रायपुर: शरीर के लिए कैल्शियम महत्वपूर्ण होता है. कैल्शियम हड्डियों और दातों के लिए बहुत ही जरूरी होता है. कैल्शियम का इंटेक कम करने से उम्र बढ़ने के साथ-साथ ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या हो सकती है. ऐसे में डाइट में, विटामिन डी को शामिल करना जरूरी है. एक वयस्क को 1000 मिलीग्राम कैल्शियम अपनी डाइट में हर दिन शामिल करना चाहिए.
वेज और नॉनवेज दोनों में सोर्स: गर्भावस्था के समय और प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन डी यानि कैल्शियम की रिक्वायरमेंट भी बढ़ जाती हैं. इसके साथ ही टीनएज बच्चों में भी विटामिन डी की रिक्वायरमेंट देखी जाती है. विटामिन डी यानि कैल्शियम की मात्रा फूड और फलों में पाई जाती है. वेजिटेरियन और नॉन वेजिटेरियन दोनों ही चीजों में कैल्शियम के सोर्स होते हैं.
इन प्रोडक्ट में होता है कैल्शियम: डेयरी प्रोडक्ट दूध में विटामिन डी यानी कैल्शियम अधिक मात्रा में पाई जाती है. दिन में कम से कम 2 ग्लास दूध का सेवन किया जाना चाहिए. शरीर में कैल्शियम की कमी होने से दूध का सेवन, इस कमी को दूर कर सकता है. दही को सुपरफूड माना जाता है. इसमें कैल्शियम का अच्छा सोर्स पाया जाता है. कैल्शियम की कमी होने से दही का इंटेक भी जरूरी है. कई बार हड्डियां कमजोर या फैक्चर हो जाती है. यह इसलिए होता है कि कैल्शियम की कमी होने पर हड्डियां मजबूत नहीं होती.
डेली करें पनीर का सेवन: डेयरी प्रोडक्ट में पनीर भी विटामिन डी यानी कैल्शियम का बहुत अच्छा सोर्स माना जाता है. पनीर में कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. कैल्शियम के साथ ही पनीर में प्रोटीन की मात्रा भी पायी जाती है. डेली रूटीन में पनीर का उपयोग किया जा सकता है.
ड्राई फ्रूट्स में अच्छा स्रोत: ड्राई फ्रूट्स में बादाम, प्रोटीन और कैल्शियम का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है. शरीर में कैल्शियम की कमी महसूस होने पर प्रतिदिन 2 से 4 बादाम पानी में भीगाकर छिलका सहित खाना चाहिए. बादाम के छिलके में भी बहुत अधिक मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है. मखाना का सेवन करने पर मखाने में फाइबर कैल्शियम और प्रोटीन पाया जाता है. अपनी डाइट में मखाना को भी शामिल किया जा सकता है.
सीड्स में भी पाया जाता है: सीड्स में भी विटामिन डी यानी कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है. फ्लेक्स सीड्स, सनफ्लावर सीडस, पमकीन सीड्स, मेलन सीड्स यह सभी तरह के सीड्स भी विटामिन डी यानी कैल्शियम के बहुत अच्छे सोर्स माने जाते हैं. इसे अपनी डाइट में शामिल किया जाना चाहिए.
भाजियों में भी इसका स्रोत: भाजियों में यदि पालक की बात करें तो, पालक की भाजी में जिंक और कैल्शियम पाया जाता है. इसे भी अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए. पालक भाजी भी कैल्शियम का अच्छा स्रोत माना जाता है. ऐसे में कैल्शियम की कमी होने पर पालक भाजी को अपनी डाइट में जरूर शामिल किया जाना चाहिए.
कीवी में भी कई अच्छे विटामिन मौजूद: कीवी को सुपर फूड के नाम से जाना जाता है, जो कैल्शियम यानी विटामिन डी का सबसे अच्छा सोर्स माना गया है. दिन भर में अगर 2 कीवी का सेवन करते हैं, तो यह हमारी हड्डियों को टूटने से बचाने में मदद करता है. फैक्चर को कम करने में भी सहायक होता है. कैल्शियम की कमी को कंट्रोल करने का भी काम करता है.
सोयाबीन भी इसका सोर्स: सोयाबीन को भी विटामिन डी यानी कैल्शियम का अच्छा सोर्स माना जाता है. सोयाबीन में प्रोटीन के साथ ही पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम भी पाया जाता है. अलग अलग तरीके से सोयाबीन का सेवन किया जा सकता है.
अंडों में भी पाया जाता है विटामिन डी: अंडा भी विटामिन डी यानी कैल्शियम का अच्छा सोर्स माना जाता है. नॉन वेजिटेरियन अंडा को अपनी डाइट में शामिल कर सकते है. इसमें भी पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी यानी कैल्शियम पाया जाता है. उक्त सभी चीजों को रूटीन की डाइट में शामिल करने पर कैल्शियम की कमी से बचा जा सकता है.