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नाराज आदिवासियों की नब्ज टटोलने बस्तर में पुनिया ने डाला डेरा

tribal reservation in chhattisgarh छत्तीसगढ़ में जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं. कांग्रेस ज्यादा एक्टिव होती जा रही है. एक तरफ सीएम भूपेश बघेल केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है तो दूसरी ओर पीएल पुनिया छत्तीसगढ़ के बस्तर में डेरा डाले हुए हैं. यहां वे जमीनीस्तर पर आदिवासियों और उनकी संस्कृति से जुड़ने की कोशिश करेंगे. PL Punia in Bastar to grope angry tribals

PL Punia in Bastar
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023
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Published : Oct 28, 2022, 8:44 PM IST

Updated : Oct 28, 2022, 10:19 PM IST

रायपुर: आगामी विधानसभा चुनाव के पहले ही बस्तर को साधने में कांग्रेस जुट गई है. उसके लिए कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया बस्तर में तीन दिवसीय डेरा डाले हुए हैं. जहां वे आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाएंगे. इसके अलावा पुनिया की आरक्षण मामले को लेकर चल रही आदिवासियों की नाराजगी को दूर करने की भी कोशिश होगी.

आदिवासियों के आरक्षण मामले में कांग्रेस को कटघरे में खड़े कर रही भाजपा

आदिवासियों का आरक्षण 32 से घटकर हुआ 20 प्रतिशत: कुछ दिन पहले एसटी, एससी व ओबीसी को मिलने वाले 58 फीसदी आरक्षण को रिवर्ट करने के हाईकोर्ट के फैसले के बाद आदिवासियों को मिलने वाला आरक्षण 32 से घटकर 20 प्रतिशत हो गया. जिसे लेकर आदिवासियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाजपा भी इस मामले को लेकर सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. इधर कांग्रेस इसके लिए उल्टा पूर्व की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है.

आदिवासियों की नाराजगी के चलते पुनिया का बस्तर दौरा पहले हुआ था रद्द: आरक्षण में की गई कटौती के बाद से ही आदिवासी नाराज चल रहे हैं. आदिवासियों की नाराजगी के चलते कुछ दिन पहले पुनिया का तीन दिवसीय बस्तर प्रवास रद्द हो चुका था. 9 अक्टूबर से प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम और प्रदेश सह प्रभारी सप्तगिरी उल्का बस्तर दौरे पर निकलने वाले थे. तीन दिन के इस दौरे में सभी नेता 12 विधानसभाओं के कार्यकर्ताओं, पार्टी पदाधिकारियों और बूथ प्रभारियों की बैठक लेने वाले थे. आरक्षण मामले को लेकर हाईकोर्ट से आए फैसले के बाद अचानक से पुनिया का दौरा रद्द कर दिया गया था.

वन नेशन वन पुलिस पर भड़के सीएम भूपेश, कहा केंद्रीय पुलिस नाम की कोई चीज नहीं होती

तीन दिवसीय बस्तर प्रवास पर पहुंचे पुनिया: इसके बाद पुनिया का दोबारा बस्तर का तीन दिवसीय दौरा बनाया गया. पीएल पुनिया 28 अक्टूबर को जगदलपुर पहुंचे. पुनिया जगदलपुर में कांग्रेस पदाधिकारियों और वरिष्ठ कांग्रेसजनों के साथ बैठक में शामिल हुए. 29 अक्टूबर दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन करेंगे. दंतेवाड़ा में विधानसभा क्षेत्र दंतेवाड़ा के कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ बैठक में शामिल होंगे. 30 अक्टूबर को सर्किट हाउस जगदलपुर में वरिष्ठ कांग्रेसजनों के साथ बैठक में शामिल होंगे. अपने इस प्रवास के दौरान पुनिया बस्तर में चुनाव जीतने का कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को मंत्र भी देंगे.

5 दिनों तक कांग्रेस दिग्गजों ने बस्तर में डाला था डेरा: इसके पहले भाजपा के दिग्गज नेता भी बस्तर में डेरा डाल चुके हैं. 21 से लेकर 25 सितंबर तक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष दोनों नेता बस्तर, सुकमा ,दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर, कांकेर का दौरा किया. जिसमे आने वाले विधानसभा चुनाव में बस्तर की पूरी 12 विधानसभा सीटों में जीत दर्ज करने भाजपा के एक एक कार्यकर्ताओं में जोश भरा गया है.

