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SPECIAL: छतीसगढ़ के किसानों ने की सब्जियों की MSP तय करने की मांग

छत्तीसगढ़ में धान के बाद अब सब्जियों की भी MSP तय करने की मांग उठने लगी है. किसानों ने केरल की तर्ज पर प्रदेश सरकार से सब्जियों की मिनिमम सेलिंग प्राइस फिक्स करने का आग्रह किया है.

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सब्जियों की MSP तय करने की मांग
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Published : Nov 3, 2020, 9:50 PM IST

रायपुर: केरल में सब्जियों की MSP तय होने के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी किसानों द्वारा सब्जियों की मिनिमम सेलिंग प्राइस तय करने की मांग उठ रही है. सब्जियों की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि वह इतनी मेहनत के बाद सब्जियां उगाते हैं लेकिन फिर भी उन्हें वो रेट नहीं मिलते जो उन्हें मिलने चाहिए, जबकि बाजारों में सब्जियां भी महंगी ही बिकती है. किसानों से कम दाम में सब्जियां खरीदने के बाद एजेंट उन्हें महंगे दामों में बाजारों में बेचते है, जिससे एक तरफ किसान तो दूसरी तरफ ग्राहक नुकसान उठा रहे है.

छतीसगढ़ के किसानों ने की सब्जियों की MSP तय करने की मांग

रायपुर के किसान विजय अग्रवाल ने बताया की बाजार में सब्जियों के दाम तय नही हैं जिससे मुनाफा भी तय नहीं है. होलसेल बाजार की भी यहीं हालत है. मंडियों में सब्जियों के दाम तय नहीं होने के कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

केरल की तर्ज पर सब्जियों की MSP तय करने की मांग

किसानों का कहना है कि जिस तरह केरल की सरकार ने सब्जियों का मिनिमम सेलिंग प्राइस तय किया हैं, ऐसा ही छत्तीसगढ़ सरकार को भी करना चाहिए.जिससे किसानों को पता रहेगा कि उनकी सब्जी किस भाव में बिकेगी.ऐसे में किसान ज्यादा भाव वाले सब्जियों की खेती कर भी मुनाफा कमा सकते है.

किसान तीरथराम सोनकर ने बताया जैसा हम उत्पादन करते है वैसा दाम नहीं मिल पाता. एजेंट किसी भी दाम में उनकी सब्जियां बेच देते है, जिससे किसानों को आमदनी नहीं हो पाती. ऐसे में सब्जियों के दाम फिक्स होने से किसानों को फायदा होगा, इसके साथ ही दाम तय होने से किसान लागत लगाकर अच्छे से फसल की पैदावार भी करेगा. तीरथराम ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार से भी यही मांग है कि केरल सरकार ने जिस तरफ सब्जियों के दाम तय किए है उसे छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जाए.

पढ़ें: रायगढ़: किसान ने उगाया औषधियुक्त ग्रीन राइस, महानगरों के साथ विदेशों में भी डिमांड

'सिर्फ धान ही नहीं साग-सब्जियों का भी तय हो MSP'

छत्तीसगढ़ किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता जागेश्वर प्रसाद ने बताया कि केरल सरकार द्वारा सब्जियों का जो MSP लागू हुआ है, प्रदेश में भी भूपेश सरकार को केवल धान का ही नहीं बल्कि साग सब्जियों का भी समर्थन मूल्य घोषित करना चाहिए. उन्होंने किसानों के हित में ठोस और कल्याणकारी नीति बनाने की मांग की है.

केरल सरकार ने हाल ही में 21 खाने-पीने की चीजों के लिए MSP का निर्धारण किया है. जिसमें 16 किस्म की सब्जियां भी शामिल हैं. यह व्यवस्था 1 नवंबर से लागू हो चुकी है. जमीन के अंदर उगने वाले कांदा, की बेस प्राइस 12 रुपये प्रति किलो तय की गई है. केला 30 रुपये, अनानास 15 रुपये प्रति किलो और टमाटर की MSP 8 रुपये प्रति किलो तय की गई है. किसानों की लागत खर्च से 20 फीसदी ऊपर दर पर MSP तय की गई है.

