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मंदी बेअसर: छत्तीसगढ़ में जनवरी 2020 के मुकाबले 2021 में ज्यादा कारों की हुई ब्रिक्री

कोरोना संक्रमण के दौरान जहां देशभर के ऑटोमोाबाइल सेक्टर प्रभावित रहा. छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के बाद से ऑटोमोबाइल सेक्टर में अच्छी खासी बढ़त देखने को मिली. सिर्फ ऑटोमोाबाइल सेक्टर में ही नहीं बल्कि लघु वनोपजों समेत ग्रामीण क्षेत्रों में भी बढ़त देखने को मिली है.

Car sales in Chhattisgarh more than last year
कार
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Published : Feb 9, 2021, 5:03 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ के ऑटोमोबाइल सेक्टर में पिछले साल की तुलना में इस साल कंपनी इजाफे में रही है. आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में जनवरी 2020 के मुकाबले जनवरी 2021 में ज्यादा कारों की बिक्री हुई है. पिछले साल जनवरी में 4 हजार 523 कारें प्रदेश में बिकी थी. इस साल जनवरी में 4 हजार 644 कारों की बिक्री हुई है. यह संख्या बीते दिसम्बर में बिक्री हुई 4 हजार 233 कारों से अधिक है.

कोरोना संकट की वजह से देश में मंदी का माहौल है, लेकिन प्रदेश इसके प्रभाव से अछूता रहा. प्रदेश में ऑटोमोबाइल सेक्टर के साथ-साथ अन्य सेक्टरों में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती के साथ-साथ किसानों और वनवासियों की आय में भी बढ़ोतरी हुई है. राज्य सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं का असर अब बाजार में देखने को मिल रहा है.

लॉकडाउन के बाद ऑटोमोबाइल सेक्टर हो रहा रिवाइव

छत्तीसगढ़ ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष सिंघानिया ने बताया था कि अनलॉक में ऑटोमोबाइल सेक्टर अच्छे से रिवाइव होना शुरू हो गया था. बीते जून के आंकड़ों की बात की जाए तो जून में 33,186 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ था. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में अनलॉक के बाद भी फिर से 15 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया था. उसके बाद भी 33,744 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ. लगातार लोगों का रुझान गाड़ियां खरीदने के लिए बढ़ा है.

पढ़ें : Special: छत्तीसगढ़ में मंदी और कोरोना को मात देता ऑटोमोबाइल सेक्टर, अनलॉक-1 में 2 प्रतिशत का ग्रोथ

4500 करोड़ रुपये का भुगतान
इस साल शासन ने समर्थन मूल्य पर 93 लाख मीटरिक टन से अधिक की धान की खरीदी की है. पिछले 20 सालों का धान खरीदी का रिकॉर्ड इस साल टूट गया है. राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत चार किश्तों में सहायता राशि के भुगातन का निर्णय लिया गया था. तीनों किश्त यानी 4500 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. चौथी किस्त का भुगतान अभी बाकी है.


गोबर खरीदी का अनूठा प्रयोग
राज्य सरकार गोधन न्याय योजना के तहत 2 रुपए किलो में गोबर की खरीदी कर रही है. इससे ग्रामीण तबके में आय का जरिया बढ़ा है. शासन ने अबतक 35 लाख क्विंटल से अधिक की गोबर की खरीदी की है. इसके एवज में लगभग 72 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को किया जा चुका है. सुराजी गांव योजना के तहत 9 हजार 50 गौठानों का निर्माण गांवों में स्वीकृत किया गया है. इनमें से 5 हजार 195 गौठानों का निर्माण पूरा हो चुका है. इससे हजारों लोगों को रोजगार मिला है. इसी तरह कोरोना संकट के समय राज्य के वन क्षेत्रों में देश में सर्वाधिक लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया है.