आदिवासियों की नाराजगी दूर करने की होगी कोशिश: अब कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पुनिया का दौरा हो रहा है. जिसे लेकर कांग्रेस में काफी उत्साह का माहौल है. बस्तर दौरे के दौरान वे जहां एक और पार्टी पदाधिकारियों की बैठक लेकर आगामी चुनाव की रणनीति तैयार करेंगे वहीं दूसरी ओर आदिवासियों को लेकर सरकार की संचालित योजनाओं की समीक्षा भी करेंगे. इसके अलावा आरक्षण मामले को लेकर आदिवासियों में चल रही नाराजगी को दूर करने का भी प्रयास होगा.

आदिवासियों को नाचने, गाने, नृत्य, कला तक ही सीमित रखेगी कांग्रेस: पुनिया के इस बस्तर दौरे को लेकर भाजपा ने जमकर निशाना साधा है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर का कहना है कि "कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया बस्तर दौरे पर हैं. लेकिन उन्हें आदिवासियों के आरक्षण मामले को लेकर पार्टी की स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए. कांग्रेस पार्टी आरक्षण कम होने पर विचार करेगी या फिर आदिवासियों को नाचने गाने नृत्य कला तक ही सीमित रखेगी. भारतीय जनता पार्टी ने आदिवासी समाज के लिए 32 प्रतिशत आरक्षण कराया था उसे बचा पाने में कांग्रेस सरकार असफल रही है. इस मामले को लेकर कांग्रेस को आदिवासी समाज को जवाब देना चाहिए.

भाजपा के इन आरोपों को लेकर जब कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला से बात की गई तो उन्होंने देवलाल ठाकुर के बयान पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

बस्तर की 12 में से 12 सीटों पर कांग्रेस का है कब्जा: पिछले विधान सभा चुनाव में बीजेपी बस्तर संभाग की 12 में से 11 सीटें हार गई थी. बीजेपी को केवल एक सीट दंतेवाड़ा में जीत मिली थी. लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव से पहले नक्सलियों ने हमला कर बीजेपी विधायक की हत्या कर दी. जिसके बाद उस सीट पर उपचुनाव हुआ. उपचुनाव में बीजेपी ये सीट भी हार गई थी. जिसके बाद बस्तर की 12 में से 12 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा हो गया.

रायपुर: आगामी विधानसभा चुनाव के पहले ही बस्तर को साधने में कांग्रेस जुट गई है. उसके लिए कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया बस्तर में तीन दिवसीय डेरा डाले हुए हैं. जहां वे आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाएंगे. इसके अलावा पुनिया की आरक्षण मामले को लेकर चल रही आदिवासियों की नाराजगी को दूर करने की भी कोशिश होगी.

आदिवासियों के आरक्षण मामले में कांग्रेस को कटघरे में खड़े कर रही भाजपा

आदिवासियों का आरक्षण 32 से घटकर हुआ 20 प्रतिशत: कुछ दिन पहले एसटी, एससी व ओबीसी को मिलने वाले 58 फीसदी आरक्षण को रिवर्ट करने के हाईकोर्ट के फैसले के बाद आदिवासियों को मिलने वाला आरक्षण 32 से घटकर 20 प्रतिशत हो गया. जिसे लेकर आदिवासियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाजपा भी इस मामले को लेकर सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. इधर कांग्रेस इसके लिए उल्टा पूर्व की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है.

आदिवासियों की नाराजगी के चलते पुनिया का बस्तर दौरा पहले हुआ था रद्द: आरक्षण में की गई कटौती के बाद से ही आदिवासी नाराज चल रहे हैं. आदिवासियों की नाराजगी के चलते कुछ दिन पहले पुनिया का तीन दिवसीय बस्तर प्रवास रद्द हो चुका था. 9 अक्टूबर से प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम और प्रदेश सह प्रभारी सप्तगिरी उल्का बस्तर दौरे पर निकलने वाले थे. तीन दिन के इस दौरे में सभी नेता 12 विधानसभाओं के कार्यकर्ताओं, पार्टी पदाधिकारियों और बूथ प्रभारियों की बैठक लेने वाले थे. आरक्षण मामले को लेकर हाईकोर्ट से आए फैसले के बाद अचानक से पुनिया का दौरा रद्द कर दिया गया था.

