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क्या छत्तीसगढ़ में रमन सिंह को साइडलाइन करने की है तैयारी, क्या कहते हैं जानकार

Raman Singh can be made governor छत्तीसगढ़ की राजनीति में बीजेपी ने लगातार कई चेहरों को बदल डाला. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अरुण साव की नियुक्ति की गई. फिर नेता प्रतिपक्ष के तौर पर नारायण चंदेल को कमान सौंपी गई BJP preparing to sideline Raman Singh in Chhattisgarh. अब रमन सिंह को लेकर छत्तीसगढ़ में चर्चा का बाजार गर्म Former Chief Minister Raman Singh है. कयास लगाए जा रहे हैं कि रमन सिंह Raman Singh को साइडलाइन किया जा सकता है.

Raman Singh can be made governor
छत्तीसगढ़ में रमन सिंह को साइडलाइन
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Published : Aug 19, 2022, 10:28 PM IST

Updated : Aug 20, 2022, 4:55 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ बीजेपी में लगातार उठापटक का दौर जारी है. आलाकमान ने पहले छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का चेहरा बदला. सांसद अरुण साव को छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई (Discussion in Chhattisgarh about Raman Singh). फिर नेता प्रतिपक्ष रहे धरमलाल कौशिक को हटाकर उनके जगह नारायण चंदेल को नेता प्रतिपक्ष बनाया. लगातार दो बड़े बदलाव के बाद अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि (Raman Singh) रमन सिंह को छत्तीसगढ़ की राजनीति से साइडलाइन किया जा सकता (Former Chief Minister Raman Singh) है. सूत्रों की मानें तो आगामी दिनों में डॉक्टर रमन सिंह को देश के अन्य राज्यों की बड़ी जवाबदारी सौंपी जा सकती है. या फिर उन्हें राज्यपाल बना कर दूसरे राज्य भेजा जा सकता है. इसके अलावा पार्टी स्तर पर भी उन्हें किसी महत्वपूर्ण काम में लगाया जा सकता है Effect of change in Chhattisgarh BJP.

पद का फैसला आलाकमान करती है: (politics of chhattisgarh) नेता प्रतिपक्ष ने बीजेपी में बदलाव का इशारा किया है. जब नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल से सवाल किया गया कि क्या आगामी विधानसभा चुनाव में डॉ रमन सिंह को भाजपा छत्तीसगढ़ से दूर करने की तैयारी कर रही है. उसके जवाब में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि "पार्टी हाईकमान यह तय करेगी कि किसको क्या पद देना है. या किसको कहा भेजना है. परिवर्तन प्रकृति का नियम है. परिवर्तन लोकतंत्र की खूबसूरती है".

क्या राज्यपाल बनाए जाएंगे रमन

सीएम भूपेश बघेल ने रमन सिंह को लेकर कसा तंज: (Raman Singh) डॉ रमन सिंह को राज्यपाल बनाए जाने की चर्चा के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा है कि "उन्हें चले जाना चाहिए. उनके रहते रहते सब कुछ बदल डाले हैं उनके नीचे वालों को बदल दिया गया है".


रमेश बैस की तरह रमन सिंह को बनाया जा सकता है राज्यपाल: इसके पहले भी भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता रमेश बैस को छत्तीसगढ़ की राजनीति से किनारे किया था. रमेश बेस को भाजपा ने झारखंड का राज्यपाल बनाते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ की राजनीति से विदाई दी थी. कयास लगाए जा रहे कि अब इसी रास्ते पर कहीं न कहीं डॉक्टर रमन सिंह को भी रवाना करने की तैयारी है. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "निश्चित तौर पर ऐसे दिख रहा है कि रमन सिंह और उनके करीबियों को पार्टी की मुख्यधारा से हटाया जा रहा है. भाजपा को लगता है की ये चेहरे बदल कर पुरानी चीजों को छुपा लेंगे. लेकिन पिछले 15 सालों में भाजपा सरकार के द्वारा वादाखिलाफी की गई है. इस चीज को भाजपा का नेतृत्व समझ रहा है. साल 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद लगातार भाजपा जनता का विश्वास खोती जा रही जा रही है. 4 उपचुनाव, नगरीय निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव हुए, सभी में भाजपा को जनता ने नकारा है. भाजपा नेता को लगता है कि जो उस समय सत्ता में थे उसे अलग कर नए लोगों को मौका दिया जाए . लेकिन किसी भी चेहरे को सामने लाया जाए जनता इनके कुशासन को भुलाने वाली नहीं (Former Chief Minister Raman Singh) है."

