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छत्तीसगढ़ में एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस प्रोजेक्ट की केन्द्रीय टीम ने प्रंशसा की

भारत में सड़कों को कम से कम दुर्घटना और मृत्यु के मामलों के साथ सुरक्षित बनाने का प्रयास कर रहे हैं. जिसमें छत्तीसगढ़ की तारीफ की है.

Central team praised
एकीकृत सड़क दुर्घटना
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Published : Aug 5, 2021, 10:45 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में चल रहे प्रोजेक्ट iRAD (एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस) का कार्य प्रगति कर रहा है. जिसको केन्द्रीय ई-परिवहन व राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के विभागाध्यक्ष एवं उप महानिदेशक ने तारीफ करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ टीम, द्वारा किये जा रहे उत्कृष्ट कार्यों से अन्य राज्यों को भी इस कार्य को करने की प्रेरणा मिलेगी. भारतीय सड़कों को कम से कम दुर्घटना और मृत्यु के मामलों के साथ सुरक्षित बनाने का प्रयास कर रहे हैं. जिसमे छत्तीसगढ़ की तारीफ की है.

Integrated Road Accident Database Project
एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस प्रोजेक्ट

केन्द्रीय ई-परिवहन और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के एचओडी जयदीप सोम ने कहा है कि एनआईसी सेंट्रल टीम ने छत्तीसगढ़ राज्य का उदाहरण दिया है. जिसमें छत्तीसगढ़ की टीम ने समय से पहले परियोजना को लागू कर प्रशंसनीय कार्य कर अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल कायम की है.

CM ने लॉन्च किया 'ई-मानक' पोर्टल, जानें इसमें क्या है खास

गौरतलब है कि देशभर में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं के वास्तविक कारणों का विश्लेषण कर आवश्यक सुधार के उपाय करने और दुर्घटनाओं में नियंत्रण पर विचार किया जा रहा है. केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एनआईसी तथा आईआईटी मद्रास के सहयोग से iRAD (एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस) मोबाईल एप और वेब एप्लीकेशन तैयार किया है. जिसकी मदद से सड़क दुर्घटनाओं के कारणों का पता लगाकर उसे रोकने के प्रयास किये जाएंगे. मई 2021 के अंतिम सप्ताह में इसकी शुरूआत छत्तीसगढ़ में की गई थी.

एक महीने के अंतराल में प्रदेश भर में 6 हजार से अधिक डेमो किया गया. जिससे दुर्घटना के कारणों का स्पष्ट उल्लेख किया गया. छत्तीसगढ़ की आईआरएडी की टीम की कार्य शैली और प्रबंधन को देखकर केन्द्रीय टीम ने इसके प्रमुख संजय शर्मा और पूरी टीम की तारीफ करते हुए इस मॉडल का अन्य राज्यों को अनुसरण करने की सलाह दी है.

प्रदेश के विभिन्न मार्गो में दुर्घटनाओं के सही कारण मालूम होने से आवश्यक सुधारात्मक उपाय किये जाने से दुर्घटनाओं में कमी संभावित है. सड़क दुर्घटना सड़क की बनावट, ट्रॉफिक कॉमिंग सहित अन्य सड़क सुरक्षा उपायों के न होने, मौसमी कारणों से, ड्राईवर के शराब पीकर वाहन चलाने से, घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार में विलंब या मोटरयान में ब्रेक फेल या फिटनेस सहित अन्य यांत्रिकीय खराबी की वजह से हुई है. तेज रफ्तार से वाहन चलाने, इसके अलावा दुर्घटना के बाद दुर्घटनाग्रस्त को अस्पताल पहुंचने में कितना समय लगा. जानकारी इस एप्लीकेशन के माध्यम से सीधे जिला, राज्य मुख्यालय सहित केन्द्रीय परिवहन मुख्यालय तथा विश्लेषण और समीक्षा के लिये आईआईटी मद्रास, में पहुंच जाती है.

