प आंकड़ा देखने को मिला है. यदि बात रायपुर की जाए तो रायपुरवासी करीब 3 करोड़ 69 लाख की शराब का सेवन कर जाते हैं. जिले में पिछले साल 17 दिसंबर से इस साल 20 जनवरी के बीच मात्र 34 दिन में लोग 125.54 करोड़ रुपये की शराब पी गए.


कवासी लखमा ने दी जानकारी
ये जानकारी विधानसभा में आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने एक लिखित प्रश्न के जवाब में दी है. मंत्री लखमा ने बताया है कि, 'शराब से रायपुर के बाद दुर्ग में सबसे ज्यादा 76.55 और बिलासपुर में 56.50 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्त हुआ. वित्तीय वर्ष 2018-19 में 31 दिसंबर तक राज्य में सरकार को आबकारी विक्रय कर से 3188.63 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्त हुआ है'.

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देश की कुल 14.6 प्रतिशत आबादी करती है शराब सेवन
सर्वे के मुताबिक इस बात का भी खुलासा हुआ है कि भारत में 10 साल से लेकर 75 साल की उम्र के करीब 16 करोड़ लोग नशे के लिए शराब का सेवन करते हैं. ये सर्वे देश के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में किया गया है. सर्वे में 186 जिलों के 2 लाख 111 घरों से करीब पौने पांच लाख लोगों से बातचीत की गई है. जिसमें ये जानकारी प्राप्त हुई कि देश की कुल 14.6 प्रतिशत आबादी शराब या एल्कोहल का सेवन करते हैं.

दरअसल सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के साथ मिलकर 'प्रिवेंशन एंड एक्सटेंट ऑफ सब्सटेंस यूज इन इंडिया' शीर्षक के साथ ये सर्वे किया है. जिसमें शराबबंदी की तैयारियों के बीच बड़ा दिलचस्प आंकड़ा देखने को मिला है. यदि बात रायपुर की जाए तो रायपुरवासी करीब 3 करोड़ 69 लाख की शराब का सेवन कर जाते हैं. जिले में पिछले साल 17 दिसंबर से इस साल 20 जनवरी के बीच मात्र 34 दिन में लोग 125.54 करोड़ रुपये की शराब पी गए.


कवासी लखमा ने दी जानकारी
ये जानकारी विधानसभा में आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने एक लिखित प्रश्न के जवाब में दी है. मंत्री लखमा ने बताया है कि, 'शराब से रायपुर के बाद दुर्ग में सबसे ज्यादा 76.55 और बिलासपुर में 56.50 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्त हुआ. वित्तीय वर्ष 2018-19 में 31 दिसंबर तक राज्य में सरकार को आबकारी विक्रय कर से 3188.63 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्त हुआ है'.

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देश की कुल 14.6 प्रतिशत आबादी करती है शराब सेवन
सर्वे के मुताबिक इस बात का भी खुलासा हुआ है कि भारत में 10 साल से लेकर 75 साल की उम्र के करीब 16 करोड़ लोग नशे के लिए शराब का सेवन करते हैं. ये सर्वे देश के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में किया गया है. सर्वे में 186 जिलों के 2 लाख 111 घरों से करीब पौने पांच लाख लोगों से बातचीत की गई है. जिसमें ये जानकारी प्राप्त हुई कि देश की कुल 14.6 प्रतिशत आबादी शराब या एल्कोहल का सेवन करते हैं.

Intro:रायपुर पुलवामा में हुए आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में आक्रोश का माहौल है साथ ही शहीद और उनके परिवारों के प्रति लोगों की सहानुभूति और संवेदनाएं हैं आज पूरा देश शहीद और उनके परिवारों के साथ हैं

इसके अलावा पूरे देश में शहीदों को श्रद्धांजलि देने का दौर भी जारी है लेकिन इस श्रद्धांजलि के बीच कहीं ना कहीं कुछ लोग थोड़ी लापरवाही भी कर रहे हैं उन्हें जिन बातों का ध्यान रखना चाहिए वह नहीं रख रहे हैं क्योंकि आज सोशल मीडिया का समय है और ऐसे में श्रद्धांजलि देने के लिए लोग सोशल मीडिया के माध्यम से जवानों के तस्वीरें निकाल कर उनके फ्लैक्स बनाकर उसके सामने कैंडल जला रहे हैं कैंडल मार्च कर रहे हैं और शहीद जवानों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं

लेकिन कुछ जगहों पर गलत तस्वीरों को लगाकर कैंडल जलाने और श्रद्धांजलि देने का का मामला सामने आया है इसी कड़ी में राजधानी रायपुर के जय स्तंभ चौक पर भी एक मामला सामने आया है जहां पर कांग्रेसी के द्वारा पुलवामा में मारे गए शहीदों को कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि दी गई लेकिन इस दौरान कांग्रेसियों ने जो फ्लेक्स लगाया था वह पुलवामा के शहीदों का नहीं था बल्कि कारगिल युद्ध के लड़ने वाले जवानों का था जिसमें से कुछ जवान शहीद हो गए थे और कुछ जवान आज जिंदा है और यह तस्वीर जावाजों को पुरस्कृत करने की थी जिसे लगाकर लोगों द्वारा श्रद्धांजलि दे दी गई

ऐसे में सेना से रिटायर्ड ब्रिगेडियर प्रदीप यदु ने आम जनों की भावना की कद्र करते हुए विचार व्यक्त किया है कि जिन सैनिकों की फोटो लगाकर बैनर बनाया गया है वह वीर पुलवामा अटैक के शहीद की नहीं है यह ऑपरेशन विजय कारगिल के युद्ध के वीरों की है इसमें से कुछ शहीद है और कुछ आज भी हमारे बीच मौजूद हैं देशवासियों आपको इतना तो मालूम होना चाहिए कि आपके कौन से सैनिक किस ऑपरेशन में शहीद हुए हैं अगर जानकारी नहीं है तो सही व्यक्ति से कम से कम जानकारी तो ले ले अब मैं निर्णय आप पर छोड़ता हूं कि आप सैनिकों का सच में सम्मान कर रहे हैं या सिर्फ अपनी उत्तेजना को प्रदूषित करने के लिए किसी अन्य की तस्वीर लगाकर फोटो सेशन कर रहे हैं बुरा मत मानिए क्योंकि सत्य कड़वा होता है व्हाट्सएप ऐप यूनिवर्सिटी के अंधभक्त विद्यार्थी मत बनिए सही जानकारी प्रेषित करें ना कि फॉरवर्ड फॉरवर्ड खेलें

यदु नेलोगों से अपील की है कि श्रद्धांजलि के दौरान कम से कम इन बातों का ध्यान रखें कि वह किसी श्रद्धांजलि दे रहे हैं और यदि जानकारी ना हो तो किसी जानकार व्यक्ति से एक बार जरूर पूछ लें जिससे उन लोगों से अनजाने में कोई बड़ी चूक ना हो

बाइट रिटायर्ड ब्रिगेडियर प्रदीप यदु सेना

नोट तस्वीर व्हाट्सएप की गई है


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