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पढ़ई तुंहर दुआर: 'हमारे नायक' में अब सरगुजिया भाषा में भी प्रकाशित हो रहा ब्लॉग

पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के अंतर्गत मकर सक्रांति यानी 14 जनवरी से ब्लॉग प्रकाशित किया जा रहा है. इस ब्लॉग को सरगुजा संभाग की लोकप्रिय प्रचलित भाषा में प्रकाशित किया जा रहा है. ब्लॉग को धर्मानंद गोजे ने सरगुजिया भाषा में अनुवाद किया है.

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Published : Jan 14, 2021, 1:12 PM IST

Blogged Publish That Study Duhar Duar Program
पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम

रायपुरः पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के अंतर्गत मकर संक्रांति के दिन यानी गुरुवार से ब्लॉग प्रकाशित किया जा रहा है. ये ब्लॉग हमारे नायक कॉलम में सरगुजा संभाग की लोकप्रिय प्रचलित भाषा में प्रकाशित किया जा रहा है. जिसमें शिक्षक दीपलता देशमुख और सूरजपुर जिले की अस्थिबाधित दिव्यांग छात्रा कुमारी चिंतामणि राजवाड़े का ब्लॉग अपलोड किया जाएगा. शिक्षक का ब्लॉग सूरजपुर जिले के ब्लॉग लेखक धर्मानंद गोजे और विद्यार्थी का ब्लॉग बलौदाबाजार जिले की ब्लॉग लेखिका सीमा मिश्रा ने लिखा है.

ब्लॉग सरगुजिया भाषा में किया गया अनुवाद

लेखक धर्मानंद गोजे ने दोनों ब्लॉग का सरगुजिया भाषा में अनुवाद किया है. इसके पहले हिन्दी और अंग्रेजी भाषा के साथ संस्कृत, छत्तीसगढ़ी, कुडुख, गोंडी जैसी क्षेत्रीय भाषाओं में भी ब्लॉग लेखन किया जा चुका है. दिन-प्रतिदिन हमारे नायक कॉलम के राज्य ब्लॉग लेखक की टीम नए-नए प्रयास से छत्तीसगढ़ की संस्कृति और कलात्मकता को प्रदर्शित कर रहे हैं.

पढ़ें-कलेक्टर दीपक सोनी ने पारा-मोहल्ला क्लास का किया निरीक्षण

बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंतित थे शिक्षक

कोरोना काल के समय से ही हमारे प्रदेश के शिक्षक और अभिभावक बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंतित थे. सभी की यह चिंता स्वाभाविक भी थी. क्योंकि इस कठिन दौर में बच्चों की पढ़ाई कैसे जारी रखी जाए, यह एक गंभीर प्रश्न था. स्कूल शिक्षा विभाग भी यह विचार कर रहा था कि शिक्षकों और बच्चों को अध्ययन-अध्यापन से कैसे जोड़ा जाए. जिससे विद्यार्थी सुरक्षित घर पर ही रहकर अपनी पढ़ाई जारी रख सके. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने इस सोच को मूर्तरूप प्रदान किया. साथ ही ऑनलाईन पोर्टल ‘पढ़ई तुंहर दुआर‘ शुरू कर इन सारी समस्याओं का सार्थक समाधान निकाला.

पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम

छत्तीसगढ़ से शुरू हुआ पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम बहुत जल्द ही पूरे देश भर में सफलतापूर्वक संचालित किया जाने वाला कार्यक्रम बन गया. पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम की सफलता का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि हमारे देश के साथ 17 अन्य देशों के विद्यार्थी भी इस पोर्टल से जुड़कर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. राज्य भर के कुशल ब्लॉग लेखक चयनित नायकों के उत्कृष्ट कार्यों को अपने शब्दों में पिरोने का कार्य कर रहे हैं. सभी क्षेत्रों के ब्लॉग लेखक होने की वजह से अब ''हमारे नायक'' कॉलम में छत्तीसगढ़ की विभिन्न भाषाओं और प्रमुख बोलियों में भी ब्लॉग प्रकाशित हो रहा है.

रायपुरः पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के अंतर्गत मकर संक्रांति के दिन यानी गुरुवार से ब्लॉग प्रकाशित किया जा रहा है. ये ब्लॉग हमारे नायक कॉलम में सरगुजा संभाग की लोकप्रिय प्रचलित भाषा में प्रकाशित किया जा रहा है. जिसमें शिक्षक दीपलता देशमुख और सूरजपुर जिले की अस्थिबाधित दिव्यांग छात्रा कुमारी चिंतामणि राजवाड़े का ब्लॉग अपलोड किया जाएगा. शिक्षक का ब्लॉग सूरजपुर जिले के ब्लॉग लेखक धर्मानंद गोजे और विद्यार्थी का ब्लॉग बलौदाबाजार जिले की ब्लॉग लेखिका सीमा मिश्रा ने लिखा है.

ब्लॉग सरगुजिया भाषा में किया गया अनुवाद

लेखक धर्मानंद गोजे ने दोनों ब्लॉग का सरगुजिया भाषा में अनुवाद किया है. इसके पहले हिन्दी और अंग्रेजी भाषा के साथ संस्कृत, छत्तीसगढ़ी, कुडुख, गोंडी जैसी क्षेत्रीय भाषाओं में भी ब्लॉग लेखन किया जा चुका है. दिन-प्रतिदिन हमारे नायक कॉलम के राज्य ब्लॉग लेखक की टीम नए-नए प्रयास से छत्तीसगढ़ की संस्कृति और कलात्मकता को प्रदर्शित कर रहे हैं.

पढ़ें-कलेक्टर दीपक सोनी ने पारा-मोहल्ला क्लास का किया निरीक्षण

बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंतित थे शिक्षक

कोरोना काल के समय से ही हमारे प्रदेश के शिक्षक और अभिभावक बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंतित थे. सभी की यह चिंता स्वाभाविक भी थी. क्योंकि इस कठिन दौर में बच्चों की पढ़ाई कैसे जारी रखी जाए, यह एक गंभीर प्रश्न था. स्कूल शिक्षा विभाग भी यह विचार कर रहा था कि शिक्षकों और बच्चों को अध्ययन-अध्यापन से कैसे जोड़ा जाए. जिससे विद्यार्थी सुरक्षित घर पर ही रहकर अपनी पढ़ाई जारी रख सके. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने इस सोच को मूर्तरूप प्रदान किया. साथ ही ऑनलाईन पोर्टल ‘पढ़ई तुंहर दुआर‘ शुरू कर इन सारी समस्याओं का सार्थक समाधान निकाला.

पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम

छत्तीसगढ़ से शुरू हुआ पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम बहुत जल्द ही पूरे देश भर में सफलतापूर्वक संचालित किया जाने वाला कार्यक्रम बन गया. पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम की सफलता का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि हमारे देश के साथ 17 अन्य देशों के विद्यार्थी भी इस पोर्टल से जुड़कर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. राज्य भर के कुशल ब्लॉग लेखक चयनित नायकों के उत्कृष्ट कार्यों को अपने शब्दों में पिरोने का कार्य कर रहे हैं. सभी क्षेत्रों के ब्लॉग लेखक होने की वजह से अब ''हमारे नायक'' कॉलम में छत्तीसगढ़ की विभिन्न भाषाओं और प्रमुख बोलियों में भी ब्लॉग प्रकाशित हो रहा है.

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