वन नेशन वन पुलिस पर भड़के सीएम भूपेश, कहा केंद्रीय पुलिस नाम की कोई चीज नहीं होती

तीन दिवसीय बस्तर प्रवास पर पहुंचे पुनिया: इसके बाद पुनिया का दोबारा बस्तर का तीन दिवसीय दौरा बनाया गया. पीएल पुनिया 28 अक्टूबर को जगदलपुर पहुंचे. पुनिया जगदलपुर में कांग्रेस पदाधिकारियों और वरिष्ठ कांग्रेसजनों के साथ बैठक में शामिल हुए. 29 अक्टूबर दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन करेंगे. दंतेवाड़ा में विधानसभा क्षेत्र दंतेवाड़ा के कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ बैठक में शामिल होंगे. 30 अक्टूबर को सर्किट हाउस जगदलपुर में वरिष्ठ कांग्रेसजनों के साथ बैठक में शामिल होंगे. अपने इस प्रवास के दौरान पुनिया बस्तर में चुनाव जीतने का कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को मंत्र भी देंगे.

5 दिनों तक कांग्रेस दिग्गजों ने बस्तर में डाला था डेरा: इसके पहले भाजपा के दिग्गज नेता भी बस्तर में डेरा डाल चुके हैं. 21 से लेकर 25 सितंबर तक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष दोनों नेता बस्तर, सुकमा ,दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर, कांकेर का दौरा किया. जिसमे आने वाले विधानसभा चुनाव में बस्तर की पूरी 12 विधानसभा सीटों में जीत दर्ज करने भाजपा के एक एक कार्यकर्ताओं में जोश भरा गया है.

आदिवासियों की नाराजगी दूर करने की होगी कोशिश: अब कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पुनिया का दौरा हो रहा है. जिसे लेकर कांग्रेस में काफी उत्साह का माहौल है. बस्तर दौरे के दौरान वे जहां एक और पार्टी पदाधिकारियों की बैठक लेकर आगामी चुनाव की रणनीति तैयार करेंगे वहीं दूसरी ओर आदिवासियों को लेकर सरकार की संचालित योजनाओं की समीक्षा भी करेंगे. इसके अलावा आरक्षण मामले को लेकर आदिवासियों में चल रही नाराजगी को दूर करने का भी प्रयास होगा.

आदिवासियों को नाचने, गाने, नृत्य, कला तक ही सीमित रखेगी कांग्रेस: पुनिया के इस बस्तर दौरे को लेकर भाजपा ने जमकर निशाना साधा है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर का कहना है कि "कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया बस्तर दौरे पर हैं. लेकिन उन्हें आदिवासियों के आरक्षण मामले को लेकर पार्टी की स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए. कांग्रेस पार्टी आरक्षण कम होने पर विचार करेगी या फिर आदिवासियों को नाचने गाने नृत्य कला तक ही सीमित रखेगी. भारतीय जनता पार्टी ने आदिवासी समाज के लिए 32 प्रतिशत आरक्षण कराया था उसे बचा पाने में कांग्रेस सरकार असफल रही है. इस मामले को लेकर कांग्रेस को आदिवासी समाज को जवाब देना चाहिए.

भाजपा के इन आरोपों को लेकर जब कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला से बात की गई तो उन्होंने देवलाल ठाकुर के बयान पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

बस्तर की 12 में से 12 सीटों पर कांग्रेस का है कब्जा: पिछले विधान सभा चुनाव में बीजेपी बस्तर संभाग की 12 में से 11 सीटें हार गई थी. बीजेपी को केवल एक सीट दंतेवाड़ा में जीत मिली थी. लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव से पहले नक्सलियों ने हमला कर बीजेपी विधायक की हत्या कर दी. जिसके बाद उस सीट पर उपचुनाव हुआ. उपचुनाव में बीजेपी ये सीट भी हार गई थी. जिसके बाद बस्तर की 12 में से 12 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा हो गया.

Last Updated : Oct 28, 2022, 10:19 PM IST
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