रायपुर: संसद का बजट सत्र चल रहा है. आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सदन में आम बजट 2023 पेश करेंगी. आम लोगों के साथ ही व्यापारी वर्ग और अन्य वर्गों के लोग इस बजट का इंतजार कर रहे हैं. बजट में लोगों को उम्मीद है कि उन्हें राहत पहुंचाने केंद्र सरकार महंगाई कम करेगी. इसके अलावा व्यापार में छूट, जीएसटी के स्लैब में सुधार, टैक्स में राहत, महंगाई से राहत, पेट्रोल डीजल और रसोई गैस की कींमतों में कमी की भी लोगों को उम्मीदें हैं. जिसमें व्यापारी, गृहणी, कर्मचारी और किसान शामिल हैं. आइए जानते हैं इस बजट को लेकर उनकी क्या उम्मीदें हैं. इस बजट से छत्तीसगढ़ के लोगों को और क्या खास उम्मीदें हैं. इस पर ईटीवी भारत ने लोगों की राय जानी. आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में की छत्तीसगढ़िया जनता बजट में और क्या चाहती है.
बढ़ती महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद: देश की सबसे बड़ी जनसंख्या मिडिल क्लास और लोवर क्लास है, जो महंगाई से सबसे ज्यादा परेशान हैं. बढ़ती महंगाई से हर परिवार परेशान है. रोज इस्तेमाल होने वाले सामान की कीमतें तेजी से बढ़ रही है. खासकर दाल, चावल, आटा, दूध और अन्य सामान के दामों में राहत मिलना चाहिए. महंगाई के कारण घर का बजट पूरी तरह से बिगड़ गया है. अधिकतर महिलाओं को घर खर्च चलाने में काफी परेशानी हो रही है. ऐसे में लोग इस बजट में मंहगाई से राहत मिलने की उम्मीद कर रहे हैं.
टैक्स स्लैब और ब्याज दरों में राहत की उम्मीद: केंद्रीय बजट को लेकर छत्तीसगढ़ के व्यापारियों ने कहना है कि 9 सालों से इनकम टैक्स के स्लैब में कोई भी परिवर्तन नहीं किया गया है. ऐसे में इस बजट में स्लैब में परिवर्तन किया जाना चाहिए. इसके साथ ही छूट की सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जाना चाहिए. मध्यम और छोटे व्यापारियों को टैक्स में छूट मिलनी चाहिए. जो बड़े व्यापारी और उद्योगपति हैं उन पर रिच टैक्स लगाया जाना चाहिए. बजट में खास तौर पर प्राथमिकता के साथ जीएसटी में सरलीकरण करना चाहिए.
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पेट्रोल, डीजल और एलपीजी के दाम में कमी की आस: कोरोना काल के दौरान अतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़े कच्चे तेल की कीमत बढ़ गई थी. जिसका सीधा असर देशभर में पेट्रोल डीजल के दामों बढ़ोत्तरी के रूप में देखा गया. ईंधन के दाम बढ़ने से माल ढुलाई का खर्च बढ़ गया. जिससे बाजार में लोगों की जरूरत की सभी वस्तुओं के दाम आसमान छूने लगे. आज भी लोगों को ईंधन के दामों बढ़ने के चलते मंहगाई का सामना करना पड़ रहा है. छत्तीसगढ़ के लोगों को उम्मीद है कि पेट्रोल, डीजल और गैस के दाम में कमी इस बजट में हो सकती है.
सीनियर सिटिजन की भी बंधी है आस: आम बजट 2023 को लेकर छत्तीसगढ़ के सीनियर सिटीजंस की काफी उम्मीदें है. उन्हें सरकार से मिलने वाली वृद्ध पेंशन योजनाओं और कई स्कीमों के तहत सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की उम्मीद है. साथ ही भारतीय रेलवे, जो लाइफ लाइन कहलाती है. उसमें बहुत सी कमियां भी है. उसमें सुधार की आवश्यकता है. लोगों ने वित्त मंत्री से अपील की है कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए जो छूट बंद की गई है, कैंसर पीड़ितों के लिए, आम जनता के लिए, उसे दोबारा से दिया जाना चाहिए.
किसानों को सम्मान निधि की रकम बढ़ने की उम्मीद: छत्तीसगढ़ के किसानों को भी इस बार आम बजट से काफी उम्मीदें हैं. सरकार इस बार आम बजट में पीएम किसान योजना की नकद सहायता को बढ़ा सकती है. साथ ही लागत मूल्य के आधार पर फसलों का समर्थन मूल्य तय करने, फसल खरीदी की कानूनी गारंटी, किसानों के लिए फर्टिलाइजर में छूट की घोषणा हो, ऐसी उम्मीद किसानों को है.
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सार्वजनिक चिकित्सा व्यवस्था में सुधार की उम्मीद: छत्तीसगढ़ की आम जनता को उम्मीद है कि आम बजट में स्वास्थ्य बजट को बढ़ाया जाएगा. देश के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था में सुधार होगा. ऐसे गांव जहां पर अस्पताल नहीं हैं, वहां नए अस्पताल खुलेंगे और जरूरतमंदों को बेहतर इलाज मिल सकेगा. स्वास्थ्य बजट को सरकार डेढ़ फीसदी से बढ़ाएगी. कोरोना महामारी में हेल्थ सेक्टर में सुधार की जरूरत महसूस हुई. सरकार को अब इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण की ओर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. स्वास्थ्य योजना को और व्यावहारिक बनाए जाने की जरूरत है.
युवाओं को भी बजट से उम्मीदें: छत्तीसगढ़ के युवाओं को आने वाले नए बजट को लेकर बहुत सी उम्मीदें हैं. युवाओं को उम्मीद है कि सरकार बजट में उन पर ध्यान देगी, जिससे आने वाले समय में उन्हें रोजगार के बेहतर मौके मिल सकेंगे. साथ ही कम सैलरी में नौकरी करने वाले युवा सैलरी बढ़ाने के लिए, रोजगार को बढ़ावा देने की उम्मीदें लगाए बैठे हैं. साथ ही बेहतर एजुकेशन के लिए भी सरकारी प्रयासों को तेज करने की मांग युवाओं ने की है.
महंगाई भत्ता केंद्र के कर्मचारियों के समान हो: केंद्रीय बजट को लेकर छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों का कहना है कि "राज्य के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता केंद्र के कर्मचारियों की समान होना चाहिए, सभी कर्मचारियों के महंगाई भत्ता में समानता होनी चाहिए. इनकम टैक्स के छूट की राशि को बढ़ानी चाहिए. कर्मचारियों को इनकम टैक्स का जो स्लैब है, वह ढाई लाख का है. वह कम से कम 5 लाख रुपये होना चाहिए, जिससे कर्मचारियों को राहत मिलेगा.