ETV Bharat / state

क्या ढाई-ढाई साल की जगह उपमुख्यमंत्री के फॉर्मूले पर विचार कर सकती है कांग्रेस? - Can Congress consider formula

छत्तीसगढ़ में ढाई-ई साल के मुख्यमंत्री का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है. सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात कर चुके हैं. उसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वापस छत्तीसगढ़ लौट आए लेकिन सिंहदेव अब भी दिल्ली में बने हुए हैं. इस पूरे एपिसोड में अब छत्तीसगढ़ में उपमुख्यमंत्री के फॉर्मूले की चर्चा भी चल पड़ी है. वैसे भी कांग्रेस में उपमुख्यमंत्री का फॉर्मूला नया नहीं है.

Can Congress consider formula
उपमुख्यमंत्री के फॉर्मूले पर विचार कर सकती है कांग्रेस?
author img

By

Published : Aug 26, 2021, 5:54 PM IST

Updated : Aug 26, 2021, 6:08 PM IST

रायपुर: कांग्रेस में ढाई-ढाई साल के फार्मूले को लेकर अब भी घमासान जारी है. इस बीच यह भी संभावना जताई जा रही है कि हो सकता है कि आने वाले समय में हाईकमान उपमुख्यमंत्री के फार्मूला पर काम कर सकता है. यदि बाबा नहीं माने तो उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाने की अटकलें भी तेज हो गई है. हालांकि इस मामले में कांग्रेस की ओर से कोई बोलने को तैयार नहीं है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जो भी निर्णय लेगा, हाईकमान लेगा.

उपमुख्यमंत्री के फॉर्मूले पर विचार कर सकती है कांग्रेस?

पहले भी छत्तीसगढ़ में रह चुके हैं दो-दो उपमुख्यमंत्री : धरमलाल कौशिक

इन अटकलों के बीच नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का बयान आया है. उन्होंने कहा कि इसके पहले भी कांग्रेस सरकार में दो-दो उपमुख्यमंत्री रहे लेकिन इसे प्रदेश का भला नहीं हुआ. ऐसे में छत्तीसगढ़ में इस कवायद से प्रदेश का कोई भला नहीं होने वाला है.

बुधवार का शक्ति प्रदर्शन दे रहा कई शंकाओं को जन्म

कौशिक ने इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है लेकिन जिस प्रकार से कल शक्ति प्रदर्शन हुआ है, यह अनेक शंकाओ को जन्म दे रहा है. दूसरा सिंहदेव भी दिल्ली में काफी उम्मीद पर रुके हुए हैं. उन्हें कुछ मिलने की संभावना है. आने वाले समय में हाईकमान क्या निर्णय करता है, यह तो समय बताएगा लेकिन कुल मिलाकर कहीं ना कहीं पार्टी में कुछ गड़बड़ जरूर है. कुछ बात जरूर है, जिसे लेकर जद्दोजहद अब भी जारी है.

कौशिक ने कहा कि उपमुख्यमंत्री से सिंहदेव को क्या फायदा होगा या नहीं यह तो वही बता पाएंगे लेकिन मुझे नहीं लगता है कि यह प्रदेश के लिए फायदेमंद है. जिस प्रकार से यहां पर मंत्रिमंडल चल रहा है, सबका अलग-अलग राग है , कोई नीति नहीं है. सबका अभाव दिख रहा है. कौशिक ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की बैठकों में स्वास्थ्य मंत्री नदारद रहे. उन्हें बुलाया नहीं गया या वे खुद नहीं गए, यह तो वही बता सकते हैं. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि यह वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं.

आखिर कांग्रेस के विधायक क्यों लगाने लगे दिल्ली की दौड़ ?

हाईकमान ने नहीं लिया जल्द निर्णय तो उठाना पड़ सकता है भारी नुकसान: राम अवतार तिवारी

वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि यदि प्रदेश में डिप्टी सीएम बना जाता है तो कोई नई बात नहीं होगी. पूर्व में भी कांग्रेस सरकार के दौरान दो उप मुख्यमंत्री बनाए जा चुके हैं. कांग्रेस हाईकमान को जो भी निर्णय लेना है, वह जल्दी लेना होगा. यदि हाईकमान निर्णय लेने में देरी करता है तो इसका खामियाजा कहीं ना कहीं आने वाले समय में पार्टी को उठाना पड़ सकता है. हो सकता है इसका नुकसान पार्टी को विधानसभा चुनाव में भी उठाना पड़े, साथ ही पार्टी के अंदर मचे इस घमासान से कहीं ना कहीं भाजपा को लाभ मिलता नजर आ रहा है.

तिवारी का यह भी कहना था कि जिस तरह से बहुमत के साथ कांग्रेस सत्ता पर काबिज हुई है, उसे प्रदेश के विकास को लेकर चर्चा करनी थी. योजनाएं बनानी थी, उसका क्रियान्वयन करना था. लेकिन वर्तमान परिस्थिति को देखकर तो यही लगता है कि पार्टी अंदरूनी गुटबाजी के चक्कर में ही फंसी हुई है. यह कहीं ना कहीं पार्टी सहित प्रदेश और जनता के लिए भी नुकसानदायक है.