लॉकडाउन में भी मिला रोजगार
देश में संग्रहित कुल लघु वनोपजों का 73 प्रतिशत अकेले छत्तीसगढ़ में संग्रहित हुआ है. शासन ने न केवल लघु वनोपजों के मूल्य में बढ़ोतरी की है, बल्कि समर्थन मूल्य पर बिकने वाले लघु वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 52 कर दी है. लॉकडाउन के दौरान प्रदेश ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत एक दिन में 26 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का भी रिकार्ड बनाया है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ के ऑटोमोबाइल सेक्टर में पिछले साल की तुलना में इस साल कंपनी इजाफे में रही है. आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में जनवरी 2020 के मुकाबले जनवरी 2021 में ज्यादा कारों की बिक्री हुई है. पिछले साल जनवरी में 4 हजार 523 कारें प्रदेश में बिकी थी. इस साल जनवरी में 4 हजार 644 कारों की बिक्री हुई है. यह संख्या बीते दिसम्बर में बिक्री हुई 4 हजार 233 कारों से अधिक है.

कोरोना संकट की वजह से देश में मंदी का माहौल है, लेकिन प्रदेश इसके प्रभाव से अछूता रहा. प्रदेश में ऑटोमोबाइल सेक्टर के साथ-साथ अन्य सेक्टरों में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती के साथ-साथ किसानों और वनवासियों की आय में भी बढ़ोतरी हुई है. राज्य सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं का असर अब बाजार में देखने को मिल रहा है.

लॉकडाउन के बाद ऑटोमोबाइल सेक्टर हो रहा रिवाइव

छत्तीसगढ़ ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष सिंघानिया ने बताया था कि अनलॉक में ऑटोमोबाइल सेक्टर अच्छे से रिवाइव होना शुरू हो गया था. बीते जून के आंकड़ों की बात की जाए तो जून में 33,186 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ था. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में अनलॉक के बाद भी फिर से 15 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया था. उसके बाद भी 33,744 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ. लगातार लोगों का रुझान गाड़ियां खरीदने के लिए बढ़ा है.

पढ़ें : Special: छत्तीसगढ़ में मंदी और कोरोना को मात देता ऑटोमोबाइल सेक्टर, अनलॉक-1 में 2 प्रतिशत का ग्रोथ

4500 करोड़ रुपये का भुगतान
इस साल शासन ने समर्थन मूल्य पर 93 लाख मीटरिक टन से अधिक की धान की खरीदी की है. पिछले 20 सालों का धान खरीदी का रिकॉर्ड इस साल टूट गया है. राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत चार किश्तों में सहायता राशि के भुगातन का निर्णय लिया गया था. तीनों किश्त यानी 4500 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. चौथी किस्त का भुगतान अभी बाकी है.


गोबर खरीदी का अनूठा प्रयोग
राज्य सरकार गोधन न्याय योजना के तहत 2 रुपए किलो में गोबर की खरीदी कर रही है. इससे ग्रामीण तबके में आय का जरिया बढ़ा है. शासन ने अबतक 35 लाख क्विंटल से अधिक की गोबर की खरीदी की है. इसके एवज में लगभग 72 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को किया जा चुका है. सुराजी गांव योजना के तहत 9 हजार 50 गौठानों का निर्माण गांवों में स्वीकृत किया गया है. इनमें से 5 हजार 195 गौठानों का निर्माण पूरा हो चुका है. इससे हजारों लोगों को रोजगार मिला है. इसी तरह कोरोना संकट के समय राज्य के वन क्षेत्रों में देश में सर्वाधिक लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया है.

लॉकडाउन में भी मिला रोजगार
देश में संग्रहित कुल लघु वनोपजों का 73 प्रतिशत अकेले छत्तीसगढ़ में संग्रहित हुआ है. शासन ने न केवल लघु वनोपजों के मूल्य में बढ़ोतरी की है, बल्कि समर्थन मूल्य पर बिकने वाले लघु वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 52 कर दी है. लॉकडाउन के दौरान प्रदेश ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत एक दिन में 26 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का भी रिकार्ड बनाया है.

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