ये भी पढ़ें: बीजेपी ने हमेशा आदिवासियों का किया सम्मान: रमन सिंह

क्या है राजनीतिक जानकारों की राय: भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश बैस की तर्ज पर रमन सिंह को छत्तीसगढ़ की राजनीति से दूर करने के सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार बाबूलाल शर्मा का कहना है कि "एक जंगल में दो शेर नहीं रह सकते हैं. जिस तरह बीते समय में रमेश बैस और डॉक्टर रमन सिंह बराबरी के नेता थे. बैस को मौका नहीं मिला, जिससे वे असंतुष्ट हैं. इस पर पार्टी की नजर थी और यही वजह थी कि पार्टी में माहौल खराब ना हो उसके लिए रमेश बैंस को राज्यपाल बनाकर झारखंड भेज दिया गया. अभी भी रमेश बैस की छत्तीसगढ़ की राजनीति में आने की संभावना बनी हुई है. बाबूलाल शर्मा ने कहा कि अब कुछ लोगों द्वारा कहा जा रहा है कि रमन सिंह का कद घट गया है. उन्हें किनारे किया जा रहा है जबकि ऐसा नहीं है. ना तो रमन सिंह का कभी कद घटा है और ना ही उन्हें किनारे किया जा रहा है.आज भी वे एक महत्वपूर्ण पद पर है और वह पद ऐसा है कि जब भी कभी भाजपा का कोई भी प्रमुख नेता छत्तीसगढ़ आएगा तो उसके बगल में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह के लिए जगह सुरक्षित रहेगी".



बीजेपी में सीएम का चेहरा आगे कर नहीं लड़ा जाता चुनाव: क्या आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से रमन सिंह को सीएम का चेहरा होंगे. इस पर बाबूलाल शर्मा ने कहा कि "भाजपा में कभी भी सीएम का चेहरा सामने करके चुनाव नही लड़ा गया है. उत्तर प्रदेश में सीएम आदित्यनाथ थे लेकिन पार्टी ने कभी ऐसा नहीं कहा कि उन को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. इसका निर्णय चुनाव जीतने के बाद पार्टी हाईकमान लेती है. वैसे भी भारतीय जनता पार्टी प्रयोग के लिए जानी जाती है. कब किस चेहरे को कहां ला दे यह नहीं कहा जा सकता. वह भी मुख्यमंत्री बन सकता है. जिसका कभी नाम भी नहीं सुना हो. बाबूलाल शर्मा ने इस पूरे बदलाव को ओबीसी वोट बैंक को साधने की रणनीति बताया है. उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष दोनों ओबीसी से आते हैं और ओबीसी को साधने के लिए भाजपा के द्वारा यह निर्णय लिया गया है".


आज भी रमन सिंह का सुझाव लेती है बीजेपी: वहीं वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा का भी यही मानना है कि "वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति चाहे जैसी भी हो लेकिन डॉ रमन सिंह का कद नहीं घटा है. शशांक शर्मा ने कहा कि उस समय जो लोकसभा चुनाव का वातावरण था लगभग सभी कैंडिडेट बदलने थे. ऐसी स्थिति में रमेश बैस जैसे बहुत वरिष्ठ और कद्दावर नेता को आप दरकिनार नहीं कर सकते थे. इसलिए उनको बहुत ही सम्मानजनक तरीके से राज्यपाल बनाकर वह रास्ता उन्होंने साफ कर दिया. वही डॉक्टर रमन सिंह के कद की बात की जाए तो आज भी डॉक्टर रमन सिंह का कद उतना ही दमदार है. आज भी वे पार्टी के लिए सबसे कद्दावर और महत्वपूर्ण नेता हैं. उनकी सलाह और सुझाव के बिना भाजपा आलाकमान भी कोई निर्णय नहीं लेता. रमन सिंह का कद अगले चुनाव तक निश्चित तौर पर बना रहेगा. उसके बाद क्या होगा यह कहा नहीं जा सकता अगला चुनाव भी डॉक्टर रमन सिंह के निर्देशन में ही होगा ऐसी वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति को देखकर लगता है".

