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रायुपर: 11 सूत्रीय मांग को लेकर सड़क पर उतरे छत्तीसगढ़ बस कर्मचारी संघ

छत्तीसगढ़ के बस ड्राइवर और कंडक्टरों ने राजधानी में अपनी 11 सूत्रीय मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने राज्य की भूपेश सरकार से उनकी मांगों को पूरा करने की अपील की है. साथ ही कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी तब तक वे धरने पर बैठेंगे.

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Published : Nov 13, 2020, 4:50 PM IST

Updated : Nov 13, 2020, 5:34 PM IST

Chhattisgarh bus workers union staged protest
धरने पर बस कर्मचारी

रायपुर: बस कर्मचारी कल्याण संघ के बैनर तले छत्तीसगढ़ के बस ड्राइवर और कंडक्टरों ने राजधानी में अपनी 11 सूत्रीय मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि बस मालिक स्थानीय ड्राइवर और कंडक्टरों को बस संचालन नहीं करने दे रहे हैं. बस मालिक दूसरी जगहों से ड्राइवर और कंडक्टर को बुलाकर बसों का संचालन करा रहे हैं. कोरोना और लॉकडाउन के बाद पूरे प्रदेश में पिछले ढाई महीने से करीब 10 प्रतिशत बसों का संचालन शुरू नहीं हो सका है. जिसकी वजह से प्रदेश के 45 हजार से ज्यादा ड्राइवर और कंडक्टर पिछले 6 महीने से बेरोजगार बैठे हैं.

धरने पर बैठे बस कर्मचारी

राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर छत्तीसगढ़ के ड्राइवर और कंडक्टर अपनी मांगों को लेकर 12 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.

Chhattisgarh bus workers union staged protest
बस कर्मचारियों का धरना

दिवाली मनाने के लिए नहीं हैं पैसे

14 नवंबर शनिवार को दिवाली का पर्व मनाया जाएगा, लेकिन ड्राइवर और कंडक्टरों का कहना है कि, पिछले 6 महीने से वे बेरोजगार हो चुके हैं. ऐसे में बसों का संचालन करने वाले ड्राइवर और कंडक्टर दिवाली कैसे मनाएंगे. बसों का संचालन करने वाले ड्राइवर और कंडक्टर पिछले 6 महीने से जैसे तैसे अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं. बस मालिकों की कुछ मांगों को सरकार ने पूरा तो किया था. जिसके बाद बस मालिकों ने राहत की सांस ली थी. लेकिन प्रदेश के ड्राइवर और कंडक्टर को इसका फायदा नहीं मिल पाया है.

Chhattisgarh bus workers union staged protest
बंद पड़ी बसें

कोरिया: महिला पुलिस स्वयं सेविकाओं को 11 महीने से नहीं मिला वेतन, पहुंची मनेन्द्रगढ़ थाना

बस कर्मचारी कल्याण संघ की 11 सूत्रीय मांगें

  • पिछले 6 महीने का बेरोजगारी भत्ता दिया जाए.
  • चालक परिचालक का नियमित वेतन दिया जाए.
  • नियमित ड्यूटी करने वाले कर्मचारी और श्रमिकों को शासन की हर योजना का फायदा दिया जाए.
  • आकस्मिक दुर्घटना होने पर बीमा का फायदा एक महीने के अंदर दिया जाए.
  • चालक परिचालक और हेल्पर को दुर्घटना में मृत्यु होने पर 25 हजार रुपये की आर्थिक मदद की जाए.
  • प्रदेश में बसों का संचालन 100 प्रतिशत शुरू किया जाए और सभी बस कर्मचारियों को काम दिया जाए.
  • चालक परिचालक और हेल्पर को कलेक्टर दर पर सभी को पेमेंट स्लिप जारी करवाते हुए उनके बैंक खाते में भुगतान किया जाए.
  • बसों में कार्यरत कर्मचारियों का कर्मचारी यूनियन से पंजीकृत होना अनिवार्य किया जाए.
  • छत्तीसगढ़ के निवासी को प्राथमिकता दिया जाए.
  • बसों का संचालन बस स्टैंड से शासन के नियमों के अनुरूप और संचालन कराने की जवाबदारी बस कर्मचारी संघ को सौंपी जाए.
  • इंटर स्टेट हाईटेक बस स्टैंड और छत्तीसगढ़ राज्य के सभी जिला बस स्टैंड परिसर में बस कर्मचारी संघ के लिए विश्रामगृह की निशुल्क व्यवस्था की जाए.