दुर्घटना के कारणों की सही जानकारी होने से संबंधित विभागों के अधिकारीगण उस दुर्घटनाजन्य सड़क स्थल पर आवश्यक सुधार के लिये पहल करेंगें. iRAD (एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस) के समुचित उपयोग से संबंधित विभागों को सही जानकारी मिल सकेगी. संबंधित विभागो के प्रचलित सेवाओं को एकीकृत इंटरफेस किये जाने से वाहन का नबर लिखते ही वाहन संबंधित पूरी जानकारी एप्लिकेशन उपयोगकर्त्ता को मिल जाएगी.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में चल रहे प्रोजेक्ट iRAD (एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस) का कार्य प्रगति कर रहा है. जिसको केन्द्रीय ई-परिवहन व राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के विभागाध्यक्ष एवं उप महानिदेशक ने तारीफ करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ टीम, द्वारा किये जा रहे उत्कृष्ट कार्यों से अन्य राज्यों को भी इस कार्य को करने की प्रेरणा मिलेगी. भारतीय सड़कों को कम से कम दुर्घटना और मृत्यु के मामलों के साथ सुरक्षित बनाने का प्रयास कर रहे हैं. जिसमे छत्तीसगढ़ की तारीफ की है.

Integrated Road Accident Database Project
एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस प्रोजेक्ट

केन्द्रीय ई-परिवहन और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के एचओडी जयदीप सोम ने कहा है कि एनआईसी सेंट्रल टीम ने छत्तीसगढ़ राज्य का उदाहरण दिया है. जिसमें छत्तीसगढ़ की टीम ने समय से पहले परियोजना को लागू कर प्रशंसनीय कार्य कर अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल कायम की है.

CM ने लॉन्च किया 'ई-मानक' पोर्टल, जानें इसमें क्या है खास

गौरतलब है कि देशभर में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं के वास्तविक कारणों का विश्लेषण कर आवश्यक सुधार के उपाय करने और दुर्घटनाओं में नियंत्रण पर विचार किया जा रहा है. केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एनआईसी तथा आईआईटी मद्रास के सहयोग से iRAD (एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस) मोबाईल एप और वेब एप्लीकेशन तैयार किया है. जिसकी मदद से सड़क दुर्घटनाओं के कारणों का पता लगाकर उसे रोकने के प्रयास किये जाएंगे. मई 2021 के अंतिम सप्ताह में इसकी शुरूआत छत्तीसगढ़ में की गई थी.

एक महीने के अंतराल में प्रदेश भर में 6 हजार से अधिक डेमो किया गया. जिससे दुर्घटना के कारणों का स्पष्ट उल्लेख किया गया. छत्तीसगढ़ की आईआरएडी की टीम की कार्य शैली और प्रबंधन को देखकर केन्द्रीय टीम ने इसके प्रमुख संजय शर्मा और पूरी टीम की तारीफ करते हुए इस मॉडल का अन्य राज्यों को अनुसरण करने की सलाह दी है.

प्रदेश के विभिन्न मार्गो में दुर्घटनाओं के सही कारण मालूम होने से आवश्यक सुधारात्मक उपाय किये जाने से दुर्घटनाओं में कमी संभावित है. सड़क दुर्घटना सड़क की बनावट, ट्रॉफिक कॉमिंग सहित अन्य सड़क सुरक्षा उपायों के न होने, मौसमी कारणों से, ड्राईवर के शराब पीकर वाहन चलाने से, घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार में विलंब या मोटरयान में ब्रेक फेल या फिटनेस सहित अन्य यांत्रिकीय खराबी की वजह से हुई है. तेज रफ्तार से वाहन चलाने, इसके अलावा दुर्घटना के बाद दुर्घटनाग्रस्त को अस्पताल पहुंचने में कितना समय लगा. जानकारी इस एप्लीकेशन के माध्यम से सीधे जिला, राज्य मुख्यालय सहित केन्द्रीय परिवहन मुख्यालय तथा विश्लेषण और समीक्षा के लिये आईआईटी मद्रास, में पहुंच जाती है.

दुर्घटना के कारणों की सही जानकारी होने से संबंधित विभागों के अधिकारीगण उस दुर्घटनाजन्य सड़क स्थल पर आवश्यक सुधार के लिये पहल करेंगें. iRAD (एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस) के समुचित उपयोग से संबंधित विभागों को सही जानकारी मिल सकेगी. संबंधित विभागो के प्रचलित सेवाओं को एकीकृत इंटरफेस किये जाने से वाहन का नबर लिखते ही वाहन संबंधित पूरी जानकारी एप्लिकेशन उपयोगकर्त्ता को मिल जाएगी.

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