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SPECIAL: वर्ल्ड रेड क्रॉस डे, ब्लड बैंक पर भी पड़ा कोरोना वायरस इफेक्ट - world red cross day

रायपुर में ब्लड बैंक पर भी कोरोना वायरस का असर हुआ है, विपरीत परिस्थियों में भी लोगों तक सहायता पहुंचाने वाले ब्लड बैंक में ब्लड डोनेट करने वालों की संख्या में काफी कमी आई है.

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ब्लड बैंक पर भी पड़ा कोरोना वायरस इफेक्ट
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Published : May 8, 2020, 2:08 PM IST

Updated : May 8, 2020, 4:02 PM IST

रायपुर: 8 मई को दुनिया भर में विश्व रेड क्रॉस दिवस के रूप में मनाया जाता है. रेडक्रॉस सोसायटी एक ऐसा गैर सरकारी संगठन है जो दुनिया भर में पीड़ितों की सहायता करने के लिए हमेशा तैयार रहता है. दुनिया में किसी भी कोने में कोई भी प्राकृतिक आपदा आए, कोई सैनिक युद्ध के मैदान में घायल हो जाए या कोरोना जैसी विश्व आपदा आए तो रेडक्रॉस की टीम बिना किसी भेदभाव के सहायता के लिए तत्पर रहती है. कोरोना वायरस के संक्रमण के वैश्विक संकट के दौरान भी रेडक्रॉस सोसाइटी के कार्यकर्ता पूरे विश्व भर में सेवा और मानवता के लिए लगातार जुटे हुए हैं.

वर्ल्ड रेड क्रॉस डे, ब्लड बैंक पर भी पड़ा कोरोना वायरस इफेक्ट


ETV भारत ने लिया जायजा

रेड क्रॉस के छत्तीसगढ़ राज्य प्रभारी समीर यादव ने ETV भारत को बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से रोकथाम के लिए प्रदेश भर में 1 हजार वॉलिंटियर सेवाएं दे रहे है, जिससे करीब 18 हजार लोगों को राहत पहुंचाई गई है. इसके अलावा जन जागरूकता के लिए 10 हजार मास्क और 15 हजार कपड़ों के मास्क भी बांटे गए है. रेड क्रॉस की टीम दूसरे राज्यों में फंसे लोगों के लिए कॉल सेंटर के माध्यम से मदद कर रही है. रेड क्रॉस के माध्यम से छत्तीसगढ़ में ब्लड बैंक चलाए जा रहे हैं साथ ही कई जिलों में वृद्ध आश्रम और एंबुलेंस सेवा भी संचालित की जा रही है.
WORLD RED CROSS DAY: जरूरतमंदों का सहारा है रेड क्रॉस सोसायटी

ब्लड बैंक पर कोरोना इफेक्ट


कोरोना वायरस का असर ब्लड बैंक पर भी पड़ा है.साधारण तौर पर ब्लड बैंक में 250 से 300 यूनिट तक ब्लड इमरजेंसी के लिए रिजर्व रहता था लेकिन कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण ब्लड डोनेट करने वालों की संख्या में लगातार कमी आई है. इसका असर है कि ब्लड बैंकों में भी केवल 100 यूनिट तक की ब्लड बचा हुआ है. ब्लड रेड क्रॉस ब्लड बैंक के इंचार्ज डॉक्टर धर्मेश बघेल कहते हैं कि कोरोनावायरस और लॉकडाउन से इमरजेंसी के केस में कमी आई है लेकिन थैलेसीमिया, एनीमिया, डायलिसिस, सिकलिंग और तमाम तरह के ऑपरेशन के दौरान ब्लड की जरूरत अनिवार्य रूप से पड़ती है लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में ब्लड डोनेशन कैंप नहीं लग पा रहे है. साथ ही ये भी बताया कि कोरोना का इलाज प्लाज्मा थेरेपी से करने पर काम चल रहा है जिसके लिए प्रदेश में ब्लड बैंक पूरी तरह से तैयार है.

विश्व भर में तमाम आपदाओं में मानव जीवन को बचाने में रेड क्रॉस ने बड़ी भूमिका निभाई है. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद एक बार फिर से कोरोना वायरस के विश्वव्यापी संकट में रेड क्रॉस लोगों की मदद के लिए दिनरात काम कर रहा है.

रायपुर: 8 मई को दुनिया भर में विश्व रेड क्रॉस दिवस के रूप में मनाया जाता है. रेडक्रॉस सोसायटी एक ऐसा गैर सरकारी संगठन है जो दुनिया भर में पीड़ितों की सहायता करने के लिए हमेशा तैयार रहता है. दुनिया में किसी भी कोने में कोई भी प्राकृतिक आपदा आए, कोई सैनिक युद्ध के मैदान में घायल हो जाए या कोरोना जैसी विश्व आपदा आए तो रेडक्रॉस की टीम बिना किसी भेदभाव के सहायता के लिए तत्पर रहती है. कोरोना वायरस के संक्रमण के वैश्विक संकट के दौरान भी रेडक्रॉस सोसाइटी के कार्यकर्ता पूरे विश्व भर में सेवा और मानवता के लिए लगातार जुटे हुए हैं.

वर्ल्ड रेड क्रॉस डे, ब्लड बैंक पर भी पड़ा कोरोना वायरस इफेक्ट


ETV भारत ने लिया जायजा

रेड क्रॉस के छत्तीसगढ़ राज्य प्रभारी समीर यादव ने ETV भारत को बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से रोकथाम के लिए प्रदेश भर में 1 हजार वॉलिंटियर सेवाएं दे रहे है, जिससे करीब 18 हजार लोगों को राहत पहुंचाई गई है. इसके अलावा जन जागरूकता के लिए 10 हजार मास्क और 15 हजार कपड़ों के मास्क भी बांटे गए है. रेड क्रॉस की टीम दूसरे राज्यों में फंसे लोगों के लिए कॉल सेंटर के माध्यम से मदद कर रही है. रेड क्रॉस के माध्यम से छत्तीसगढ़ में ब्लड बैंक चलाए जा रहे हैं साथ ही कई जिलों में वृद्ध आश्रम और एंबुलेंस सेवा भी संचालित की जा रही है.
WORLD RED CROSS DAY: जरूरतमंदों का सहारा है रेड क्रॉस सोसायटी

ब्लड बैंक पर कोरोना इफेक्ट


कोरोना वायरस का असर ब्लड बैंक पर भी पड़ा है.साधारण तौर पर ब्लड बैंक में 250 से 300 यूनिट तक ब्लड इमरजेंसी के लिए रिजर्व रहता था लेकिन कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण ब्लड डोनेट करने वालों की संख्या में लगातार कमी आई है. इसका असर है कि ब्लड बैंकों में भी केवल 100 यूनिट तक की ब्लड बचा हुआ है. ब्लड रेड क्रॉस ब्लड बैंक के इंचार्ज डॉक्टर धर्मेश बघेल कहते हैं कि कोरोनावायरस और लॉकडाउन से इमरजेंसी के केस में कमी आई है लेकिन थैलेसीमिया, एनीमिया, डायलिसिस, सिकलिंग और तमाम तरह के ऑपरेशन के दौरान ब्लड की जरूरत अनिवार्य रूप से पड़ती है लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में ब्लड डोनेशन कैंप नहीं लग पा रहे है. साथ ही ये भी बताया कि कोरोना का इलाज प्लाज्मा थेरेपी से करने पर काम चल रहा है जिसके लिए प्रदेश में ब्लड बैंक पूरी तरह से तैयार है.

विश्व भर में तमाम आपदाओं में मानव जीवन को बचाने में रेड क्रॉस ने बड़ी भूमिका निभाई है. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद एक बार फिर से कोरोना वायरस के विश्वव्यापी संकट में रेड क्रॉस लोगों की मदद के लिए दिनरात काम कर रहा है.

Last Updated : May 8, 2020, 4:02 PM IST
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