रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर सीबीआई की एंट्री होगी. प्रदेश में भाजपा की वापसी होते ही विष्णुदेव साय सरकार राज्य में मामलों की जांच के लिए सीबीआई के लिए सामान्य सहमति बहाल करेगी. यानी अब किसी भी मामले में सीबीआई जांच की हकदार होगी. प्रदेश के कई ऐसे मामले हैं जिसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग उठती रही है, पीएससी भर्ती घोटाला भी उसमें से एक है.
भूपेश सरकार ने बिना अनुमति सीबीआई जांच पर लगाई थी रोक: साल 2019 में छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को सीबीआई को प्रदेश में कोई भी मामला दर्ज नहीं करने की मांग करते हुए पत्र लिखा था. इस पत्र में ये भी लिखा था कि सीबीआई को छत्तीसगढ़ में किसी भी तरह की जांच करने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी. कांग्रेस सरकार के इस फैसले के बाद विपक्ष में रही भाजपा ने इसकी आलोचना भी की थी. तब भूपेश बघेल ने कहा था कि सीबीआई को सामान्य सहमति वापस लेने का प्रस्ताव रमन सरकार में ही आया था, उस दौरान केंद्र में यूपीए सरकार सत्ता में थी.
छत्तीसगढ़ में सीबीआई: भाजपा के सह प्रभारी नितिन नबीन ने बताया कि संविधान में सीबीआई जांच का प्रावधान है लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अपनी मनमानी करते हुए सीबीआई को ऐसा करने से रोक दिया था. छत्तीसगढ़ में अब भाजपा की वापसी हो गई है इसके साथ ही सीबीआई भी प्रदेश में वापसी करेगी. नितिन नबीन ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान भाजपा प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में पदाधिकारियों की बैठक ली जिसमे आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की गई.
छत्तीसगढ़ में हो रही बुलडोजर की कार्रवाई पर नितिन नबीन ने कहा कि जो भी कानून तोड़ेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी चाहे वह कोई भी हो. इस दौरान पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के डिप्टी सीएम के पद को असंवैधानिक बताने के सवाल पर नितिन नबीन ने कहा कि संविधान ने उनका जो हिसाब किया है पहले उसका ध्यान रखें. जनता ही संविधान बनती है. आगे नितिन नवीन ने कहा कि पूर्व मंत्री अकबर कवर्धा से लेकर रायपुर तक आतताई मचाए हुए थे. अब सब की जांच होगी, अब उसकी चिंता करें.पहले सीबीआई को आने नहीं देते थे अब सीबीआई भी आएगी और जांच भी होगी.