ETV Bharat / state

Challenges of Chhattisgarh goverment in 2022 : साल 2022 में छत्तीसगढ़ के सामने हैं ये चुनौतियां, कितनी तैयार है सरकार ? - challenges of Chhattisgarh goverment

सरकार की कई ऐसी योजनाएं व निर्माण कार्य, जो कि लंबित है. जिन्हें इस साल में सरकार पूरा करेगी. ऐसे कार्यों को लेकर क्या तैयारी है. इसे जानने के लिए पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

Chhattisgarh government year Ender 2021
छत्तीसगढ़ सरकार के सामने चुनौती
author img

By

Published : Dec 29, 2021, 10:03 PM IST

Updated : Jan 1, 2022, 9:45 AM IST

रायपुर: साल 2021 में छत्तीसगढ़ सरकार की कई ऐसी योजनाएं और निर्माण कार्य रहे जो कि लंबित है. जिन्हें सरकार पूरा नहीं कर पाई. ऐसे कार्यों को लेकर संभावनाएं जतायी जा रही है कि नए साल 2022 में सरकार इन अधूरे कामों को पूरा कर लेगी. हालांकि कई ऐसे कार्य थे, जिसे सरकार ने बखूबी पूरा किया है.

छत्तीसगढ़ सरकार साल 2021 के इन अधूरे कार्यों पर अगले साल 2022 में फोकस करेगी

  1. पीडब्ल्यूडी के अधूरे निर्माण कार्य होंगे पूरेः पहले बात करते हैं पीडब्ल्यूडी विभाग की. इस विभाग के द्वारा पुल पुलिया सड़क निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं. लेकिन जिन कार्यों को साल 2021 में पूरे होने थे. उन अधूरे कार्यों के साल 2022 में पूरे होने के आसार हैं. उदाहरण के तौर पर रायपुर में बनने वाला एक्सप्रेस वे, तेलगानी नाका स्थित अंडरब्रिज निर्माण कार्य, गोगांव अंडरब्रिज निर्माण कार्य, गुढ़ियारी अंडर ब्रिज को उखाड़कर फिर से बनाया जा रहा है. इसके अलावा कई सड़कों का निर्माण कार्य भी कराया जाना है. इनमें से कुछ जगहों पर काम धीमी गति से जारी है. कुछ निर्माण कार्य बंद पड़े हैं. इसके अलावा स्काईवॉक का काम भी बंद पड़ा है, इसको लेकर भी अब तक सरकार निर्णय नहीं ले पाई है कि स्काईवॉक को तोड़ना है या फिर बनाना है.
    Incomplete construction works of PWD will be completed
    पीडब्ल्यूडी के अधूरे निर्माण कार्य होंगे पूरे
  2. नक्सल समस्या से निपटने की रणनीति: गृह मंत्री का दावा रहा कि लगातार सरकार नक्सलियों से निपटने में कारगर साबित हुई है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य किए जा रहे हैं. पुल-पुलियाओं का निर्माण किया जा रहा है. इन क्षेत्र में रहने वाले लोगों को हर मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने लगातार प्रयास किए जा रहे है. जो नक्सली हिंसा को छोड़ समाज की मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं. उनके लिए सरकार ने पहल की है. बहुत से नक्सली आत्मसमर्पण भी कर चुके हैं. नक्सलियों के खिलाफ जवानों का सर्चिंग अभियान लगातार जारी है. आए दिन पुलिस और नक्सली मुठभेड़ में नक्सलियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. हमारे जवानों ने कई नक्सलियों को मार गिराया है. कुछ जगहों पर जवानों को भी हानि उठानी पड़ी है. बावजूद इसके नक्सल घटनाओं में कमी नही हुई है.
    Government was effective in dealing with Naxal
    नक्सल समस्या से निपटने की तैयारी