ये भी पढ़ें: झंडे को लेकर राजनीति करना गलत : रमन सिंह

रमन सिंह की उम्र रिटायर लायक नहीं हुई: रमन सिंह को राज्यपाल बनाए जाने को लेकर चल रही चर्चा को लेकर शशांक शर्मा ने कहा कि "रमन अभी इतने वरिष्ठ नहीं हुए हैं उनको रिटायर वाली पोस्ट दी जाए. 15 साल के मुख्यमंत्री हैं भाजपा की एक और विशेषता यह है कि यदि मुख्यमंत्री रहते हुए उनके चेहरे पर कोई दाग नहीं लगा है और गुटीय राजनीति में नहीं रहे हैं तो भाजपा उस चेहरे को भी नहीं बदलती है. येदुरप्पा, शिवराज सिंह चौहान इसके उदाहरण है. वही प्रदेश में चेहरे बदलने को लेकर शशांक शर्मा ने कहा कि यह पार्टी ने पहले ही साफ कर दिया था नए चेहरे सामने लाए जाएंगे और यह पार्टी की एक प्रक्रिया है लेकिन इसका भी एक रेशियो होगा सारे चेहरे नए लाये जाएं ऐसा जरूरी नहीं है."



अपनी जगह अभिषेक को रमन सिंह नहीं दिलाएंगे टिकट: वहीं रमन सिंह खुद की जगह अभिषेक को टिकट दिला कर चुनाव लड़ा सकते हैं. इस सवाल पर शशांक शर्मा ने कहा कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही साफ कर दिया है कि परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा. ऐसे में मुझे नहीं लगता कि डॉ रमन सिंह अपनी जगह अभिषेक को चुनाव लड़ाएंगे. यह भी हो सकता है डॉ रमन सिंह चुनाव न लड़े और पूरे प्रदेश की प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी संभाले. यदि सत्ता पर बाद में भाजपा काबिज होती है तो किसी एक जगह पर अपने विधायक से इस्तीफा दिलाकर उस जगह को खाली कर डॉ रमन सिंह को चुनाव लड़ाया जाये और मुख्यमंत्री बनाया जाए .साल 2003 में भी इसी तरह डॉ रमन सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया था".

रायपुर: छत्तीसगढ़ बीजेपी में लगातार उठापटक का दौर जारी है. आलाकमान ने पहले छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का चेहरा बदला. सांसद अरुण साव को छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई (Discussion in Chhattisgarh about Raman Singh). फिर नेता प्रतिपक्ष रहे धरमलाल कौशिक को हटाकर उनके जगह नारायण चंदेल को नेता प्रतिपक्ष बनाया. लगातार दो बड़े बदलाव के बाद अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि (Raman Singh) रमन सिंह को छत्तीसगढ़ की राजनीति से साइडलाइन किया जा सकता (Former Chief Minister Raman Singh) है. सूत्रों की मानें तो आगामी दिनों में डॉक्टर रमन सिंह को देश के अन्य राज्यों की बड़ी जवाबदारी सौंपी जा सकती है. या फिर उन्हें राज्यपाल बना कर दूसरे राज्य भेजा जा सकता है. इसके अलावा पार्टी स्तर पर भी उन्हें किसी महत्वपूर्ण काम में लगाया जा सकता है Effect of change in Chhattisgarh BJP.

पद का फैसला आलाकमान करती है: (politics of chhattisgarh) नेता प्रतिपक्ष ने बीजेपी में बदलाव का इशारा किया है. जब नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल से सवाल किया गया कि क्या आगामी विधानसभा चुनाव में डॉ रमन सिंह को भाजपा छत्तीसगढ़ से दूर करने की तैयारी कर रही है. उसके जवाब में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि "पार्टी हाईकमान यह तय करेगी कि किसको क्या पद देना है. या किसको कहा भेजना है. परिवर्तन प्रकृति का नियम है. परिवर्तन लोकतंत्र की खूबसूरती है".

