रायपुरः छत्तीसगढ़ में अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर का चुनाव होगा. प्रदेश में पार्षद, मेयर का चुनाव करेंगे. भाजपा इस फैसले के खिलाफ बुधवार को राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगी और प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन करेगी.
नगरीय निकाय चुनाव में हुए बदलाव के बाद प्रदेश में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है, जिसे लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां लगातार बयान जारी कर रही हैं.
सरकार के 10 महीनों की असफलता बताए
भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि लोकतंत्र पर हमला होने पर बीजेपी सामने आकर लड़ती है. भाजपा सभी जिलों के मुख्यालय में प्रदर्शन करेगी और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने दो दिन पहले ही महापौर चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से करवाए जाने की बात की. इसलिए इस पर किसी प्रकार की समिति के कोई मायने नहीं रहा जाते हैं. सरकार ने पहले समिति रिकमेंड किया उसके बाद कैबिनेट में चर्चा करती है, जो मात्र औपचारिकता है. इस प्रकार का फैसला लेना लोकतंत्र में ठीक नहीं है. उन्होंने EVM की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने पर कांग्रेस सरकार की 10 महीनों की असफलता छुपाने की बात कही. साथ ही प्रशासन का दुरुपयोग कर चुनाव जीतने का षड़यंत्र बताया.
कांग्रेस ने फैसले का किया स्वागत
कांग्रेस के मीडिया प्रमुख शैलेश नितीन त्रिवेदी ने बदलाव का स्वागत करते हुए कहा कि पहले नगरीय निकाय चुनाव में अध्यक्ष और महापौर का चुनाव सीधे मतदाता करते थे. इससे कई बार पार्षद अलग दल के होते थे और महापौर अलग दल के जिसकी वजह से विचार नहीं मिल पाता था. लेकिन नई प्रणाली में बहुत सारी कमियां दूर होगी, इससे पार्षदों और महापौर के बीच टकराव की स्थिति नहीं होगी. उन्होंने कहा कि भारत में प्रधानमंत्री का चुनाव इसी प्रणाली से किया जाता है. इसलिए भाजपा का इस पर सवाल उठाना शासन व्यवस्था का विरोध करना और मजाक उड़ाने जैसा है. विपक्ष के खरीद फरोख्त के आरोप पर उन्होंने कहा कि इस प्रकार का आरोप लगाना निर्वाचित सदस्यों और जनता का अपमान है. कांग्रेस पार्टी इसका कड़ा विरोध करती है.