  3. जवानों को साप्ताहिक अवकाश देने का कार्य: प्रदेश में लगातार पुलिस जवानों को साप्ताहिक अवकाश दिए जाने की मांग उठती रही है. पुलिसकर्मी खुलकर तो नही बोल रहे, लेकिन लंबे समय से साप्ताहिक अवकाश के लिए प्रयासरत जरूर हैं. पुलिसकर्मी परिवार भी सरकार से लगातार पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिए जाने की मांग करता रहा है. जिसे लेकर सरकार ने कई बार कहा है कि पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाएगा. हालांकि अब तक उन्हें साप्ताहिक अवकास नहीं मिला है. ऐसे में आगामी साल में संभावना जतायी जा रही है कि पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश मिल जाए.
  4. शराबबंदी का मुद्दा: सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र में प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की बात कही थी हालांकि 3 साल बीत जाने के बाद साल 2021 में भी प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी नहीं हो सकी है. इसके पीछे कई वजह बताई जा रही है. जहां एक ओर आर्थिक वजह से सरकार शराबबंदी से पीछे हट रही है. तो वहीं दूसरी ओर समाज के उस वर्ग पर जो शराब का सेवन करते हैं, उन पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा. इसके नफा-नुकसान को लेकर भी शराबबंदी नहीं की जा सकी है. हालांकि इसके लिए एक कमेटी जरूर सरकार ने गठित की है. जो शराबबंदी को लेकर दूसरे राज्यों का भ्रमण करेगी और एक रिपोर्ट बनाकर राज्य सरकार को सौंपेगी. उसके बाद सरकार शराबबंदी को लेकर आगे निर्णय ले सकती है, तो कयास लगाए जा रहे हैं कि जो शराबबंदी साल 2021 में नहीं हो सकी. वो शायद इस साल संभव हो जाए.
    Liquor ban could not be completed
    नहीं पूरी हो सकी शराबबंदी
  5. इन्वेस्टर को लुभाने में नाकाम रही सरकार: प्रदेश में उद्योग विकास के लिए कई योजनाएं बनाई गई. उन योजनाओं का क्रियान्वयन भी किया गया. बावजूद इसके प्रदेश मे बड़े उद्योग स्थापित नहीं हुए. इसकी प्रमुख वजह कहीं ना कहीं कोरोना भी है, जिस वजह से साल 2021 में ना तो बड़े उद्योगपतियों ने छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाने में रुचि दिखाई, ना ही कोई बड़ा उद्योग स्थापित हुआ. इस बीच सरकार ने कई उद्योग लगाने को विदेश की कुछ कंपनियों के साथ जरूर एमओयू किए हैं. इस पर काम होना अभी बाकी है.
    Government failed to woo investors
    इन्वेस्टर को लुभाने में नाकाम रही सरकार
  6. प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले मकानों का निर्माण कार्य भी साल 2021 में रुक गया है. आर्थिक तंगी की वजह से इन निर्माण कार्यों को रोका गया है. केंद्र सरकार ने 2022 तक देशभर में जरूरतमंदों को पक्का मकान का लक्ष्य रखा है. लेकिन छत्तीसगढ़ लक्ष्य के करीब पहुंचता नहीं दिख रहा. राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 7 लाख 81 हजार मकान नहीं बन पाएंगे. केन्द्रीय ग्रामीण मंत्रालय के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ने प्रदेश के एसीएस को पत्र लिखकर राज्य में पीएम आवास योजना के परफॉर्मेंस को संतोषजक नहीं बताया है. केन्द्रीय ग्रामीण मंत्रालय ने वर्ष 2021-22 के लिए राज्य को आवंटित 7 लाख 81 हजार 999 मकान बनाने का लक्ष्य वापस ले लिया है. हालांकि साल 2022 में उम्मीद जतायी जा रही है कि हितग्राहियों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा.
    Prime Minister's Housing Scheme
    प्रधानमंत्री आवास योजना
