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Online Game खेलते बच्चों का ध्यान रखें पैरेंट्स, कूपन रिडीम करने के नाम पर बढ़ रहे ठगी के मामले

आजकल बच्चों में वीडियो गेम को लेकर दीवानगी बढ़ती जा रही है. उनके मोबाइल में अपने आप कूपन रिडीम करने के ऑप्शन शो होने लगते हैं और बच्चे गेम में अपना लेवल बढ़ाने के लिए उस कूपन को परचेस कर लेते हैं. लेकिन कूपन पहले से ही खाली होता है और बच्चे धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं.

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Published : Jul 17, 2021, 12:32 PM IST

Updated : Jul 17, 2021, 1:40 PM IST

concept image
सांकेतिक चित्र

रायपुर: प्रदेश में साइबर क्राइम के मामले काफी देखने को मिल रहे हैं. जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ती जा रही है वैसे ही अलग-अलग तरीकों से साइबर ठग, भोले भाले लोगों के आदतों की स्टडी कर उन्हें ठगी का शिकार बना रहे हैं. अभी ऑनलाइन गेम खेल रहे बच्चों के साथ ठगी के कई मामले सामने चुके हैं. पेरेंट्स अक्सर बच्चों को गेम खेलने के लिए मोबाइल दे देते हैं. वहीं बच्चे गेम खेलते समय गेम को अपग्रेड करने के लिए या गेम में नए-नए ऑफर को देखकर उसे खरीदने की कोशिश करते हैं. इस दौरान मोबाइल में अगर इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा होती है तो कई बार उससे पैसे कट जाते हैं. पेरेंट्स को पता भी नहीं चलता और डर के कारण बच्चे भी उन्हें नहीं बता पाते.

आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जमाना है. इसका मतलब आप मोबाइल में जो भी वर्क कर रहे हैं मोबाइल अपने आप आपके किए हुए काम को पढ़कर आपको उसी से रिलेटेड चीजें दिखाने लगता है. इसी तरह जो बच्चे ज्यादा गेम खेलते हैं. उनके मोबाइल में अपने आप कूपन रिडीम करने के पॉपअप शो होने लगते हैं और बच्चे गेम में अपना लेवल बढ़ाने के लिए उस कूपन को परचेस कर लेते हैं, लेकिन कूपन पहले से ही खाली होता है. ठग ऐसे पॉपअप जनरेट करते रहते हैं जिससे बच्चे लालच में आएं और उसको परचेस करें.

मोहित साहू, साइबर एक्सपर्ट

ऑनलाइन वीडियो गेम में UPI और बैंक एकाउंट न करें रजिस्टर, कांकेर में 3 लाख रुपये से ज्यादा की लगी चपत

कूपन रिडीम करने के नाम पर की जाती है ठगी

साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू ने बताया कि ज्यादातर ऐसे मामले एंड्रॉयड पर देखने को मिले हैं. अगर आप गेम खेल रहे हैं आपका प्ले स्टोर है उसमें कूपन मिलते हैं. कूपन की कुछ वैल्यू होती है जैसे 100 रुपए कई स्कैमर टेलीग्राम या अलग-अलग वेबसाइट पर पॉपअप या एडवर्टाइजमेंट के रूप में फैला देते हैं कि यह 100 का कूपन हम आपको 70 में देंगे. इससे बच्चे लालच में आते हैं और कूपन खरीद लेते हैं. पैसा देने के बाद जब वह कूपन प्ले स्टोर पर डालते हैं तो प्ले स्टोर में कहा जाता है कि यह पहले ही यूज हो चुका है. रिडीम हो चुका है. ऐसे में सामने वाला बंदा इससे पैसे भी ले लेता है.

online games
ऑनलाइन गेम

अब कूपन 100 रुपए जैसे छोटे-छोटे अमाउंट रहते हैं. जिसमें आप कंप्लेन भी नहीं कर सकते और बच्चा भी डर जाता है. डर की वजह से बच्चा माता-पिता को स्कैम की बात नहीं बता पाता है. अगर बच्चा जिद करता है कि उसको गेम में कुछ परचेज करना है तो यह देखिए कि जो गेम बच्चा खेल रहा है वह ऑथराइज्ड है या नहीं. कई बार फर्जी गेम में कार्ड रजिस्टर हो जाने पर ऑटोमेटेकली कार्ड से पैसे कटना शुरू हो जाते हैं.

