रायपुर: राजधानी रायपुर के संस्कृति विभाग परिसर में स्थित छत्तीसगढ़ व्यंजनों के पारंपरिक रेस्टोरेंट गढ़कलेवा का संचालन अब मुफ्त में नहीं होगा. संस्कृति विभाग इससे कमाई करने का मन बना रही है. इसके लिए विभाग ने एक साल का टेंडर भी जारी किया है. इस टेंडर के कुछ नियम और शर्तें रखी गई है.
टेंडर की शर्तों के मुताबिक हर महीने संस्कृति विभाग को किराया देना होगा. टेंडर खुलने से पहले 15 अक्टूबर को विभाग टेंडर प्रक्रिया में शामिल लोगों का इंटरव्यू और प्रश्नोत्तरी सत्र रखने जा रही है. बता दें कि संस्कृति विभाग में पिछले तीन सालों से एक महिला समूह द्वारा मुफ्त में गढ़कलेवा का संचालन किया जा रहा है.
वसूला जाएगा किराया
राजधानी के प्राइम लोकेशन में स्थित गढ़कलेवा से विभाग को किसी तरह का आर्थिक लाभ नहीं हो रहा था, लेकिन अब विभाग इस जगह के बदले कुछ किराया वसूलने की योजना बना रहा है. फिलहाल टेंडर में प्रति महीने किराए की राशि का जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन गढ़कलेवा के प्राइम लोकेशन और बढ़े क्षेत्र को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि अच्छी खासी मोटी रकम वसूली जा सकती है.
पारंपरिक व्यंजनों का गढ़ गढ़कलेवा
गौरतलब है कि रायपुर में पिछले कुछ साल से गढ़कलेवा ब्रांड के रूप में उभरा है, छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का लुफ्त उठाने बड़ी तादाद में हर वर्ग के लोग यहां आते हैं. अब देखने वाली बात ये होगी कि टेंडर प्रक्रिया से इसके संचालन पर क्या असर पड़ता है.