रायपुर: 'अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस' हर साल 15 अक्टूबर को मनाया जाता है. इसकी शुरूआत साल 2008 में हुई थी. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 अक्टूबर 2008 को पहला 'अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस' मनाकर ग्रामीण महिलाओं की भूमिका को सम्मानित करने का फैसला लिया था.
![खेत में काम करती महिलाएं](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4753470_hhhhgfj.png)
2019 के 'अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस' का थीम है Rural Women and Girls Building Climate Resilience. ग्रामीण महिलाओं और लड़कियों की स्थिति में सुधार लाने और उनकी आवश्यकताओं, प्राथमिकताओं को ध्यान देने के लिए सक्षम बनाना है.
![सड़क निर्माण करती महिला](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4753470_fhgfhj.png)
ये दिन मनाने का उद्देश्य-
- 'कृषि और ग्रामीण विकास को बढ़ावा, खाद्य सुरक्षा में सुधार और ग्रामीण गरीबी को कम करने में स्वदेशी महिलाओं सहित ग्रामीण महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका और योगदान' को मान्यता देना है.
- ग्रामीण महिलाओं के राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण को पूरा करना और सभी स्तरों पर फैसले लेने में उनकी पूर्ण और समान भागीदारी का समर्थन करना है. फसल काटती ग्रामीण महिला
- महिलाओं के लिए उच्चतम स्वास्थ्य के प्राप्य मानकों को बढ़ाने के लिए ठोस उपाय करना है.
- प्रसूति देखभाल, परिवार नियोजन की जानकारी और एचआईवी / एड्स समेत यौन संचारित रोगों की रोकथाम के लिए ज्ञान, जागरूकता और समर्थन बढ़ाना है.
- महिलाओं को मजबूत करने की दिशा में करना होगा काम.सफाई करती महिला
भारत में एक ओर महिलाओं को देवियों के रूप में पूजा जाता है, दूसरी ओर महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ अपराध दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं. अधिकांश ग्रामीण महिलाएं न केवल आर्थिक गरीबी से बल्कि ’सूचना की कमी’ से भी पीड़ित हैं. ऐसे में हमें जरूरत है कि गांव में रहने वाली महिला के स्वास्थ्य, शिक्षा और अधिकारों पर बात करके उन्हें सक्षम बनाने की दिशा में काम किया जाए.