रायपुर: केरल में सब्जियों की MSP तय होने के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी किसानों द्वारा सब्जियों की मिनिमम सेलिंग प्राइस तय करने की मांग उठ रही है. सब्जियों की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि वह इतनी मेहनत के बाद सब्जियां उगाते हैं लेकिन फिर भी उन्हें वो रेट नहीं मिलते जो उन्हें मिलने चाहिए, जबकि बाजारों में सब्जियां भी महंगी ही बिकती है. किसानों से कम दाम में सब्जियां खरीदने के बाद एजेंट उन्हें महंगे दामों में बाजारों में बेचते है, जिससे एक तरफ किसान तो दूसरी तरफ ग्राहक नुकसान उठा रहे है.

छतीसगढ़ के किसानों ने की सब्जियों की MSP तय करने की मांग

रायपुर के किसान विजय अग्रवाल ने बताया की बाजार में सब्जियों के दाम तय नही हैं जिससे मुनाफा भी तय नहीं है. होलसेल बाजार की भी यहीं हालत है. मंडियों में सब्जियों के दाम तय नहीं होने के कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

केरल की तर्ज पर सब्जियों की MSP तय करने की मांग

किसानों का कहना है कि जिस तरह केरल की सरकार ने सब्जियों का मिनिमम सेलिंग प्राइस तय किया हैं, ऐसा ही छत्तीसगढ़ सरकार को भी करना चाहिए.जिससे किसानों को पता रहेगा कि उनकी सब्जी किस भाव में बिकेगी.ऐसे में किसान ज्यादा भाव वाले सब्जियों की खेती कर भी मुनाफा कमा सकते है.

किसान तीरथराम सोनकर ने बताया जैसा हम उत्पादन करते है वैसा दाम नहीं मिल पाता. एजेंट किसी भी दाम में उनकी सब्जियां बेच देते है, जिससे किसानों को आमदनी नहीं हो पाती. ऐसे में सब्जियों के दाम फिक्स होने से किसानों को फायदा होगा, इसके साथ ही दाम तय होने से किसान लागत लगाकर अच्छे से फसल की पैदावार भी करेगा. तीरथराम ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार से भी यही मांग है कि केरल सरकार ने जिस तरफ सब्जियों के दाम तय किए है उसे छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जाए.

पढ़ें: रायगढ़: किसान ने उगाया औषधियुक्त ग्रीन राइस, महानगरों के साथ विदेशों में भी डिमांड

'सिर्फ धान ही नहीं साग-सब्जियों का भी तय हो MSP'

छत्तीसगढ़ किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता जागेश्वर प्रसाद ने बताया कि केरल सरकार द्वारा सब्जियों का जो MSP लागू हुआ है, प्रदेश में भी भूपेश सरकार को केवल धान का ही नहीं बल्कि साग सब्जियों का भी समर्थन मूल्य घोषित करना चाहिए. उन्होंने किसानों के हित में ठोस और कल्याणकारी नीति बनाने की मांग की है.

केरल सरकार ने हाल ही में 21 खाने-पीने की चीजों के लिए MSP का निर्धारण किया है. जिसमें 16 किस्म की सब्जियां भी शामिल हैं. यह व्यवस्था 1 नवंबर से लागू हो चुकी है. जमीन के अंदर उगने वाले कांदा, की बेस प्राइस 12 रुपये प्रति किलो तय की गई है. केला 30 रुपये, अनानास 15 रुपये प्रति किलो और टमाटर की MSP 8 रुपये प्रति किलो तय की गई है. किसानों की लागत खर्च से 20 फीसदी ऊपर दर पर MSP तय की गई है.

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