रायपुर: छत्तीसगढ़ के किसान दशहरी, लंगड़ा, बैंगन फली जैसी आम की किस्मों की खेती करते हैं. अंबिकापुर में हापुस आम की खेती भी होती है. बलरामपुर में भी आम की खेती ज्यादा होती है. बिलासपुर, दुर्ग जैसे शहरों के किसान व्यावसायिक रूप से आम की खेती करते हैं. आम की खेती का सही तरीका और सही आम की किस्मों की जानकारी होने पर किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. ऐसे करने पर किसान आर्थिक तौर पर मजबूत होंगे. साथ ही आम की पैदावार भी अन्य राज्यों के मुकाबले छत्तीसगढ़ में अधिक होगी.
आम की खेती में रखें इन बातों का ध्यान : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ घनश्याम साहू ने बताया कि "आम की खेती में लागत कम और मुनाफा ज्यादा है. आम के पौधों को ढाई ढाई मीटर या तीन तीन मीटर की दूरियों में लगाएं. एक हेक्टेयर क्षेत्र में ढाई ढाई मीटर की दूरी पर आम का पौधा लगाएं तो 1600 पौधे लगाए जा सकते हैं. आम के पौधे की कतार से कतार की दूरी 3 मीटर और पौधे से पौधे की दूरी ढाई मीटर हो तो 1111 पौधे आसानी से लगाए जा सकते हैं. किसानों को पौधे लगाने पर एक हेक्टेयर में करीब 10 से 12 लाख का फायदा मिलेगा.
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ऐसे पाया जा सकता है ज्यादा लाभ: छत्तीसगढ़ में कई जगहों पर 10 से 12 किसान मिलकर आम की खेती करते हैं. इसे कम्युनिटी गार्डन कहा जाता है. प्रदेश के कई बड़े किसान मुख्य फसल के रूप में आम की खेती करने के साथ ही सब्जी की खेती भी करते हैं. कृषि वैज्ञानिक डॉ घनश्याम साहू के मुताबिक किसान आम की खेती करने के साथ ही आम पेड़ के नीचे हल्दी, अदरक, कोचई, जिमीकंद जैसी सब्जी भी उगा सकते हैं. रजनीगंधा और गेंदा फूल भी उगाए जा सकते हैं.