रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 को देखते हुए प्रदेश में शह और मात का खेल शुरू हो चुका है. विधानसभा में बजट सत्र की बिसात पर आगे चल रही भूपेश सरकार को सोमवार के दिन बड़ा झटका लगा है. चुनावी मोड में सरपट दौड़ रही सरकार के पांव को ब्रेक विपक्षी पार्टी के किसी नेता ने नहीं बल्कि किसी अपने ने ही लगाया है. होली को देखते हुए 6 दिनों के ब्रेक के बास सोमवार को फिर से शुरू विधानसभा की कार्यवाही के दौरान पीसीसी चीफ और विधायक मोहन मरकाम ने कोंडागांव में जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) के तहत स्वीकृत कामों में धन की हेराफेरी का आरोप लगाते हुए जांच की मांग कर डाली.
ग्रामीण विकास मंत्री बोले- एक महीने में करेंगे कार्रवाई: प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष और विधायक मोहन मरकाम की मांग पर पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री रवींद्र चौबे ने राज्य स्तर के एक अधिकारी से मामले की जांच कराने के साथ ही एक महीने के भीतर कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया. प्रश्नकाल के दौरान बोलते हुए मरकाम ने पिछले दो वित्तीय वर्षों के साथ ही मौजूदा वित्त वर्ष में 31 जनवरी तक कोंडागांव में ग्रामीण इंजीनियरिंग सेवा (आरईएस) डिवीजन को जिला निर्माण समिति की ओर से स्वीकृत कामों की संख्या के बारे में पूछा.
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कोंडागांव विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं मरकाम: पीसीसी चीफ मोहन मरकाम कोंडागांव विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने स्वीकृत कामों के लिए आवंटित धन के बारे में भी पूछा. अपने जवाब में पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री रवींद्र चौबे ने कहा कि "जिला निर्माण समिति की ओर से उक्त अवधि के दौरान जिले में आरईएस को कोई काम आवंटित नहीं किया गया था."
मरकाम ने किया 7 करोड़ की हेराफेरी का दावा: मोहन मरकाम ने कोंडागांव जिले में डीएमएफ के तहत चल रहे कामों को लेकर सात करोड़ रुपए की हेराफेरी का दावा किया है. उन्होंने पूछा कि "क्या राज्य सरकार सदन की कमेटी बनाकर जांच के बाद संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करेगी." इस मुद्दे पर उनका साथ विपक्षी भाजपा विधायकों ने भी दिया.