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दुर्ग के किसान की खुदकुशी पर गरमाई सियासत, 3 कृषि केंद्र भी सील

दुर्ग के किसान ने 5 एकड़ में अच्छी फसल का सपना देखा था, लेकिन दवा के छिड़काव के बाद फसल खराब हो गई. अन्नदाता सुसाइड नोट छोड़कर गया है, जिसमें इस बात का जिक्र है. अब नकली खाद-बीज और कीटनाशक पर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है.

durg farmer suicide case
किसान की खुदकुशी मामले में प्रदेश में हो रही राजनीति
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Published : Oct 6, 2020, 12:31 PM IST

Updated : Oct 6, 2020, 1:47 PM IST

रायपुर: दुर्ग में फसल खराब होने की वजह से अन्नदाता ने मौत को गले लगा लिया. किसान डुगेश प्रसाद निषाद अपने पीछे सुसाइड नोट छोड़ कर गए हैं, जिसमें उन्होंने दवा का छिड़काव करने के बाद फसल खराब होने की बात लिखी है. किसान की मौत से गांव में मातम पसरा हुआ है. पिता का कहना है कि उसके बेटे ने तीन बार खेतों में दवा का छिड़काव किया था, लेकिन करीब 5 एकड़ में लगी खड़ी फसल बर्बाद हो गई और उनका बेटा खेत में ही फांसी के फंदे पर झूल गया.

दुर्ग में किसान की आत्महत्या मामले को लेकर हो रही राजनीति

बताया जा रहा है कि डुगेश के पास अपनी डेढ़ एकड़ जमीन थी और उसने 4 एकड़ जमीन रेगहा पर ली थी. किसान ने 5 एकड़ में फसल लगाई थी, जो दवा के छिड़काव के बाद खराब हो गई. स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले उसकी फसल में चितरी नाम की बीमारी लगी फिर ब्लास. इस बीमारी की रोकथाम के लिए उसने खेत में 3 बार दवाई का छिड़काव किया था.

पढ़ें- किसान आत्महत्या केस: कांग्रेस सरकार में आत्महत्या, बीजेपी कार्यकाल पर सवाल !

परिवार को 4 लाख रुपए की सहायता

शोक में डूबे परिवार के जख्मों पर मरहम लगाने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू पहुंचे. उन्होंने सरकार की तरफ से परिजनों को 4 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की है. गृहमंत्री और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे दोनों ने मामले में जांच की बात कही है. ताम्रध्वज साहू ने किसी नई बीमारी से भी फसल खराब होने की आशंका जताई है.

पढ़ें- किसान आत्महत्या केस: कारणों का पता लगाने के लिए बीजेपी बना रही जांच कमेटी

पिछली सरकार पर निशाना

इधर आत्महत्या पर सियासत भी शुरू हो गई है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार पर नकली खाद-बीज और कीटनाशक को लेकर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. भाजपा इस मामले में जांच कमेटी का भी गठन करेगी. भाजपा ने कृषि मंत्री से इस्तीफा भी मांगा है. वहीं कृषि मंत्री ने पूर्व की रमन सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 15 सालों में पूर्ववर्ती रमन सरकार के संरक्षण में बड़े पैमाने पर खाद-बीज और नकली कीटनाशकों के व्यापार का काम होता रहा है. कांग्रेस सरकार ऐसी तमाम कंपनियों पर कार्रवाई जारी रखेगी.

पढ़ें- किसान खुदकुशी मामले में BJP ने कृषि मंत्री से मांगा इस्तीफा, 7 अक्टूबर को BJP का प्रदर्शन

पढ़ें- किसान खुदकुशी के मामले में कृषि विभाग की कार्रवाई, देर रात 3 कृषि केंद्रों को किया सील

इस पूरे घटनाक्रम के बीच मंगलवार को कृषि विभाग ने दुर्ग में 3 कृषि केंद्रों को सील कर दिया है. जानकारी के मुताबिक मृतक किसान ने इन्हीं दुकानों से दवाई ली थी. यह पूरी कार्रवाई संयुक्त संचालक के नेतृत्व में की गई है. जांच के बाद दुकान संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी.

durg farmer suicide case
दुर्ग में 3 कृषि केंद्रों को किया गया सील

पढ़ें- किसान आत्महत्या मामला: परिवार को गृहमंत्री ने दी सहायता राशि, जांच के आदेश

एक तरफ भाजपा सरकार पर तंज कस रही है कि किसानों के हितैषी किसानों को भूल गए हैं. वहीं सरकार इसे 15 साल का फल बता रही है. इस बीच सियासतदान ये न भूल जाएं कि अन्नदाता के जाने के बाद परिवार को सिर्फ चंद पैसों का मुआवजा मिलता है, बेटा नहीं.

