रायपुर : सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी ऑर्गेनाइजेशन (सीएमआईए) ने बेरोजगारी के आंकड़े जारी किये हैं. आंकड़ों के मुताबिक 1.7 फीसदी के साथ देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ भी शामिल है. छत्तीसगढ़ देश में तीसरे नंबर है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीएमआईए की इस सर्वे रिपोर्ट को ट्वीट कर बेरोजगारी के खिलाफ जंग में छत्तीसगढ़ मॉडल की सफलता बताया है. वहीं छत्तीसगढ़ में कम बेरोजगारी दर के आंकड़े पर राजनीति शुरू हो गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वाकई प्रदेश में छत्तीसगढ़ मॉडल की वजह से ही बेरोजगारी में कमी आई है या फिर यह महज आंकड़ों की बाजीगरी है.
भाजपा ने प्रदेश सरकार पर किया पलटवार : प्रदेश में बेरोजगारी की दर में आई कमी को लेकर भाजपा ने राज्य सरकार पर पलटवार किया है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि आज राज्य सरकार ही बेरोजगारी के आलम में है. 60 से 70 हजार करोड़ रुपए का कर्ज 3 वर्षों में सरकार ने लिया है. वह सरकार बेरोजगारी कम क्या करेगी. यह कांग्रेस की आंकड़ों की बाजीगरी है, जो वह हमेशा से करती आ रही है. उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा रोजगार के गलत आंकड़े पेश किये गए हैं.
बेरोजगारी दर में कमी की वजह सरकार की सफल नीतियां : इधर, कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि प्रदेश में बेरोजगारी दर में कमी की वजह राज्य सरकार की सफल नीतियां हैं. नरवा गरवा घुरवा बारी कार्यक्रम, गौधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर योजना, रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना, लघु वनोपज का संग्रहण और वैल्यू एडिशन तथा उद्यमिता विकास जैसी योजनाएं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ में हो रहा है. इसी कारण बेरोजगारी दर में कमी आ रही है. ऐसे में भाजपा का यह आरोप कि छत्तीसगढ़ के बेरोजगारी के आंकड़े गलत हैं, यह सरासर झूठ और निराधार है.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की इच्छा शक्ति से काम कर रही सरकार-रामअवतार : वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि मनरेगा, गोठानों, खदानों में चलने वाले काम और अन्य क्षेत्रों में भी हो रहे कामों की वजह से लोगों को रोजगार मिल रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की इच्छा शक्ति के साथ काम कर रही है. इससे भी बड़ी संख्या में लोग, गोपालक, किसान अब आत्मनिर्भर बन रहे हैं. सहायक उद्योग स्थापित कर रहे हैं या खेती के अलावा वनोपज पर बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं. यहां काम की संभावना बहुत है. रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं. सरकार द्वारा भारी संख्या में भर्ती की जा रही है. यही वजह है कि प्रदेश में बेरोजगारी दर में कमी आई है.
ओडिशा में देश भर में सबसे कम बेरोजगारी दर : बता दें कि छत्तीसगढ़ में कोरोना की पहली और दूसरी लहर में आई आर्थिक मंदी के बावजूद बेरोजगारी दर पूरी तरह से नियंत्रित रही है. नए आंकड़ों के मुताबिक 1.7 फीसदी के साथ कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ तीसरे स्थान पर है. जबकि पड़ोसी राज्य ओडिशा 1 फीसदी के साथ पहले नंबर पर है. वहीं मेघालय 1.4 फीसदी के साथ दूसरे पायदान पर कब्जा जमाये हुए है. जबकि कर्नाटक 2 फीसदी के साथ चौथे क्रम पर है.
राजस्थान में बेरोजगारी दर 32.3 फीसदी, हरियाणा में 31 फीसदी और झारखंड में 15 फीसदी तथा बिहार में 14 फीसदी है. नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार देश में बेरोजगारी दर 7.4 फीसदी है. इसमें शहरी बेरोजगारी दर 8.1 फीसदी और ग्रामीण बेरोजगारी 7.2 फीसदी है.