बहरहाल कांग्रेस हाईकमान क्या निर्णय लेता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन यह जरूर है कि पार्टी के अंदर मचे इस घमासान को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमाई हुई है. बघेल और सिंहदेव के बीच की ये खाई दिनों दिन बढ़ती जा रही है. बड़ा सवाल यह है कि कहीं ऐसा ना हो कि यह खाई इतनी बढ़ जाए जिसे भरना आने वाले समय में पार्टी के लिए मुश्किल हो जाए?

रायपुर: कांग्रेस में ढाई-ढाई साल के फार्मूले को लेकर अब भी घमासान जारी है. इस बीच यह भी संभावना जताई जा रही है कि हो सकता है कि आने वाले समय में हाईकमान उपमुख्यमंत्री के फार्मूला पर काम कर सकता है. यदि बाबा नहीं माने तो उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाने की अटकलें भी तेज हो गई है. हालांकि इस मामले में कांग्रेस की ओर से कोई बोलने को तैयार नहीं है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जो भी निर्णय लेगा, हाईकमान लेगा.

उपमुख्यमंत्री के फॉर्मूले पर विचार कर सकती है कांग्रेस?

पहले भी छत्तीसगढ़ में रह चुके हैं दो-दो उपमुख्यमंत्री : धरमलाल कौशिक

इन अटकलों के बीच नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का बयान आया है. उन्होंने कहा कि इसके पहले भी कांग्रेस सरकार में दो-दो उपमुख्यमंत्री रहे लेकिन इसे प्रदेश का भला नहीं हुआ. ऐसे में छत्तीसगढ़ में इस कवायद से प्रदेश का कोई भला नहीं होने वाला है.

बुधवार का शक्ति प्रदर्शन दे रहा कई शंकाओं को जन्म

कौशिक ने इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है लेकिन जिस प्रकार से कल शक्ति प्रदर्शन हुआ है, यह अनेक शंकाओ को जन्म दे रहा है. दूसरा सिंहदेव भी दिल्ली में काफी उम्मीद पर रुके हुए हैं. उन्हें कुछ मिलने की संभावना है. आने वाले समय में हाईकमान क्या निर्णय करता है, यह तो समय बताएगा लेकिन कुल मिलाकर कहीं ना कहीं पार्टी में कुछ गड़बड़ जरूर है. कुछ बात जरूर है, जिसे लेकर जद्दोजहद अब भी जारी है.

कौशिक ने कहा कि उपमुख्यमंत्री से सिंहदेव को क्या फायदा होगा या नहीं यह तो वही बता पाएंगे लेकिन मुझे नहीं लगता है कि यह प्रदेश के लिए फायदेमंद है. जिस प्रकार से यहां पर मंत्रिमंडल चल रहा है, सबका अलग-अलग राग है , कोई नीति नहीं है. सबका अभाव दिख रहा है. कौशिक ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की बैठकों में स्वास्थ्य मंत्री नदारद रहे. उन्हें बुलाया नहीं गया या वे खुद नहीं गए, यह तो वही बता सकते हैं. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि यह वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं.

आखिर कांग्रेस के विधायक क्यों लगाने लगे दिल्ली की दौड़ ?

हाईकमान ने नहीं लिया जल्द निर्णय तो उठाना पड़ सकता है भारी नुकसान: राम अवतार तिवारी

वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि यदि प्रदेश में डिप्टी सीएम बना जाता है तो कोई नई बात नहीं होगी. पूर्व में भी कांग्रेस सरकार के दौरान दो उप मुख्यमंत्री बनाए जा चुके हैं. कांग्रेस हाईकमान को जो भी निर्णय लेना है, वह जल्दी लेना होगा. यदि हाईकमान निर्णय लेने में देरी करता है तो इसका खामियाजा कहीं ना कहीं आने वाले समय में पार्टी को उठाना पड़ सकता है. हो सकता है इसका नुकसान पार्टी को विधानसभा चुनाव में भी उठाना पड़े, साथ ही पार्टी के अंदर मचे इस घमासान से कहीं ना कहीं भाजपा को लाभ मिलता नजर आ रहा है.

तिवारी का यह भी कहना था कि जिस तरह से बहुमत के साथ कांग्रेस सत्ता पर काबिज हुई है, उसे प्रदेश के विकास को लेकर चर्चा करनी थी. योजनाएं बनानी थी, उसका क्रियान्वयन करना था. लेकिन वर्तमान परिस्थिति को देखकर तो यही लगता है कि पार्टी अंदरूनी गुटबाजी के चक्कर में ही फंसी हुई है. यह कहीं ना कहीं पार्टी सहित प्रदेश और जनता के लिए भी नुकसानदायक है.

बहरहाल कांग्रेस हाईकमान क्या निर्णय लेता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन यह जरूर है कि पार्टी के अंदर मचे इस घमासान को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमाई हुई है. बघेल और सिंहदेव के बीच की ये खाई दिनों दिन बढ़ती जा रही है. बड़ा सवाल यह है कि कहीं ऐसा ना हो कि यह खाई इतनी बढ़ जाए जिसे भरना आने वाले समय में पार्टी के लिए मुश्किल हो जाए?

Last Updated : Aug 26, 2021, 6:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.