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मजबूत विपक्ष और संगठन में बदलाव कर सत्ता का रास्ता तलाश रही बीजेपी !

छत्तीसगढ़ में बीजेपी अब मिशन 2023 पर फोकस कर रही है. मुख्य विपक्षी दल के रूप में बीजेपी ने अब 2023 के लिए कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करना शुरू कर दिया है. साथ ही संगठन में भी तमाम रिक्तियों को भर दिया है.

strong opposition in Chhattisgarh
भाजपा का मिशन 2023
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Published : Jan 3, 2021, 10:50 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी मिशन 2023 के टारगेट को लेकर अब तेजी से काम कर रही है. छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रभारी के रूप में डी पुरंदेश्वरी की नियुक्ति के बाद ही उन्होंने प्रदेश के गुटीय राजनीति को साधने का प्रयास किया था. यहीं नहीं उन्होंने मिशन 2023 के लिए रोड मैप को लेकर भी प्लान तैयार किया है. जिसके आधार पर ही उन्होंने मजबूत विपक्ष बनाने के लिए जोर दिया है. यहीं वजह है कि अब 3 जनवरी से हो रहे उनके दौरे के पहले ही छत्तीसगढ़ में लंबे समय से अटके हुए जिला संभाग और प्रदेश प्रकोष्ठ के तमाम पदों पर नियुक्ति कर दी गई है. ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि छत्तीसगढ़ में मजबूत विपक्ष लाने में भाजपा को नए लोगों को मौका देना जरूरी होगा.

भाजपा का मिशन 2023

भाजपा की प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी 3 दिनों के छत्तीसगढ़ दौरे पर पहुंची हैं. उनके दौरे से पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने संगठन के तमाम पदों पर नियुक्तियां कर दी है. इसे उनके फरमान का ही असर कहा जा सकता है. पार्टी आलाकमान ने प्रदेश प्रभारी बदलने के साथ ही अब कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण का दौर भी तेज कर दिया है. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी युवा चेहरों को मौका दिया जा रहा है. ऐसे कार्यकर्ता जो लंबे समय से पार्टी में तो जुड़े थे, लेकिन उन्हें मंच में अपनी बात रखने का मौका नहीं मिल पाया था. ऐसे तमाम लोगों को अब पार्टी मौका देकर उन्हें साधने की कोशिश की जा रही है.

संभाग से लेकर जिलों तक पहुचेंगी प्रभारी

प्रदेश पदाधिकारी अपने प्रभार वाले जिलों में अगले आने वाले दिनों में दौरा करेंगे और बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करेंगे. वहीं प्रदेश की प्रभारी डी पुरंदेश्वरी 3 दिनों के दौरे पर छत्तीसगढ़ पहुंच गई हैं. वह जिला और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने के लिए भी जिलों का दौरा करेंगी. इस दौरान संगठन की ओर से दिए गए अभियान की जानकारी भी लेंगी. पुरंदेश्वरी ने सभी मोर्चा प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों, जिला संगठन और मंडल संगठन के पदाधिकारियों की घोषणा का लक्ष्य दिया था. जिला प्रभारियों की नई नियुक्ति को लेकर भी वे चर्चा करेंगी.

पढ़ें: डी पुरंदेश्वरी की संभागीय, जिला और सह प्रभारी के साथ बैठक

संभाग प्रभारियों की बैठक

बीजेपी ने कार्यकारिणी की घोषणा भी प्रभारी के दौरे से पहले ही पूरी कर ली है. डी पुरंदेश्वरी के दौरे को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल कहते हैं कि वह अगले 3 दिनों तक छत्तीसगढ़ में रहेंगी. जिस तरह से उनका पिछला दौरा रहा है, उसके बाद अब वे लगातार छत्तीसगढ़ के दौरे पर आती रहेंगी. वर्तमान में जो दौरा है इसमें संभाग प्रभारियों की बैठक भी होगी. वे बलौदा बाजार और महासमुंद जैसे जिलों में जाकर जिला कार्यालयों में भी कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करेंगी.

संगठन महामंत्री सौदान सिंह की छुट्टी

छत्तीसगढ़ में बीजेपी के संगठन महामंत्री के रूप में सौदान सिंह सबसे पावरफुल लीडरों में शुमार थे. एक समय ऐसा माना जाता था कि वे मुख्यमंत्री रमन सिंह से भी ज्यादा पावरफुल रहे हैं. उनके इशारे पर ही संगठन के तमाम पदों पर नियुक्तियां की जाती रही है. बीते लंबे समय से छत्तीसगढ़ में दबी जुबान से उनके खिलाफ माहौल बन रहा था. कार्यकर्ताओं में भी उनके नाम को लेकर खासी नाराजगी देखने को मिल रही थी. बीते दिनों आदिवासी लीडरों की बैठक में भी उनके व्यवहार को लेकर चर्चा की गई थी. अब ये आलाकमान का बड़ा फैसला माना जा रहा है कि प्रदेश की नई प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के दौरे के ठीक पहले ही सौदान सिंह का पत्ता काट दिया गया है. अब उनकी जगह शिव प्रकाश को छत्तीसगढ़ के संगठन की जवाबदारी सौंपी गई है.