रायपुर: प्रदेश में साइबर क्राइम के मामले काफी देखने को मिल रहे हैं. जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ती जा रही है वैसे ही अलग-अलग तरीकों से साइबर ठग, भोले भाले लोगों के आदतों की स्टडी कर उन्हें ठगी का शिकार बना रहे हैं. अभी ऑनलाइन गेम खेल रहे बच्चों के साथ ठगी के कई मामले सामने चुके हैं. पेरेंट्स अक्सर बच्चों को गेम खेलने के लिए मोबाइल दे देते हैं. वहीं बच्चे गेम खेलते समय गेम को अपग्रेड करने के लिए या गेम में नए-नए ऑफर को देखकर उसे खरीदने की कोशिश करते हैं. इस दौरान मोबाइल में अगर इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा होती है तो कई बार उससे पैसे कट जाते हैं. पेरेंट्स को पता भी नहीं चलता और डर के कारण बच्चे भी उन्हें नहीं बता पाते.

आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जमाना है. इसका मतलब आप मोबाइल में जो भी वर्क कर रहे हैं मोबाइल अपने आप आपके किए हुए काम को पढ़कर आपको उसी से रिलेटेड चीजें दिखाने लगता है. इसी तरह जो बच्चे ज्यादा गेम खेलते हैं. उनके मोबाइल में अपने आप कूपन रिडीम करने के पॉपअप शो होने लगते हैं और बच्चे गेम में अपना लेवल बढ़ाने के लिए उस कूपन को परचेस कर लेते हैं, लेकिन कूपन पहले से ही खाली होता है. ठग ऐसे पॉपअप जनरेट करते रहते हैं जिससे बच्चे लालच में आएं और उसको परचेस करें.

मोहित साहू, साइबर एक्सपर्ट

ऑनलाइन वीडियो गेम में UPI और बैंक एकाउंट न करें रजिस्टर, कांकेर में 3 लाख रुपये से ज्यादा की लगी चपत

कूपन रिडीम करने के नाम पर की जाती है ठगी

साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू ने बताया कि ज्यादातर ऐसे मामले एंड्रॉयड पर देखने को मिले हैं. अगर आप गेम खेल रहे हैं आपका प्ले स्टोर है उसमें कूपन मिलते हैं. कूपन की कुछ वैल्यू होती है जैसे 100 रुपए कई स्कैमर टेलीग्राम या अलग-अलग वेबसाइट पर पॉपअप या एडवर्टाइजमेंट के रूप में फैला देते हैं कि यह 100 का कूपन हम आपको 70 में देंगे. इससे बच्चे लालच में आते हैं और कूपन खरीद लेते हैं. पैसा देने के बाद जब वह कूपन प्ले स्टोर पर डालते हैं तो प्ले स्टोर में कहा जाता है कि यह पहले ही यूज हो चुका है. रिडीम हो चुका है. ऐसे में सामने वाला बंदा इससे पैसे भी ले लेता है.

online games
ऑनलाइन गेम

अब कूपन 100 रुपए जैसे छोटे-छोटे अमाउंट रहते हैं. जिसमें आप कंप्लेन भी नहीं कर सकते और बच्चा भी डर जाता है. डर की वजह से बच्चा माता-पिता को स्कैम की बात नहीं बता पाता है. अगर बच्चा जिद करता है कि उसको गेम में कुछ परचेज करना है तो यह देखिए कि जो गेम बच्चा खेल रहा है वह ऑथराइज्ड है या नहीं. कई बार फर्जी गेम में कार्ड रजिस्टर हो जाने पर ऑटोमेटेकली कार्ड से पैसे कटना शुरू हो जाते हैं.

Last Updated : Jul 17, 2021, 1:40 PM IST
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