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'धर्म के नाम पर जनता को बांट कर नागरिकता की परिभाषा बदलना चाहते हैं मोदी': वृंदा करात

शहर में CAA और NRC को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने पहुंची पूर्व सांसद वृंदा करात. उन्होंने यहां सभा को संबोधित किया. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा है.

Vrinda Karat targeted central government for CAA and NRC in raipur
सभा को संबोधित करती वृंदा करात
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Published : Feb 18, 2020, 8:47 AM IST

Updated : Feb 18, 2020, 9:12 AM IST

रायपुर: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो सदस्य और पूर्व सांसद वृंदा करात जयस्तंभ चौक पहुंची जहां उन्होंने CAA और NRC के विरोध में चल रहे धरना प्रदर्शन में शामिल होकर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है.

वृंदा करात ने पीएम मोदी पर साधा निशाना

वृंदा करात ने कहा कि 'मोदी जी चुने हुए लोगों को धर्म के नाम पर लोगों को विभाजित करके नागरिकता की परिभाषा बदलना चाहते हैं' करात ने कहा कि 'आज किसी दल के अस्तित्व का सवाल नहीं है, आज भारत के संविधान के अस्तित्व का सवाल है.'

शाहीन बाग पर आए कोर्ट के फैसले पर बोलीं वृंदा

वृंदा ने शाहिन बाग में चल रहे आंदोलन पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट का बहुत अहम फैसला आया है. क्योंकि केंद्र सरकार ने लाख कोशिश की कि गोली और लाठी के बल पर जबरजस्ती शाहीन बाग में आंदोलनकारियों को हटाएं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ये स्वीकार नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विरोध करना हमारा हक है. कोर्ट ने तो केंद्र सरकार की दलील को सिरे से नकार दिया है.

धर्मनिरपेक्षता पर आधारित हमारा संविधान: करात

वृंदा ने कहा कि 'देश में भ्रम फैलाया जा रहा है कि NRC और NPR एक दूसरे के कोई संबंध नहीं रखते हैं और इसका नागरिकों पर सीधा असर नहीं पड़ेगा. हमें समझने की जरूरत है कि हमारे देश के संविधान का बुनियादी ढांचा धर्मनिरपेक्षता है. हमारे देश और हमारे पड़ोसी देश में यही अंतर है कि हमारे सत्ता का कोई धार्मिक चरित्र नहीं है. हमारे देश की जब संविधान पर बहस हुई तो इसी पर एक जबरदस्त बहस हुई थी हिंदुस्तान की नागरिकता की भाषा क्या होना चाहिए.'

रायपुर: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो सदस्य और पूर्व सांसद वृंदा करात जयस्तंभ चौक पहुंची जहां उन्होंने CAA और NRC के विरोध में चल रहे धरना प्रदर्शन में शामिल होकर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है.

वृंदा करात ने पीएम मोदी पर साधा निशाना

वृंदा करात ने कहा कि 'मोदी जी चुने हुए लोगों को धर्म के नाम पर लोगों को विभाजित करके नागरिकता की परिभाषा बदलना चाहते हैं' करात ने कहा कि 'आज किसी दल के अस्तित्व का सवाल नहीं है, आज भारत के संविधान के अस्तित्व का सवाल है.'

शाहीन बाग पर आए कोर्ट के फैसले पर बोलीं वृंदा

वृंदा ने शाहिन बाग में चल रहे आंदोलन पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट का बहुत अहम फैसला आया है. क्योंकि केंद्र सरकार ने लाख कोशिश की कि गोली और लाठी के बल पर जबरजस्ती शाहीन बाग में आंदोलनकारियों को हटाएं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ये स्वीकार नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विरोध करना हमारा हक है. कोर्ट ने तो केंद्र सरकार की दलील को सिरे से नकार दिया है.

धर्मनिरपेक्षता पर आधारित हमारा संविधान: करात

वृंदा ने कहा कि 'देश में भ्रम फैलाया जा रहा है कि NRC और NPR एक दूसरे के कोई संबंध नहीं रखते हैं और इसका नागरिकों पर सीधा असर नहीं पड़ेगा. हमें समझने की जरूरत है कि हमारे देश के संविधान का बुनियादी ढांचा धर्मनिरपेक्षता है. हमारे देश और हमारे पड़ोसी देश में यही अंतर है कि हमारे सत्ता का कोई धार्मिक चरित्र नहीं है. हमारे देश की जब संविधान पर बहस हुई तो इसी पर एक जबरदस्त बहस हुई थी हिंदुस्तान की नागरिकता की भाषा क्या होना चाहिए.'

Last Updated : Feb 18, 2020, 9:12 AM IST
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