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रायपुर: खाद्य मंत्री की अध्यक्षता में उपसमिति की हुई बैठक, 31 अक्टूबर तक बढ़ी किसान पंजीयन की अवधि

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक हुई. बैठक में प्रदेश के किसानों से समर्थन मूल्य पर धान और मक्का खरीदी करने के लिए किसान पंजीयन की अवधि दिनांक 17 अगस्त, 2020 से 31 अक्टूबर, 2020 तक निर्धारित की गई है.

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खाद्य मंत्री की अध्यक्षता में उपसमिति की हुई बैठक
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Published : Aug 11, 2020, 5:41 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के तहत धान खरीदी के लिए मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक हुई. बैठक खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी. आगामी खरीफ विपणन साल 2020-21 में प्रदेश के किसानों से समर्थन मूल्य पर धान और मक्का खरीदी करने के लिए किसान पंजीयन की अवधि दिनांक 17 अगस्त, 2020 से 31 अक्टूबर, 2020 तक निर्धारित की गई है.

31 अक्टूबर तक बढ़ी किसान पंजीयन की अवधि

जानकारी के मुताबिक खरीफ वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसान को खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के लिए पंजीकृत माने जाने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए पिछले खरीफ वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों की दर्ज भूमि, धान के रकबे और खसरे की जानकारी को राजस्व विभाग के माध्यम से अपडेट कराया जाएगा. नए किसानों का पंजीयन तहसीलदार के माध्यम से किया जाएगा. खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में अनुमानित 85 लाख टन धान उपार्जन के लिए आवश्यक नए जूट बारदाने की व्यवस्था जूट कमिश्नर के माध्यम से की जा रही है.

Cabinet subcommittee meeting chaired by Minister Amarjeet Bhagat concluded
खाद्य मंत्री की अध्यक्षता में उपसमिति की हुई बैठक

किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ मिलेगा

साथ ही आवश्यकतानुसार पुराने बारदाने की व्यवस्था अनुसार पीडीएस के बारदाने, मिलर्स के पास बचत बारदाने और किसान के पास उपलब्ध जूट बारदाने से की जाएगी. पुराने बारदाने की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उसकी दर 12 रूपये प्रति नग से बढ़ाकर 15 रूपये प्रति नग निर्धारित की गई है. "राजीव गांधी किसान न्याय योजना" का लाभ खरीफ वर्ष 2020-21 में किसान पंजीयन के दौरान पंजीकृत कराए गए धान के रकबे के आधार पर दी जाएगी. पंजीकृत किसानों को समर्थन मूल्य पर धान नहीं बेचने पर भी पंजीकृत रकबे पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ मिलेगा.

मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में बैठक

बता दें कि बैठक में खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, सहित केबिनेट मंत्री, मोहम्मद अकबार, प्रेमसाय सिंह टेकाम और उमेश पटेल शामिल रहे. इस बैठक में धान और मक्का खरीदी के संबंध में नीतियां निर्धारित की गई.

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के तहत धान खरीदी के लिए मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक हुई. बैठक खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी. आगामी खरीफ विपणन साल 2020-21 में प्रदेश के किसानों से समर्थन मूल्य पर धान और मक्का खरीदी करने के लिए किसान पंजीयन की अवधि दिनांक 17 अगस्त, 2020 से 31 अक्टूबर, 2020 तक निर्धारित की गई है.

31 अक्टूबर तक बढ़ी किसान पंजीयन की अवधि

जानकारी के मुताबिक खरीफ वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसान को खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के लिए पंजीकृत माने जाने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए पिछले खरीफ वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों की दर्ज भूमि, धान के रकबे और खसरे की जानकारी को राजस्व विभाग के माध्यम से अपडेट कराया जाएगा. नए किसानों का पंजीयन तहसीलदार के माध्यम से किया जाएगा. खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में अनुमानित 85 लाख टन धान उपार्जन के लिए आवश्यक नए जूट बारदाने की व्यवस्था जूट कमिश्नर के माध्यम से की जा रही है.

Cabinet subcommittee meeting chaired by Minister Amarjeet Bhagat concluded
खाद्य मंत्री की अध्यक्षता में उपसमिति की हुई बैठक

किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ मिलेगा

साथ ही आवश्यकतानुसार पुराने बारदाने की व्यवस्था अनुसार पीडीएस के बारदाने, मिलर्स के पास बचत बारदाने और किसान के पास उपलब्ध जूट बारदाने से की जाएगी. पुराने बारदाने की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उसकी दर 12 रूपये प्रति नग से बढ़ाकर 15 रूपये प्रति नग निर्धारित की गई है. "राजीव गांधी किसान न्याय योजना" का लाभ खरीफ वर्ष 2020-21 में किसान पंजीयन के दौरान पंजीकृत कराए गए धान के रकबे के आधार पर दी जाएगी. पंजीकृत किसानों को समर्थन मूल्य पर धान नहीं बेचने पर भी पंजीकृत रकबे पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ मिलेगा.

मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में बैठक

बता दें कि बैठक में खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, सहित केबिनेट मंत्री, मोहम्मद अकबार, प्रेमसाय सिंह टेकाम और उमेश पटेल शामिल रहे. इस बैठक में धान और मक्का खरीदी के संबंध में नीतियां निर्धारित की गई.

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