रायपुर: छत्तीसगढ़ में लगातार हाथियों का आतंक जारी है. प्रदेश के सरगुजा, बलरामपुर, जशपुर और रायगढ़ समेत कई जिलों में हाथियों का दल फसलों और ग्रामीणों के मकान को अपना शिकार बना रहे हैं. ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार ने हाथियों के उत्पात को रोकने के लिए जंगल या बस्ती के बाहर हाथियों को सड़ा धान खिलाने की योजना बनाई है. लेकिन सरकार के इस कॉन्सेप्ट पर विपक्ष हमलावर हो गया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने इसे फ्लॉप आइडिया बताया है. उन्होंने कहा कि यदि हाथियों को धान खिलाने का आदी बना दिया तो हमारे किसानों के धान महफूज नहीं रहेंगे. उन्होंने कहा कि हाथी सड़ा धान नहीं खाएंगे.
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'हाथी धान को सूंघेघा भी नहीं'
हाथियों को धान खिलाने के आइडिया को उन्होंने फ्लॉप बताते हुए कहा कि इस हाथी धान को सूंघेघा भी नहीं. विष्णुदेव साय ने सरकार को लेमरू एलिफेंट कॉरिडोर को शुरू करने की बात कही है. साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है और कांग्रेस सरकार हाथियों को सड़ा धान खिलाने की तैयारी कर रही है. जबकि सड़ा धान हाथी सूंघेघा भी नहीं तो भला खाएगा कैसे? यदि इसकी आदत हाथियों को लग गई तो किसानों के फसलों को नुकसान पहुंचाएंगे.
'ढाई साल में कुछ नहीं कर पाई सरकार'
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने कहा कि कांग्रेस सरकार को ढाई साल हो चुके हैं. लेकिन इस मामले पर सरकार अब तक कुछ नई कर पा रही है. जबकि सरकार को ढाई साल में इस मामले पर बहुत आगे बढ़ जाना था. पिछले साल धान संग्रहण केंद्रों का दौरा किया था. जिसमें धान पूरी तरह से सड़ गया है. हालात ऐसे हैं कि धान, खाद की तरह दिखाई देने लगा है. ऐसे में भला हाथी इस धान को कैसे खाएंगे. हाथियों को धान खिलाने के मुद्दे पर बघेल सरकार घिर गई है. बीजेपी लगातार इस मसले पर राज्य सरकार को घेर रहा है.