रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने सभी 90 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिए. इस बार के चुनाव में राजनीतिक दलों ने सभी समुदाय और वर्गों का विशेष ख्याल रखते हुए विधानसभा चुनाव के लिए टिकट बांटा है. लेकिन इस बार भी मुस्लिम समुदाय के उम्मीदवारों की संख्या विधानसभा चुनाव में न के बराबर है. कांग्रेस ने मंत्री मोहम्मद अकबर को एक बार फिर टिकट दिया है लेकिन भाजपा ने 90 विधानसभा सीटों में से एक भी सीट पर मुस्लिम कैंडिडेट को टिकट नहीं दिया है.
छत्तीसगढ़ में लगभग 3.5 प्रतिशत है मुस्लिम आबादी: छत्तीसगढ़ ने मुस्लिम आबादी की बात की जाए तो साल 2011 में हुई जनगणना के अनुसार प्रदेश में कुल आबादी की लगभग 2.02 फीसदी आबादी मुस्लिम है, वहीं अब यह बढ़कर लगभग 3.5 प्रतिशत हो गई है. यह काफी बड़ा वोट बैंक है बावजूद इसके मुस्लिम समुदाय का छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रतिनिधित्व न के बराबर रहा है.
मोहम्मद अकबर को कांग्रेस ने बनाया उम्मीदवार: राजनीति के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे बताते हैं कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ बनने से लेकर अब तक महज दो मुस्लिम नेताओं को विधानसभा चुनाव में टिकट दिया. जिसमे से एक वर्तमान में भूपेश सरकार में मंत्री हैं. जिनका नाम मोहम्मद अकबर है. उन पर इस बार भी कांग्रेस ने विश्वास जताते हुए टिकट दिया है. वह कवर्धा से चुनाव लड़ रहे हैं. साल 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में बदरुद्दीन कुरैशी को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया था. बदरुद्दीन ने भिलाई शहर से विधानसभा चुनाव लड़ा था और भाजपा के उम्मीदवार प्रेम प्रकाश पांडे को हराकर विधायक बने।. हालांकि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने उन्हें दुर्ग की वैशाली नगर सीट से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वे यह चुनाव भाजपा के सिटिंग विधायक विद्यारतन भसीन से हार गए. मोहम्मद अकबर और बदरुद्दीन कुरैशी के अलावा अब छत्तीसगढ़ में कोई भी मुस्लिम समुदाय का नेता विधानसभा नहीं पहुंचा.
15 साल में भाजपा ने किसी मुस्लिम को नहीं दिया टिकट: भाजपा की बात की जाए तो अब तक छत्तीसगढ़ बनने के बाद जितने भी विधानसभा चुनाव हुए हैं उसमें बीजेपी ने एक भी टिकट मुस्लिम समुदाय को नहीं दिया. यही परंपरा इस बार भी बनी रही. साल 2023 के विधानसभा चुनाव में भी किसी भी मुस्लिम नेता को टिकट नहीं दिया गया है.
कांग्रेस में मुस्लिम नेताओं की बहुलता रही है. राज्य बनने के पहले से लेकर अब तक कांग्रेस में मुस्लिम नेता को काफी महत्व दिया गया.भाजपा की बात की जाए तो उसे लेकर एक आम धारणा रही है कि इस पार्टी में हिंदुत्व का ज्यादा असर रहा है. यही वजह है कि इस पार्टी से मुस्लिम लीडर कम जुड़े रहे - अनिरुद्ध दुबे, राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार
मुस्लिम समुदाय ने कांग्रेस से पांच लोगों को टिकट देने की थी मांग: मुस्लिम समुदाय की नाराजगी भाजपा से कम और कांग्रेस से ज्यादा देखने को मिल रही है. छत्तीसगढ़ गौसुल आजम कमेटी के सरपरस्त हाजी बदरूद्दीन खोखर का कहना है कि हर बार कांग्रेस हमारे समुदाय से दो लोगों को टिकट देती थी, लेकिन इस बार महज कवर्धा से एक उम्मीदवार बनाया है, हमने मुस्लिम समुदाय से पांच लोगों को टिकट देने की मांग कांग्रेस से की थी. उम्मीद थी कि कम से कम दो लोगों को जरूर कांग्रेस टिकट देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बदरुद्दीन ने कहा कि मुस्लिम समुदाय हमेशा सेकुलर लोगों के साथ रहा है और आगे भी सेकुलर पार्टी के साथ खड़ा रहेगा.
