रायपुर : छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण का मतदान 17 नवंबर को है .इसी दिन से छठ पर्व भी शुरु हो रहा है. ये पर्व 20 नवंबर तक चलेगा. ऐसे में मतदान की तारीख में बदलाव की मांग की गई थी.लेकिन मतदान की तारीखों मे कोई बदलाव नहीं हुआ.जिसे लेकर उत्तर भारतीयों का कहना है कि इसका असर मतदान पर पड़ेगा.क्योंकि एक बड़ी आबादी दिवाली और छठ पर्व मनाने यूपी बिहार चली जाती है.
कितनी है उत्तर भारतीयों की संख्या ? : रायपुर महादेव घाट छठ महापर्व आयोजन समिति के सदस्य पंकज चौधरी का कहना है कि छठ पर्व की वजह से मतदान में फर्क पड़ेगा. क्योंकि यदि छत्तीसगढ़ प्रदेश की बात की जाए तो उत्तर भारतीयों की जनसंख्या लगभग 15 से 20 लाख है. सरगुजा, रायपुर, भिलाई कोरबा, बिलासपुर इन जगहों पर उत्तर भारतीय की संख्या काफी ज्यादा है. इसके अलावा भी प्रदेश के अन्य जिलों में उत्तर भारतीय काफी संख्या में रहते हैं.
''पहले दिन की बात की जाए तो यहां रहने वाले लोग मतदान कर सकते हैं. लेकिन कुछ प्रतिशत ऐसे लोग हैं जो यूपी बिहार से आते हैं, वे लोग 2 दिन पहले ही छत्तीसगढ़ से चले जाएंगे.जिस वजह से एक बड़ा वर्ग मतदान से वंचित रहेगा. इस पर राज्य और राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग को संज्ञान लेना चाहिए.'' पंकज चतुर्वेदी, सदस्य, छठपर्व आयोजन समिति
वहीं आयोजन समिति के अन्य सदस्य अजय शर्मा के मुताबिक तारीख यदि आगे या पीछे होती तो फायदा होता.लेकिन छठ पर्व के दिन मतदान होने से इसका असर पड़ेगा. समाज के लोगों ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि छठ भी मनाएं लेकिन ज्यादा से ज्यादा मतदान करें.
छग में बनाए गए है बढ़िया घाट : वहीं इस बारे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में भी छठ पूजा की जाती है .यहां घाट भी बढ़िया बनाए गए हैं.
''महादेव घाट, भिलाई , बिलासपुर चले जाइए कितना सुंदर घाट बना है , इसे छोड़कर वे कहां जाएंगे.''- भूपेश बघेल,सीएम छग
प्रदेश मे पूजा करने की व्यवस्था : चुनाव ऐसा लोकतंत्र का पर्व है,जिसमें सभी की भागीदारी होनी चाहिए ,यह उत्तर भारतीय लोग भी अच्छी तरह से जानते हैं, प्रदेश में भी श्रद्धा से पूजा करने की व्यवस्था है.
''श्रद्धा और उत्तरदायित्व दोनों का निर्वहन करते हुए मतदान पर फर्क नहीं पड़ना चाहिए. लेकिन जो स्थिति है वह सभी जानते हैं.''अनुराग अग्रवाल, प्रवक्ता बीजेपी
मतदान में नहीं पड़ेगा असर : राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा कहना है कि चुनाव एक अपने आप में पर्व हो गया है. अब लोग छुट्टी लेकर और खर्च कर अपने होमटाउन मात्रा वोट करने आ रहे हैं.अब यह एक पर्व बन चुका है. लोगों में जागरूकता आ चुकी है.पहले लोगों को इसलिए बाहर जाना पड़ता था.क्योंकि प्रदेश में व्यवस्थाएं नहीं थी.लेकिन अब सारी व्यवस्थाएं हो चुकी है.ऐसे में मतदान पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.
'' पहले की तरह ज्यादा लोग अब अपने घर नहीं जाते हैं क्योंकि पहले छत्तीसगढ़ में ऐसी व्यवस्थाएं नहीं थी. अब प्रदेश में भी चाहे पूर्ववर्ती सरकार हो, या फिर वर्तमान सरकार, उन्होंने अच्छे घाट बनाए हैं व्यवस्थाएं की है.'' उचित शर्मा,राजनीति के जानकार
छत्तीसगढ़ में अच्छी व्यवस्थाएं : जिस वजह से उत्तर भारतीयों का जाना पहले की अपेक्षा धीरे-धीरे कम हो गया है.ज्यादातर लोग व्यवस्थाएं अच्छी न होने की वजह से अपने राज्यों में छठ मनाने जाते थे.लेकिन अब सारी व्यवस्थाएं प्रदेश में ही हैं.इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि लोगों में जागरुकता है,इसलिए मतदान में ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा.