रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक मई यानी कि अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के दिन बोरे बासी तिहार मनाया जाएगा. पिछले साल सीएम बघेल की अपील के बाद लोगों ने बढ़-चढ़कर बोरे बासी खाया था. इस दौरान कई लोगों ने सोशल मीडिया पर बोरे बासी खाते हुए तस्वीर भी शेयर की थी. छत्तीसगढ़ के लोग खासकर गर्मी के मौसम में बोरे बासी यानी कि बासी भात में नमक डालकर प्याज और मिर्च टमाटर की चटनी के साथ खाते हैं.
दूसरे राज्य के लोग भी खाते हैं बोरे बासी: छत्तीसगढ़ ही नहीं भारत के कई राज्यों में बोरे बासी खाया जाता है. सिर्फ नाम का अंतर है. हर राज्य में लोग सुबह के समय खासकर ये खाते हैं. देहाती इलाके का ये प्रसिद्ध व्यंजन है. इसे तैयार करने में भी ज्यादा वक्त नहीं लगता. पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, झारखंड, असम, त्रिपुरा और बांग्लादेश में भी इसे बड़े चाव से खाया जाता है. बिहार में इसे गीला भात या पानी भात कहते हैं. असमिया इसे पोइता भात कहते हैं. ओडिशा में पोखला भात के नाम से प्रसिद्ध है. पश्चिम बंगाल में इसे पंता भात के नाम से जाना जाता है.
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कई बीमारियों से बचाता है बोरे बासी: छत्तीसगढ़ के लोग गर्मियों में बोरे बासी खाते हैं. बोरे बासी खाने से गर्मी के मौसम में स्वास्थ्य अच्छा रहता है. पाचन क्रिया भी सही रहती है. बोरे बासी खाने से लू नहीं लगती. ब्लड प्रेशर के लिए ये काफी अच्छा माना जाता है. ना सिर्फ स्वास्थ्य के लिए बल्कि खाने में भी ये स्वादिष्ट होता है.