भाजपा में मुस्लिम समुदाय को तवज्जो न दिए जाने के सवाल पर बदरुद्दीन ने कहा "ऐसा नहीं कि भाजपा में मुस्लिम समुदाय के लोग नहीं है, वहां भी मुस्लिम समुदाय के लोग हैं और उन्हें तवज्जो मिल रही है इसलिए वे लोग उसमें है. लेकिन हमारा मानना है कि ज्यादा से ज्यादा राजनीति में हमारी भागीदारी हो और युवाओं से भी हम यही अपील करते हैं, चाहे वे किसी भी दल में जाएं लेकिन राजनीति में सक्रिय रहे."
छत्तीसगढ़ में लगभग 6 लाख से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं, यानी कि लगभग तीन से चार फ़ीसदी मुस्लिम वोटर, बावजूद इसके मुस्लिम समुदाय के लोगों को टिकट नहीं देने पर जल्द समाज की बैठक बुलाई जाएगी जिस पर फैसला किया जाएगा- हाजी बदरूद्दीन खोखर,सरपरस्त, गोसुल आजम कमेटी, छत्तीसगढ़
टिकट वितरण में सभी समुदाय और वर्गों का कांग्रेस ने रखा ख्याल: कांग्रेस का दावा है कि विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के दौरान सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है. सभी धर्म को मानने वालों को टिकट दिया गया है. कांग्रेस प्रत्याशी सूची में डॉक्टर, इंजीनियर, व्यापारी, किसान, युवक, महिलाएं सभी हैं. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर कहते हैं कि कांग्रेस ने सभी वर्गों का ख्याल रखा है लेकिन भाजपा की सूची में कहीं ना कहीं मनमानी देखने को मिल रही है जिससे भाजपा में नाराजगी भी नजर आ रही है.
कांग्रेस के प्रत्याशी चयन में 15 सामान्य, 30 ओबीसी, 32 एसटी, 10 एससी और 3 अल्पसंख्यक वर्ग के हैं. 90 विधानसभा सीटों में 18 महिलाओं को जिम्मेदारी दी गई है. - धनंजय सिंह ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस
टिकट वितरण में मुस्लिम को तवज्जो नहीं देने के आरोपों का भाजपा ने खंडन किया. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने बताया कि भाजपा जाति धर्म के आधार पर टिकट नहीं देती बल्कि सर्वे के बाद जीतने वाले उम्मीदवारों को टिकट देती है. श्रीवास ने कहा कि भाजपा बिनी किसी भेदभाव के काम करती है. मुस्लिम समाज के लिए भाजपा ने काफी काम किया है. उनको भी प्रतिनिधित्व का मौका दिया है.
धर्म और जाति का मापदंड कांग्रेस पार्टी में होता है. वहां इस आधार पर टिकट का चयन होता है. देश जानता है कि धर्म और जाति के नाम पर पूरे देश का विभाजन किसने किया है-गौरी शंकर श्रीवास, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा
जानकार बताते हैं कि छत्तीसगढ़ से अब तक कोई ऐसी बड़ी लीडरशिप मुस्लिम समुदाय से नहीं उभरी है. जिसे लेकर लोगों के मन में सवाल भी उठता है. लेकिन आजादी के बाद से ही मुस्लिम समुदाय का लगाव कांग्रेस के प्रति ज्यादा देखा गया है और यही वजह है कि उनकी पहली प्राथमिकता कांग्रेस होती है.