रायपुर: कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन से सभी सेक्टर प्रभावित हुए हैं. इनमें परिवहन सेवा से जुड़े सेक्टर भी प्रभावित हुए हैं. लॉकडाउन लागू होने के बाद से बसों का संचालन बंद है. इससे बस ऑपरेटरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में परिवहन सेवा की ओर शासन का ध्यान खींचने और टैक्स में छूट देने की मांग को लेकर बस ऑपरेटरों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की है.
बता दें शनिवार को बस ऑपरेटरों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर राहत देने की मांग की है. बस ऑपरेटर संघ के अध्यक्ष नवशरण गरछा ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से लॉकडाउन खत्म होने के बाद बसों के संचालन में 6 महीने टैक्स छूट की मांग की है. ऑपरेटरों ने मुख्यमंत्री से मिलकर उनका धन्यवाद भी किया है. शासन ने लॉकडाउन के 2 महीनों के दौरान ऑपरेटरों को टैक्स से राहत दी है.
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सोशल डिस्टेंसिंग मुश्किल
नवशरण गरछा ने बताया कि प्रशासन की ओर से सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए बस ऑपरेटरों को 50 प्रतिशत यात्रियों के साथ बस शुरू करने को कहा गया है. लेकिन इस तरह बस के परिचलन से लागत खर्च तक नहीं निकल सकेगी. ऐसे में यह मांग की गई है कि भले ही और 2 महीने बाद बस परिवहन शुरू की जाए लेकिन जब भी शुरू हो 100% के साथ शुरू की जाए. नवशरण ने तर्क दिया है कि रेलवे ने भी 50% यात्रियों के साथ सेवा शुरू करने की कोशिश की लेकिन वे भी ऐसा नहीं कर सके, ऐसे में बस ऑपरेटर भी बड़ी मुश्किल से इसे चला सकेंगे.
डीजल पर वैट ज्यादा
नवशरण गरछा की मानें तो प्रदेश में डीजल के ऊपर जो वैट लग रहा है, वह ज्यादा है. इस कारण जितने भी ट्रक और बसें हैं वे प्रदेश से लगे हुए अन्य राज्यों में जाकर डीजल भरवा रहे हैं. इसके कारण छत्तीसगढ़ को मिलने वाला टैक्स दूसरे राज्यों को जा रहा है. छत्तीसगढ़ में डीजल के वैट को कम किया जाता है तो छत्तीसगढ़ को इसका दोगुना फायदा मिले सकेगा. साथ में छत्तीसगढ़ के नागरिकों को भी राहत मिलेगी.