  7. नया रायपुर में बंद पड़ा निर्माण कार्य हो सकेगा पूराः नया रायपुर में चल रहे निर्माण कार्य पिछले डेढ़ साल से ठप पड़े हैं. नया रायपुर विकास प्राधिकरण को फंड नहीं मिलने की वजह से भी कई प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं. इनमें रेलवे प्लेटफार्म का निर्माण, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, स्वास्थ्य विभाग भवन सहित कई ऐसे कार्य हैं. जो एनआरडीए द्वारा किए जा रहे हैं. वे फंड न मिलने के कारण बंद पड़े हैं. फंड मिलने पर इन कार्याें को पूरा किया जाएगा.
    construction work that was closed in Naya Raipur will be completed
    नया रायपुर में बंद पड़ा निर्माण कार्य हो सकेगा पूरा
  8. कोरोना से निपटने की तैयारीः कोरोना के बढ़ते प्रकोप से छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग निपटने को पूरी तरह से तैयार है. देश के कई राज्यों में कोरोना की वजह से नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है. इस बीच छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग इससे निपटने को पूरी तरह से तैयार है. कोरोना के बढ़ते प्रकोप को लेकर लेकर देशभर में बनी स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी शासकीय अस्पतालों को तैयार रहने का निर्देश दिया है.
    Coronas new variant Omicron
    कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन
  9. कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ की तैयारीः छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2 अक्टूबर 2019 को प्रदेशव्यापी मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरुआत की गई थी. सरकार का दावा है कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के साथ विभिन्न योजनाओं के एकीकृत प्लान और समन्वित प्रयास से बच्चों में कुपोषण दूर करने में बड़ी सफलता मिली है. प्रदेश में जनवरी 2019 की स्थिति में चिन्हांकित कुपोषित बच्चों की संख्या 4 लाख 33 हजार 541 थी, इनमें से मई 2021 की स्थिति में लगभग एक तिहाई 32 प्रतिशत यानी कि एक लाख 40 हजार 556 बच्चे कुपोषण से मुक्त हो गए हैं. जो कुपोषण के खिलाफ शुरू की गई. जंग में एक बड़ी उपलब्धि है. साल 2022 में भी सरकार कुपोषण से निपटने के लिए व्यापक योजना बना रही हैं.
    Preparation for malnutrition free Chhattisgarh
    कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ की तैयारी
  10. कोरोनाकाल में शिक्षा व्यवस्था में सुधार: कोरोना का असर शिक्षा पर अधिक देखने को मिल रहा है. हाल के एक दो महीना को छोड़ दिया जाए तो पूरे साल स्कूल बंद रहे. प्रदेश के स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई होती रही. बच्चे स्कूल नहीं गए. एक बार फिर कोरोना संक्रमण फैलने से स्कूल और शिक्षा व्यवस्था पर असर पड़ रहा है. हालांकि आगामी दिनों में इस समस्या के निपटारे के लिए सरकार पूरी तैयारी में जुटी है.
    Improvement of education system in Corona period
    कोरोनाकाल में शिक्षा व्यवस्था में सुधार
  11. बच्चों को लगाई जाएगी वैक्सीन: कोरोना काल में सभी लोगों के लिए वैक्सीन की व्यवस्था की गई, लेकिन बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू नहीं किया गया. हाल ही में सरकार ने ऐलान कर दिया है कि साल 2022 के जनवरी माह से 15 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीनेशन दी जाएगी. जिसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने भी कमर कस ली है.
    Preparation to deal with Corona
    कोरोना से निपटने की तैयारी

