रायपुर: सेंट्रल जीएसटी ने लगभग 6000 से अधिक कारोबारी को नोटिस जारी किया है. विवादित और टैक्स जमा नहीं करने वाले कारोबारी इस मामले में शामिल है. जिनकी सुनवाई विभागीय स्तर पर चल रही है. सभी प्रकरण पर बकाया टैक्स जमा करने के निर्देश दिए गए हैं. जानकारी के मुताबिक साल 2017-2018 के मामलों का निराकरण करने 30 सितंबर तक का समय दिया गया था. 2018 -2019 के मामलों में दिसंबर 2023 तक का समय दिया गया है. 2019 -2020 के मामलों में मार्च 2024 की डेट लाइन रखी गई है. अधिकांश मामले टैक्स चोरी में पकड़े गए हैं. टैक्स जमा नहीं करने वाले कारोबारी भी शामिल है.
केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी से संबंधित मामलों का निराकरण करने के लिए ट्रिब्यूनल गठन का आदेश जारी किया गया है. ट्रिब्यूनल कोर्ट बिलासपुर और रायपुर में काम करेगा. इसका नोटिफिकेशन जारी होने के बाद गठन की तैयारी चल रही है.
सेंट्रल जीएसटी की छत्तीसगढ़ में कार्रवाई: सेंट्रल जीएसटी को लोहा, कोयला, सीमेंट कारोबारी से सर्वाधिक टैक्स मिलता है. कुल राजस्व का लगभग 60 प्रतिशत कारोबारी द्वारा जमा कराया गया है. 40% अन्य कारोबार और टैक्स चोरी करने वालों के ठिकानों पर दबिश देकर वसूल किया जाता है. गौरतलब हो कि केंद्रीय जीएसटी को वित्तीय वर्ष 2023 2024 के दौरान 16480 करोड़ रुपये के राजस्व वसूली का टारगेट दिया गया है. 1 अप्रैल से 31 अक्टूबर तक 7 महीने के दौरान 9000 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली हो चुकी है. पिछले साल इसी समय 2022-23 के दौरान 7882 करोड़ रुपये मिले थे.
जीएसटी के अधिकारियों की माने तो पिछले साल की तुलना में इस बार 1118 करोड़ रुपए ज्यादा टैक्स मिला है. दिवाली के दौरान हुए कारोबार को देखते हुए नवंबर में अन्य महीनों की तुलना में ज्यादा टैक्स मिलेगा. दिवाली के समय कारोबारी गतिविधियों में वृद्धि होने के कारण हर साल केंद्रीय जीएसटी को सबसे अधिक टैक्स मिलता है.