पढ़ें: नए साल की सियासी चुनौतियों के बीच आमने-सामने पक्ष और विपक्ष

देना होगा युवाओं को मौका

भाजपा के हालातों को लेकर वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी कहते हैं कि छत्तीसगढ़ में 15 साल बीजेपी की सरकार रही है, लेकिन विपक्ष के तौर पर भाजपा बेहद कमजोर नजर आ रही है. सत्ता गंवाने के बाद कार्यकर्ताओं में लंबे समय से हताशा और निराशा है. क्योंकि भाजपा की हालात छत्तीसगढ़ में विपक्ष के तौर पर भी सही नहीं दिख रही है. प्रदेश में मिशन 65 का दावा करने वाली भाजपा को 14 सीटें नसीब हुई है. ऐसे में सदन से लेकर सड़क तक विपक्ष को मजबूत करने के लिए पार्टी को बड़ी लड़ाई लड़ने की जरुरत है.

आलाकमान ने दिखाई गंभीरता

उनका कहना है कि पार्टी आलाकमान ने भी छत्तीसगढ़ को लेकर गंभीरता दिखाई है. बीते 1 महीने में ही छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रभारी के रूप में डी पुरंदेश्वरी के नियुक्ति किया जाना, उनकी नियुक्ति के दूसरे दौरे के पहले ही प्रदेश के तमाम पदों पर नियुक्ति कर देना, कहीं न कहीं पार्टी के आने वाले रोड मैप को साफ करता है. अब भाजपा को घरो से बाहर निकलकर सड़क की लड़ाई लड़नी होगी. ऐसे में युवा चेहरों पर ज्यादा फोकस करने की जरुरत है. इनके पास मिशन 2023 का टारगेट है. ऐसे में इन्हें बड़े प्लानिंग के साथ तमाम मतभेद को भूलकर एक बड़ी लड़ाई लड़ने की जरुरत है.

नए उर्जा के साथ उभरी भाजपा

लंबे समय के बाद नए प्रदेश प्रभारी नियुक्ति होने के साथ ही भाजपा में भी एक नई उर्जा देखने को मिल रही है. यहीं वजह है कि पिछले 1 महीने में तमाम तरह की गतिविधियां भाजपा करती नजर आई है. चाहे वह कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम की बात हो, या फिर सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने की बात हो. सदन में भी भाजपा के आक्रामक तेवर देखने को मिले हैं. ऐसे में लंबे समय से छत्तीसगढ़ में जमे हुए संगठन महामंत्री सौदान सिंह की भी वापसी होने के बाद, आने वाले समय में अब तमाम नाराजगी को दूर कर छत्तीसगढ़ में भाजपा को एक प्लेटफार्म पर लाकर खड़े करने पर पार्टी आलाकमान कोशिश कर रही है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी मिशन 2023 के टारगेट को लेकर अब तेजी से काम कर रही है. छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रभारी के रूप में डी पुरंदेश्वरी की नियुक्ति के बाद ही उन्होंने प्रदेश के गुटीय राजनीति को साधने का प्रयास किया था. यहीं नहीं उन्होंने मिशन 2023 के लिए रोड मैप को लेकर भी प्लान तैयार किया है. जिसके आधार पर ही उन्होंने मजबूत विपक्ष बनाने के लिए जोर दिया है. यहीं वजह है कि अब 3 जनवरी से हो रहे उनके दौरे के पहले ही छत्तीसगढ़ में लंबे समय से अटके हुए जिला संभाग और प्रदेश प्रकोष्ठ के तमाम पदों पर नियुक्ति कर दी गई है. ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि छत्तीसगढ़ में मजबूत विपक्ष लाने में भाजपा को नए लोगों को मौका देना जरूरी होगा.

भाजपा का मिशन 2023

भाजपा की प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी 3 दिनों के छत्तीसगढ़ दौरे पर पहुंची हैं. उनके दौरे से पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने संगठन के तमाम पदों पर नियुक्तियां कर दी है. इसे उनके फरमान का ही असर कहा जा सकता है. पार्टी आलाकमान ने प्रदेश प्रभारी बदलने के साथ ही अब कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण का दौर भी तेज कर दिया है. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी युवा चेहरों को मौका दिया जा रहा है. ऐसे कार्यकर्ता जो लंबे समय से पार्टी में तो जुड़े थे, लेकिन उन्हें मंच में अपनी बात रखने का मौका नहीं मिल पाया था. ऐसे तमाम लोगों को अब पार्टी मौका देकर उन्हें साधने की कोशिश की जा रही है.

संभाग से लेकर जिलों तक पहुचेंगी प्रभारी

प्रदेश पदाधिकारी अपने प्रभार वाले जिलों में अगले आने वाले दिनों में दौरा करेंगे और बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करेंगे. वहीं प्रदेश की प्रभारी डी पुरंदेश्वरी 3 दिनों के दौरे पर छत्तीसगढ़ पहुंच गई हैं. वह जिला और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने के लिए भी जिलों का दौरा करेंगी. इस दौरान संगठन की ओर से दिए गए अभियान की जानकारी भी लेंगी. पुरंदेश्वरी ने सभी मोर्चा प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों, जिला संगठन और मंडल संगठन के पदाधिकारियों की घोषणा का लक्ष्य दिया था. जिला प्रभारियों की नई नियुक्ति को लेकर भी वे चर्चा करेंगी.