रायपुर: साल 2021 में छत्तीसगढ़ सरकार की कई ऐसी योजनाएं और निर्माण कार्य रहे जो कि लंबित है. जिन्हें सरकार पूरा नहीं कर पाई. ऐसे कार्यों को लेकर संभावनाएं जतायी जा रही है कि नए साल 2022 में सरकार इन अधूरे कामों को पूरा कर लेगी. हालांकि कई ऐसे कार्य थे, जिसे सरकार ने बखूबी पूरा किया है.

छत्तीसगढ़ सरकार साल 2021 के इन अधूरे कार्यों पर अगले साल 2022 में फोकस करेगी

  1. पीडब्ल्यूडी के अधूरे निर्माण कार्य होंगे पूरेः पहले बात करते हैं पीडब्ल्यूडी विभाग की. इस विभाग के द्वारा पुल पुलिया सड़क निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं. लेकिन जिन कार्यों को साल 2021 में पूरे होने थे. उन अधूरे कार्यों के साल 2022 में पूरे होने के आसार हैं. उदाहरण के तौर पर रायपुर में बनने वाला एक्सप्रेस वे, तेलगानी नाका स्थित अंडरब्रिज निर्माण कार्य, गोगांव अंडरब्रिज निर्माण कार्य, गुढ़ियारी अंडर ब्रिज को उखाड़कर फिर से बनाया जा रहा है. इसके अलावा कई सड़कों का निर्माण कार्य भी कराया जाना है. इनमें से कुछ जगहों पर काम धीमी गति से जारी है. कुछ निर्माण कार्य बंद पड़े हैं. इसके अलावा स्काईवॉक का काम भी बंद पड़ा है, इसको लेकर भी अब तक सरकार निर्णय नहीं ले पाई है कि स्काईवॉक को तोड़ना है या फिर बनाना है.
    Incomplete construction works of PWD will be completed
    पीडब्ल्यूडी के अधूरे निर्माण कार्य होंगे पूरे
  2. नक्सल समस्या से निपटने की रणनीति: गृह मंत्री का दावा रहा कि लगातार सरकार नक्सलियों से निपटने में कारगर साबित हुई है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य किए जा रहे हैं. पुल-पुलियाओं का निर्माण किया जा रहा है. इन क्षेत्र में रहने वाले लोगों को हर मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने लगातार प्रयास किए जा रहे है. जो नक्सली हिंसा को छोड़ समाज की मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं. उनके लिए सरकार ने पहल की है. बहुत से नक्सली आत्मसमर्पण भी कर चुके हैं. नक्सलियों के खिलाफ जवानों का सर्चिंग अभियान लगातार जारी है. आए दिन पुलिस और नक्सली मुठभेड़ में नक्सलियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. हमारे जवानों ने कई नक्सलियों को मार गिराया है. कुछ जगहों पर जवानों को भी हानि उठानी पड़ी है. बावजूद इसके नक्सल घटनाओं में कमी नही हुई है.
    Government was effective in dealing with Naxal
    नक्सल समस्या से निपटने की तैयारी
  3. जवानों को साप्ताहिक अवकाश देने का कार्य: प्रदेश में लगातार पुलिस जवानों को साप्ताहिक अवकाश दिए जाने की मांग उठती रही है. पुलिसकर्मी खुलकर तो नही बोल रहे, लेकिन लंबे समय से साप्ताहिक अवकाश के लिए प्रयासरत जरूर हैं. पुलिसकर्मी परिवार भी सरकार से लगातार पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिए जाने की मांग करता रहा है. जिसे लेकर सरकार ने कई बार कहा है कि पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाएगा. हालांकि अब तक उन्हें साप्ताहिक अवकास नहीं मिला है. ऐसे में आगामी साल में संभावना जतायी जा रही है कि पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश मिल जाए.
  4. शराबबंदी का मुद्दा: सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र में प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की बात कही थी हालांकि 3 साल बीत जाने के बाद साल 2021 में भी प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी नहीं हो सकी है. इसके पीछे कई वजह बताई जा रही है. जहां एक ओर आर्थिक वजह से सरकार शराबबंदी से पीछे हट रही है. तो वहीं दूसरी ओर समाज के उस वर्ग पर जो शराब का सेवन करते हैं, उन पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा. इसके नफा-नुकसान को लेकर भी शराबबंदी नहीं की जा सकी है. हालांकि इसके लिए एक कमेटी जरूर सरकार ने गठित की है. जो शराबबंदी को लेकर दूसरे राज्यों का भ्रमण करेगी और एक रिपोर्ट बनाकर राज्य सरकार को सौंपेगी. उसके बाद सरकार शराबबंदी को लेकर आगे निर्णय ले सकती है, तो कयास लगाए जा रहे हैं कि जो शराबबंदी साल 2021 में नहीं हो सकी. वो शायद इस साल संभव हो जाए.
    Liquor ban could not be completed
    नहीं पूरी हो सकी शराबबंदी
  5. इन्वेस्टर को लुभाने में नाकाम रही सरकार: प्रदेश में उद्योग विकास के लिए कई योजनाएं बनाई गई. उन योजनाओं का क्रियान्वयन भी किया गया. बावजूद इसके प्रदेश मे बड़े उद्योग स्थापित नहीं हुए. इसकी प्रमुख वजह कहीं ना कहीं कोरोना भी है, जिस वजह से साल 2021 में ना तो बड़े उद्योगपतियों ने छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाने में रुचि दिखाई, ना ही कोई बड़ा उद्योग स्थापित हुआ. इस बीच सरकार ने कई उद्योग लगाने को विदेश की कुछ कंपनियों के साथ जरूर एमओयू किए हैं. इस पर काम होना अभी बाकी है.
