रायपुर: छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ (Chhattisgarh Cooperative Society Employees Union) ने 5 सूत्रीय मांग को लेकर धरना प्रदर्शन का मन बना लिया है. कर्मचारी संघ (Employees Union) आज से प्रदेश स्तर पर अनिश्चितकालीन धरना देंगे. उनका कहना है कि इससे पहले भी मांग को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं. लेकिन शासन प्रशासन की तरफ से उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया. इससे पहले छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ (Chhattisgarh Cooperative Society Employees Union) ने 25 अक्टूबर को राजधानी में जिला स्तर पर धरना दिया था. छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ (Chhattisgarh Cooperative Society Employees Union) ने सरकार को एक मौका देते हुए कहा है कि मांगे पूरी नहीं हुई तो 8 नवंबर से प्रदेश स्तर पर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन किया जाएगा.
राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर 25 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ (Chhattisgarh Cooperative Society Employees Union) ने जिला स्तर पर एक दिवसीय प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन करने के बाद कर्मचारी संघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और खाद्य मंत्री (Chief Minister and Food Minister) के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था.
पहले भी हो चुका है प्रदर्शन
अपनी मांगों को लेकर इसके पहले भी छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ प्रदर्शन कर चुका है. उस समय सहकारिता सचिव ने इनकी मांगों को जायज बताते हुए आश्वासन देकर प्रदर्शन को स्थगित करा दिया था. सहकारिता सचिव के द्वारा दिए गए आश्वासन पूरा होने की स्थिति में कर्मचारी संघ प्रदेश स्तर पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी थी.
धरनास्थल पर पहुंचे भाजपा के नेताओं ने सरकार को जमकर घेरा. बीजेपी प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि राज्य के इतिहास में यह पहली बार देखने को मिल रहा है कि सैकड़ों की संख्या में लोगों को आंदोलन करना पड़ रहा है. आंख में जो ज्वाला है, उससे सरकार भस्म हो जाएगी.
इधर, धरनास्थल पर पहुंचे पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने कहा कि धान का जो सुखद हुआ, उसके लिए सरकार जिम्मेवार है. सरकार न तो परिवहन करवा पाई और न ही उसे मील तक पहुंचा पाई. सरकार के लोग भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं. हर तरफ सरकार विफल है.
छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ की पांच सूत्री मांगें-
1. धान परिवहन देरी होने के कारण धान सूख जाने और अतिरिक्त खर्च की राशि समितियों को देते हुए प्रासंगिक और सुरक्षा व्यय में वृद्धि किया जाए.
2. वेतन अनुदान देते हुए शासकीय कर्मचारियों की तरह नियमित कर उन्हें वेतनमान दिया जाए.
3. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के खाली पदों पर सहकारी समितियों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को सत प्रतिशत सहयोग करते उम्र बंधन और योग्यता को शिथिल करते हुए बैंकों में प्लेसमेंट भर्ती पर रोक लगाई जाए.
4.सेवा नियम 2018 में संघ के मांग के अनुसार आंशिक संशोधन तत्काल किया जाए.
5. खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 (Kharif Marketing Year 2021-22) धान खरीदी नीति (Paddy Procurement Policy) और परिवहन नीति में संघ के मांग के अनुसार करते हुए नीति निर्धारण में संघ के प्रतिनिधि मंडल को शामिल किया जाए.