रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने परिवर्तन यात्रा निकाली है.जिसमें केंद्रीय नेताओं का जमावड़ा देखने को मिल रहा है. वहीं मध्यप्रदेश में बीजेपी की दूसरी सूची में ज्यादातर सांसदों को टिकट मिलने के बाद छत्तीसगढ़ में भी कयास लगने लगे हैं कि कहीं ना कहीं प्रदेश में भी सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा जा सकता है.जिसे लेकर राजनीति तेज हो गई है.
एमपी में मंत्रियों और सांसदों को टिकट : बीजेपी ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की है. जिसमें 3 केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को टिकट दिया गया है. इसके पहले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की ओर से जारी की गई. सूची में 22 उम्मीदवारों में एक सांसद का नाम शामिल किया गया है.ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि आने वाली दूसरी सूची में भी सांसदों को जगह मिले.
कांग्रेस ने बीजेपी को बताया हारी हुई पार्टी : बीजेपी के सांसदों को टिकट देने के सवाल पर सीएम भूपेश बघेल ने हमला बोला.सीएम भूपेश ने कहा कि इसका मतलब ये है कि भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में अपनी हार स्वीकार कर ली है. तभी केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ा रहे हैं.
''एक दो सांसद होते तो कोई बात नहीं थी. दर्जन भर सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतार रहे हैं. छत्तीसगढ़ में तो बीजेपी ने पहले ही हार मान ली है.'' भूपेश बघेल, सीएम
वहीं स्कूल शिक्षा मंत्री मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी के 9 सांसद हैं. जिनका मुंह प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के छत्तीसगढ़ आने पर उनके सामने नहीं खुलता है. यह जनता देख रही है. आज इतनी ट्रेनें बंद है, छत्तीसगढ़ की जनता परेशान है.
''ट्रेनों के बंद होने से यहां की जनता को तकलीफ हो रही है. प्रदेश के बीजेपी सांसद प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रेल मंत्री से ट्रेनों की मांग नहीं कर रहे हैं. ऐसे में इन सांसदों के विधानसभा चुनाव में उतरने से भी कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है.'' मोहन मरकाम, स्कूल शिक्षा मंत्री
बीजेपी गंभीरता से लेती है हर चुनाव : वहीं कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि सांसद अगर विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं तो ये हम गंभीरता से ले रहे हैं. अगर वो सोच रहे कि चुनाव को हम गंभीरता से नहीं ले रहे, तो ये उनकी रणनीति है.
लोकसभा के परफॉर्मेंस के आधार पर टिकट : वहीं इस बारे में राजनीति के जानकार उचित शर्मा का कहना है कि वर्तमान में बीजेपी की सोच में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है. भाजपा मानती है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी के चेहरे पर जीत हासिल कर सकती है. लोकसभा चुनाव 2019 की बात भी की जाए तो उसे दौरान मोदी के चेहरे पर भाजपा ने चुनाव लड़ा था और ऐसे सांसद 4 से 5 लाख वोटों से जीतकर आए जो कोई बड़ा चेहरा नहीं था. यही वजह है कि लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा में काफी कॉन्फिडेंट है.
''विधानसभा चुनाव में कहीं ना कहीं उम्मीदवार का चेहरा काफी महत्वपूर्ण होता है. यही कारण है कि बीजेपी इस विधानसभा चुनाव में सांसदों के चेहरे पर दाव लगा रही है. मध्य प्रदेश में बीजेपी ने मंत्री और सांसदों को टिकट दिया.आने वाले समय में बीजेपी वर्तमान ओर पूर्व सांसदों को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में टिकट दे सकती है.'' उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
किन सीटों पर बीजेपी दे सकती है सांसदों को टिकट : सूत्रों की माने तो आने वाले विधानसभा चुनाव में भी बचे हुए आठ सांसदों पर बीजेपी दाव खेल सकती है. भाजपा सांसद और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को बेलतरा विधानसभा से टिकट देने की चर्चा है. वहीं रायपुर उत्तर सीट से सांसद सुनील सोनी और कवर्धा से सांसद संतोष पांडेय को बीजेपी टिकट दे सकती है.रायगढ़ से सांसद गोमती साय को बीजेपी नंदकुमार साय के खिलाफ उतार सकती है. साथ ही महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू को महासमुंद या खल्लारी से विधानसभा चुनाव में मौका मिल सकता है. इसके अलावा सारंगढ़ सांसद गुहाराम अजगले को भी सारंगढ़ विधानसभा से टिकट मिल सकता है.