    Government failed to woo investors
    इन्वेस्टर को लुभाने में नाकाम रही सरकार
  6. प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले मकानों का निर्माण कार्य भी साल 2021 में रुक गया है. आर्थिक तंगी की वजह से इन निर्माण कार्यों को रोका गया है. केंद्र सरकार ने 2022 तक देशभर में जरूरतमंदों को पक्का मकान का लक्ष्य रखा है. लेकिन छत्तीसगढ़ लक्ष्य के करीब पहुंचता नहीं दिख रहा. राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 7 लाख 81 हजार मकान नहीं बन पाएंगे. केन्द्रीय ग्रामीण मंत्रालय के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ने प्रदेश के एसीएस को पत्र लिखकर राज्य में पीएम आवास योजना के परफॉर्मेंस को संतोषजक नहीं बताया है. केन्द्रीय ग्रामीण मंत्रालय ने वर्ष 2021-22 के लिए राज्य को आवंटित 7 लाख 81 हजार 999 मकान बनाने का लक्ष्य वापस ले लिया है. हालांकि साल 2022 में उम्मीद जतायी जा रही है कि हितग्राहियों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा.
    Prime Minister's Housing Scheme
    प्रधानमंत्री आवास योजना
  7. नया रायपुर में बंद पड़ा निर्माण कार्य हो सकेगा पूराः नया रायपुर में चल रहे निर्माण कार्य पिछले डेढ़ साल से ठप पड़े हैं. नया रायपुर विकास प्राधिकरण को फंड नहीं मिलने की वजह से भी कई प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं. इनमें रेलवे प्लेटफार्म का निर्माण, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, स्वास्थ्य विभाग भवन सहित कई ऐसे कार्य हैं. जो एनआरडीए द्वारा किए जा रहे हैं. वे फंड न मिलने के कारण बंद पड़े हैं. फंड मिलने पर इन कार्याें को पूरा किया जाएगा.
    construction work that was closed in Naya Raipur will be completed
    नया रायपुर में बंद पड़ा निर्माण कार्य हो सकेगा पूरा
  8. कोरोना से निपटने की तैयारीः कोरोना के बढ़ते प्रकोप से छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग निपटने को पूरी तरह से तैयार है. देश के कई राज्यों में कोरोना की वजह से नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है. इस बीच छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग इससे निपटने को पूरी तरह से तैयार है. कोरोना के बढ़ते प्रकोप को लेकर लेकर देशभर में बनी स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी शासकीय अस्पतालों को तैयार रहने का निर्देश दिया है.
    Coronas new variant Omicron
    कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन
  9. कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ की तैयारीः छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2 अक्टूबर 2019 को प्रदेशव्यापी मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरुआत की गई थी. सरकार का दावा है कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के साथ विभिन्न योजनाओं के एकीकृत प्लान और समन्वित प्रयास से बच्चों में कुपोषण दूर करने में बड़ी सफलता मिली है. प्रदेश में जनवरी 2019 की स्थिति में चिन्हांकित कुपोषित बच्चों की संख्या 4 लाख 33 हजार 541 थी, इनमें से मई 2021 की स्थिति में लगभग एक तिहाई 32 प्रतिशत यानी कि एक लाख 40 हजार 556 बच्चे कुपोषण से मुक्त हो गए हैं. जो कुपोषण के खिलाफ शुरू की गई. जंग में एक बड़ी उपलब्धि है. साल 2022 में भी सरकार कुपोषण से निपटने के लिए व्यापक योजना बना रही हैं.
    Preparation for malnutrition free Chhattisgarh
    कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ की तैयारी
  10. कोरोनाकाल में शिक्षा व्यवस्था में सुधार: कोरोना का असर शिक्षा पर अधिक देखने को मिल रहा है. हाल के एक दो महीना को छोड़ दिया जाए तो पूरे साल स्कूल बंद रहे. प्रदेश के स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई होती रही. बच्चे स्कूल नहीं गए. एक बार फिर कोरोना संक्रमण फैलने से स्कूल और शिक्षा व्यवस्था पर असर पड़ रहा है. हालांकि आगामी दिनों में इस समस्या के निपटारे के लिए सरकार पूरी तैयारी में जुटी है.
    Improvement of education system in Corona period
    कोरोनाकाल में शिक्षा व्यवस्था में सुधार
  11. बच्चों को लगाई जाएगी वैक्सीन: कोरोना काल में सभी लोगों के लिए वैक्सीन की व्यवस्था की गई, लेकिन बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू नहीं किया गया. हाल ही में सरकार ने ऐलान कर दिया है कि साल 2022 के जनवरी माह से 15 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीनेशन दी जाएगी. जिसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने भी कमर कस ली है.
    Preparation to deal with Corona
    कोरोना से निपटने की तैयारी
Last Updated : Jan 1, 2022, 9:45 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.