रायपुर: दुर्ग में फसल खराब होने की वजह से अन्नदाता ने मौत को गले लगा लिया. किसान डुगेश प्रसाद निषाद अपने पीछे सुसाइड नोट छोड़ कर गए हैं, जिसमें उन्होंने दवा का छिड़काव करने के बाद फसल खराब होने की बात लिखी है. किसान की मौत से गांव में मातम पसरा हुआ है. पिता का कहना है कि उसके बेटे ने तीन बार खेतों में दवा का छिड़काव किया था, लेकिन करीब 5 एकड़ में लगी खड़ी फसल बर्बाद हो गई और उनका बेटा खेत में ही फांसी के फंदे पर झूल गया.

दुर्ग में किसान की आत्महत्या मामले को लेकर हो रही राजनीति

बताया जा रहा है कि डुगेश के पास अपनी डेढ़ एकड़ जमीन थी और उसने 4 एकड़ जमीन रेगहा पर ली थी. किसान ने 5 एकड़ में फसल लगाई थी, जो दवा के छिड़काव के बाद खराब हो गई. स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले उसकी फसल में चितरी नाम की बीमारी लगी फिर ब्लास. इस बीमारी की रोकथाम के लिए उसने खेत में 3 बार दवाई का छिड़काव किया था.

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परिवार को 4 लाख रुपए की सहायता

शोक में डूबे परिवार के जख्मों पर मरहम लगाने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू पहुंचे. उन्होंने सरकार की तरफ से परिजनों को 4 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की है. गृहमंत्री और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे दोनों ने मामले में जांच की बात कही है. ताम्रध्वज साहू ने किसी नई बीमारी से भी फसल खराब होने की आशंका जताई है.

पढ़ें- किसान आत्महत्या केस: कारणों का पता लगाने के लिए बीजेपी बना रही जांच कमेटी

पिछली सरकार पर निशाना

इधर आत्महत्या पर सियासत भी शुरू हो गई है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार पर नकली खाद-बीज और कीटनाशक को लेकर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. भाजपा इस मामले में जांच कमेटी का भी गठन करेगी. भाजपा ने कृषि मंत्री से इस्तीफा भी मांगा है. वहीं कृषि मंत्री ने पूर्व की रमन सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 15 सालों में पूर्ववर्ती रमन सरकार के संरक्षण में बड़े पैमाने पर खाद-बीज और नकली कीटनाशकों के व्यापार का काम होता रहा है. कांग्रेस सरकार ऐसी तमाम कंपनियों पर कार्रवाई जारी रखेगी.

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इस पूरे घटनाक्रम के बीच मंगलवार को कृषि विभाग ने दुर्ग में 3 कृषि केंद्रों को सील कर दिया है. जानकारी के मुताबिक मृतक किसान ने इन्हीं दुकानों से दवाई ली थी. यह पूरी कार्रवाई संयुक्त संचालक के नेतृत्व में की गई है. जांच के बाद दुकान संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी.

durg farmer suicide case
दुर्ग में 3 कृषि केंद्रों को किया गया सील

पढ़ें- किसान आत्महत्या मामला: परिवार को गृहमंत्री ने दी सहायता राशि, जांच के आदेश

एक तरफ भाजपा सरकार पर तंज कस रही है कि किसानों के हितैषी किसानों को भूल गए हैं. वहीं सरकार इसे 15 साल का फल बता रही है. इस बीच सियासतदान ये न भूल जाएं कि अन्नदाता के जाने के बाद परिवार को सिर्फ चंद पैसों का मुआवजा मिलता है, बेटा नहीं.

Last Updated : Oct 6, 2020, 1:47 PM IST
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