पढ़ें: डी पुरंदेश्वरी की संभागीय, जिला और सह प्रभारी के साथ बैठक

संभाग प्रभारियों की बैठक

बीजेपी ने कार्यकारिणी की घोषणा भी प्रभारी के दौरे से पहले ही पूरी कर ली है. डी पुरंदेश्वरी के दौरे को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल कहते हैं कि वह अगले 3 दिनों तक छत्तीसगढ़ में रहेंगी. जिस तरह से उनका पिछला दौरा रहा है, उसके बाद अब वे लगातार छत्तीसगढ़ के दौरे पर आती रहेंगी. वर्तमान में जो दौरा है इसमें संभाग प्रभारियों की बैठक भी होगी. वे बलौदा बाजार और महासमुंद जैसे जिलों में जाकर जिला कार्यालयों में भी कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करेंगी.

संगठन महामंत्री सौदान सिंह की छुट्टी

छत्तीसगढ़ में बीजेपी के संगठन महामंत्री के रूप में सौदान सिंह सबसे पावरफुल लीडरों में शुमार थे. एक समय ऐसा माना जाता था कि वे मुख्यमंत्री रमन सिंह से भी ज्यादा पावरफुल रहे हैं. उनके इशारे पर ही संगठन के तमाम पदों पर नियुक्तियां की जाती रही है. बीते लंबे समय से छत्तीसगढ़ में दबी जुबान से उनके खिलाफ माहौल बन रहा था. कार्यकर्ताओं में भी उनके नाम को लेकर खासी नाराजगी देखने को मिल रही थी. बीते दिनों आदिवासी लीडरों की बैठक में भी उनके व्यवहार को लेकर चर्चा की गई थी. अब ये आलाकमान का बड़ा फैसला माना जा रहा है कि प्रदेश की नई प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के दौरे के ठीक पहले ही सौदान सिंह का पत्ता काट दिया गया है. अब उनकी जगह शिव प्रकाश को छत्तीसगढ़ के संगठन की जवाबदारी सौंपी गई है.

पढ़ें: नए साल की सियासी चुनौतियों के बीच आमने-सामने पक्ष और विपक्ष

देना होगा युवाओं को मौका

भाजपा के हालातों को लेकर वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी कहते हैं कि छत्तीसगढ़ में 15 साल बीजेपी की सरकार रही है, लेकिन विपक्ष के तौर पर भाजपा बेहद कमजोर नजर आ रही है. सत्ता गंवाने के बाद कार्यकर्ताओं में लंबे समय से हताशा और निराशा है. क्योंकि भाजपा की हालात छत्तीसगढ़ में विपक्ष के तौर पर भी सही नहीं दिख रही है. प्रदेश में मिशन 65 का दावा करने वाली भाजपा को 14 सीटें नसीब हुई है. ऐसे में सदन से लेकर सड़क तक विपक्ष को मजबूत करने के लिए पार्टी को बड़ी लड़ाई लड़ने की जरुरत है.

आलाकमान ने दिखाई गंभीरता

उनका कहना है कि पार्टी आलाकमान ने भी छत्तीसगढ़ को लेकर गंभीरता दिखाई है. बीते 1 महीने में ही छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रभारी के रूप में डी पुरंदेश्वरी के नियुक्ति किया जाना, उनकी नियुक्ति के दूसरे दौरे के पहले ही प्रदेश के तमाम पदों पर नियुक्ति कर देना, कहीं न कहीं पार्टी के आने वाले रोड मैप को साफ करता है. अब भाजपा को घरो से बाहर निकलकर सड़क की लड़ाई लड़नी होगी. ऐसे में युवा चेहरों पर ज्यादा फोकस करने की जरुरत है. इनके पास मिशन 2023 का टारगेट है. ऐसे में इन्हें बड़े प्लानिंग के साथ तमाम मतभेद को भूलकर एक बड़ी लड़ाई लड़ने की जरुरत है.

नए उर्जा के साथ उभरी भाजपा

लंबे समय के बाद नए प्रदेश प्रभारी नियुक्ति होने के साथ ही भाजपा में भी एक नई उर्जा देखने को मिल रही है. यहीं वजह है कि पिछले 1 महीने में तमाम तरह की गतिविधियां भाजपा करती नजर आई है. चाहे वह कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम की बात हो, या फिर सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने की बात हो. सदन में भी भाजपा के आक्रामक तेवर देखने को मिले हैं. ऐसे में लंबे समय से छत्तीसगढ़ में जमे हुए संगठन महामंत्री सौदान सिंह की भी वापसी होने के बाद, आने वाले समय में अब तमाम नाराजगी को दूर कर छत्तीसगढ़ में भाजपा को एक प्लेटफार्म पर लाकर खड़े करने पर पार्टी आलाकमान कोशिश कर रही है.

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