रायपुर: मौसम विभाग ने 20 जुलाई को प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ गरज-चमक की संभावना जताई है. मौसम विभाग ने संभावना जताते हुए कहा कि अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है, लेकिन प्रदेश के उत्तरी भाग में ज्यादा बारिश होने की संभावना है. राजधानी में बारिश की बात की जाए तो मानसून शुरू होने के बाद सप्ताह में एक या दो दिन कुछ देर के लिए बारिश जरूर हो रही है. उसके बाद बारिश के बंद होने के साथ ही उमस भरी गर्मी का एहसास लोगों को होने लगता है.
बारिश की संभावानएं
मानसून छत्तीसगढ़ में 11 जून से पहुंच चुका है. राजधानी सहित प्रदेश के कई जिलों में 21 से 23 जून तक झमाझम बारिश होने के बाद मानसून ब्रेक जैसी स्थिति निर्मित हो गई है, जिसके कारण राजधानी में अभी भी उमस भरी गर्मी का सामना लोगों को करना पड़ रहा है. आज सुबह से बारिश के हालात बने हुए हैं और बादल छाए हुए हैं. आज उम्मीद है कि बारिश होगी, लेकिन इसपर अभी से कुछ नहीं कहा जा सकता.
मौसम विभाग ने जताई ज्यादा बारिश की संभावना
मानसून द्रोणिका मध्य समुद्र तल से 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर गंगानगर, रोहतक, फुरसतगंज, पटना और उसके आसपास हिमालय की तराई की पर मानसून द्रोणिका स्थित है. जिसके प्रभाव से प्रदेश के उत्तरी भाग में ज्यादा बारिश होने की संभावना मौसम विभाग जताई गई है.
चक्रीय चक्रवाती घेरे का प्रभाव
कुछ दिन पहले ही मानसून द्रोणिका ध्वनि अजमेर, गुना, उमरिया, अंबिकापुर, जमशेदपुर, दीघा, उसके बाद दक्षिण-पूर्व की ओर होते हुए उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है. एक चक्रीय चक्रवाती घेरा उत्तर मध्यप्रदेश के मध्य भाग में 2.1 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है और एक विंडशियर जोन 19 डिग्री उत्तर में 3.1 से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक स्थित है.