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छत्तीसगढ़ के लिए आज का दिन बेहद अहम! कांग्रेस आलाकमान के साथ हो सकती है अगले दौर की चर्चा - Chances of next round of discussion with Congress high command

छत्तीसगढ़ की सियासत एक बार फिर हिलोरे ले रही है. राजनीतिक पंडित किसी बड़े तूफान की आशंका जता रहे हैं. फिलहाल इस हलचल की एक धुरी दिल्ली में टिकी है तो दूसरी छत्तीसगढ़ में.

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भूपेश और सिंहदेव
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Published : Aug 26, 2021, 7:06 PM IST

Updated : Aug 27, 2021, 6:17 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की जीत के बाद से ही मुख्यमंत्री पद के लिए ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले की बात रह रहकर उभरकर सामने आ जाती है. मुख्यमंत्री बघेल ने इस पर कभी खुलकर बात नहीं की है. सिंहदेव ने कभी भी खुलकर इसका विरोध नहीं किया है. उनकी लाइन साफ रही है कि उन्हें जब जो भूमिका सौंपी जाएगी, वे उसे निभाएंगे.

आखिर कांग्रेस के विधायक क्यों लगाने लगे दिल्ली की दौड़ ?

शुक्रवार को दिल्ली जा सकते हैं भूपेश

सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री बघेल कल फिर दिल्ली जा सकते हैं. टीएस सिंहदेव फिलहाल वहां बने हुए हैं. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं से पार्टी आलाकमान एक दौर की बातचीत और कर सकता है. इससे पहले सीएम भूपेश बघेल जब राहुल गांधी के साथ मुलाकात के बाद जहां पुनिया समेत तमाम नेताओं ने कहा कि ढाई साल वाला कोई फॉर्मूला नहीं है. फिलहाल छत्तीसगढ़ के विकास और सरकार के कामकाज पर चर्चा की गई. रायपुर पहुंचने पर भूपेश बघेल समर्थकों के हुजूम के बीच कहते हैं, कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी जब तक चाहेंगे वे मुख्यमंत्री बने रहेंगे. ढाई-ढाई साल की बात करने वालों को सफलता नहीं मिलेगी.

क्या ढाई-ढाई साल की जगह उपमुख्यमंत्री के फॉर्मूले पर विचार कर सकती है कांग्रेस?

क्या नारों के बहाने भाजपा नहीं 'अपने' ही निशाने पर

कुछ दिन पहले दिल्ली में छत्तीसगढ़ से गए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने टीएस सिंहदेव के पक्ष में नारेबाजी कर दी थी. इसमें कार्यकर्ताओं ने नारा लगाया था... 'छत्तीसगढ़ डोल रहा है... बाबा बाबा बोल रहा है' इसके उलट जब दिल्ली से भूपेश बघेल लौटते हैं तो उनके समर्थक नारा लगाते हैं कि ''छत्तीसगढ़ अड़ा है भूपेश के साथ खड़ा है''. अब इस 'डोल' रहा है और 'अड़ा' है शब्द एक दूसरे के विपरित अर्थ वाले हैं. दोनों का इस्तेमाल एक ही पार्टी के सदस्य कर रहे हैं तो इसके मायने साफ लगाया जा सकते हैं कि दरअसल इन नारों का इस्तेमाल भाजपा पर नहीं है. ये पार्टी के अंदर इस्तेमाल होने वाला अस्त्र था.

शुक्रवार रहेगा खास दिन

हालांकि अबतक मुख्यमंत्री बघेल के दिल्ली दौरे के बारे में पुष्टि नहीं हुई लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि शुक्रवार को वे दिल्ली जा सकते हैं. ऐसे में शुक्रवार का दिन प्रदेश की सियासत के लिए बेहद अहम दिन साबित हो सकता है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की जीत के बाद से ही मुख्यमंत्री पद के लिए ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले की बात रह रहकर उभरकर सामने आ जाती है. मुख्यमंत्री बघेल ने इस पर कभी खुलकर बात नहीं की है. सिंहदेव ने कभी भी खुलकर इसका विरोध नहीं किया है. उनकी लाइन साफ रही है कि उन्हें जब जो भूमिका सौंपी जाएगी, वे उसे निभाएंगे.

आखिर कांग्रेस के विधायक क्यों लगाने लगे दिल्ली की दौड़ ?

शुक्रवार को दिल्ली जा सकते हैं भूपेश

सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री बघेल कल फिर दिल्ली जा सकते हैं. टीएस सिंहदेव फिलहाल वहां बने हुए हैं. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं से पार्टी आलाकमान एक दौर की बातचीत और कर सकता है. इससे पहले सीएम भूपेश बघेल जब राहुल गांधी के साथ मुलाकात के बाद जहां पुनिया समेत तमाम नेताओं ने कहा कि ढाई साल वाला कोई फॉर्मूला नहीं है. फिलहाल छत्तीसगढ़ के विकास और सरकार के कामकाज पर चर्चा की गई. रायपुर पहुंचने पर भूपेश बघेल समर्थकों के हुजूम के बीच कहते हैं, कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी जब तक चाहेंगे वे मुख्यमंत्री बने रहेंगे. ढाई-ढाई साल की बात करने वालों को सफलता नहीं मिलेगी.

क्या ढाई-ढाई साल की जगह उपमुख्यमंत्री के फॉर्मूले पर विचार कर सकती है कांग्रेस?

क्या नारों के बहाने भाजपा नहीं 'अपने' ही निशाने पर

कुछ दिन पहले दिल्ली में छत्तीसगढ़ से गए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने टीएस सिंहदेव के पक्ष में नारेबाजी कर दी थी. इसमें कार्यकर्ताओं ने नारा लगाया था... 'छत्तीसगढ़ डोल रहा है... बाबा बाबा बोल रहा है' इसके उलट जब दिल्ली से भूपेश बघेल लौटते हैं तो उनके समर्थक नारा लगाते हैं कि ''छत्तीसगढ़ अड़ा है भूपेश के साथ खड़ा है''. अब इस 'डोल' रहा है और 'अड़ा' है शब्द एक दूसरे के विपरित अर्थ वाले हैं. दोनों का इस्तेमाल एक ही पार्टी के सदस्य कर रहे हैं तो इसके मायने साफ लगाया जा सकते हैं कि दरअसल इन नारों का इस्तेमाल भाजपा पर नहीं है. ये पार्टी के अंदर इस्तेमाल होने वाला अस्त्र था.

शुक्रवार रहेगा खास दिन

हालांकि अबतक मुख्यमंत्री बघेल के दिल्ली दौरे के बारे में पुष्टि नहीं हुई लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि शुक्रवार को वे दिल्ली जा सकते हैं. ऐसे में शुक्रवार का दिन प्रदेश की सियासत के लिए बेहद अहम दिन साबित हो सकता है.

Last Updated : Aug 27, 2021, 6:17 AM IST
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