रायपुर: बस कर्मचारी कल्याण संघ के बैनर तले छत्तीसगढ़ के बस ड्राइवर और कंडक्टरों ने राजधानी में अपनी 11 सूत्रीय मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि बस मालिक स्थानीय ड्राइवर और कंडक्टरों को बस संचालन नहीं करने दे रहे हैं. बस मालिक दूसरी जगहों से ड्राइवर और कंडक्टर को बुलाकर बसों का संचालन करा रहे हैं. कोरोना और लॉकडाउन के बाद पूरे प्रदेश में पिछले ढाई महीने से करीब 10 प्रतिशत बसों का संचालन शुरू नहीं हो सका है. जिसकी वजह से प्रदेश के 45 हजार से ज्यादा ड्राइवर और कंडक्टर पिछले 6 महीने से बेरोजगार बैठे हैं.

धरने पर बैठे बस कर्मचारी

राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर छत्तीसगढ़ के ड्राइवर और कंडक्टर अपनी मांगों को लेकर 12 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.

Chhattisgarh bus workers union staged protest
बस कर्मचारियों का धरना

दिवाली मनाने के लिए नहीं हैं पैसे

14 नवंबर शनिवार को दिवाली का पर्व मनाया जाएगा, लेकिन ड्राइवर और कंडक्टरों का कहना है कि, पिछले 6 महीने से वे बेरोजगार हो चुके हैं. ऐसे में बसों का संचालन करने वाले ड्राइवर और कंडक्टर दिवाली कैसे मनाएंगे. बसों का संचालन करने वाले ड्राइवर और कंडक्टर पिछले 6 महीने से जैसे तैसे अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं. बस मालिकों की कुछ मांगों को सरकार ने पूरा तो किया था. जिसके बाद बस मालिकों ने राहत की सांस ली थी. लेकिन प्रदेश के ड्राइवर और कंडक्टर को इसका फायदा नहीं मिल पाया है.

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बंद पड़ी बसें

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बस कर्मचारी कल्याण संघ की 11 सूत्रीय मांगें

  • पिछले 6 महीने का बेरोजगारी भत्ता दिया जाए.
  • चालक परिचालक का नियमित वेतन दिया जाए.
  • नियमित ड्यूटी करने वाले कर्मचारी और श्रमिकों को शासन की हर योजना का फायदा दिया जाए.
  • आकस्मिक दुर्घटना होने पर बीमा का फायदा एक महीने के अंदर दिया जाए.
  • चालक परिचालक और हेल्पर को दुर्घटना में मृत्यु होने पर 25 हजार रुपये की आर्थिक मदद की जाए.
  • प्रदेश में बसों का संचालन 100 प्रतिशत शुरू किया जाए और सभी बस कर्मचारियों को काम दिया जाए.
  • चालक परिचालक और हेल्पर को कलेक्टर दर पर सभी को पेमेंट स्लिप जारी करवाते हुए उनके बैंक खाते में भुगतान किया जाए.
  • बसों में कार्यरत कर्मचारियों का कर्मचारी यूनियन से पंजीकृत होना अनिवार्य किया जाए.
  • छत्तीसगढ़ के निवासी को प्राथमिकता दिया जाए.
  • बसों का संचालन बस स्टैंड से शासन के नियमों के अनुरूप और संचालन कराने की जवाबदारी बस कर्मचारी संघ को सौंपी जाए.
  • इंटर स्टेट हाईटेक बस स्टैंड और छत्तीसगढ़ राज्य के सभी जिला बस स्टैंड परिसर में बस कर्मचारी संघ के लिए विश्रामगृह की निशुल्क व्यवस्था की जाए.
Last Updated : Nov 13, 2020, 5:34 PM IST
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