क्या राज्यपाल बनाए जाएंगे रमन

सीएम भूपेश बघेल ने रमन सिंह को लेकर कसा तंज: (Raman Singh) डॉ रमन सिंह को राज्यपाल बनाए जाने की चर्चा के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा है कि "उन्हें चले जाना चाहिए. उनके रहते रहते सब कुछ बदल डाले हैं उनके नीचे वालों को बदल दिया गया है".


रमेश बैस की तरह रमन सिंह को बनाया जा सकता है राज्यपाल: इसके पहले भी भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता रमेश बैस को छत्तीसगढ़ की राजनीति से किनारे किया था. रमेश बेस को भाजपा ने झारखंड का राज्यपाल बनाते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ की राजनीति से विदाई दी थी. कयास लगाए जा रहे कि अब इसी रास्ते पर कहीं न कहीं डॉक्टर रमन सिंह को भी रवाना करने की तैयारी है. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "निश्चित तौर पर ऐसे दिख रहा है कि रमन सिंह और उनके करीबियों को पार्टी की मुख्यधारा से हटाया जा रहा है. भाजपा को लगता है की ये चेहरे बदल कर पुरानी चीजों को छुपा लेंगे. लेकिन पिछले 15 सालों में भाजपा सरकार के द्वारा वादाखिलाफी की गई है. इस चीज को भाजपा का नेतृत्व समझ रहा है. साल 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद लगातार भाजपा जनता का विश्वास खोती जा रही जा रही है. 4 उपचुनाव, नगरीय निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव हुए, सभी में भाजपा को जनता ने नकारा है. भाजपा नेता को लगता है कि जो उस समय सत्ता में थे उसे अलग कर नए लोगों को मौका दिया जाए . लेकिन किसी भी चेहरे को सामने लाया जाए जनता इनके कुशासन को भुलाने वाली नहीं (Former Chief Minister Raman Singh) है."

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क्या है राजनीतिक जानकारों की राय: भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश बैस की तर्ज पर रमन सिंह को छत्तीसगढ़ की राजनीति से दूर करने के सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार बाबूलाल शर्मा का कहना है कि "एक जंगल में दो शेर नहीं रह सकते हैं. जिस तरह बीते समय में रमेश बैस और डॉक्टर रमन सिंह बराबरी के नेता थे. बैस को मौका नहीं मिला, जिससे वे असंतुष्ट हैं. इस पर पार्टी की नजर थी और यही वजह थी कि पार्टी में माहौल खराब ना हो उसके लिए रमेश बैंस को राज्यपाल बनाकर झारखंड भेज दिया गया. अभी भी रमेश बैस की छत्तीसगढ़ की राजनीति में आने की संभावना बनी हुई है. बाबूलाल शर्मा ने कहा कि अब कुछ लोगों द्वारा कहा जा रहा है कि रमन सिंह का कद घट गया है. उन्हें किनारे किया जा रहा है जबकि ऐसा नहीं है. ना तो रमन सिंह का कभी कद घटा है और ना ही उन्हें किनारे किया जा रहा है.आज भी वे एक महत्वपूर्ण पद पर है और वह पद ऐसा है कि जब भी कभी भाजपा का कोई भी प्रमुख नेता छत्तीसगढ़ आएगा तो उसके बगल में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह के लिए जगह सुरक्षित रहेगी".



बीजेपी में सीएम का चेहरा आगे कर नहीं लड़ा जाता चुनाव: क्या आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से रमन सिंह को सीएम का चेहरा होंगे. इस पर बाबूलाल शर्मा ने कहा कि "भाजपा में कभी भी सीएम का चेहरा सामने करके चुनाव नही लड़ा गया है. उत्तर प्रदेश में सीएम आदित्यनाथ थे लेकिन पार्टी ने कभी ऐसा नहीं कहा कि उन को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. इसका निर्णय चुनाव जीतने के बाद पार्टी हाईकमान लेती है. वैसे भी भारतीय जनता पार्टी प्रयोग के लिए जानी जाती है. कब किस चेहरे को कहां ला दे यह नहीं कहा जा सकता. वह भी मुख्यमंत्री बन सकता है. जिसका कभी नाम भी नहीं सुना हो. बाबूलाल शर्मा ने इस पूरे बदलाव को ओबीसी वोट बैंक को साधने की रणनीति बताया है. उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष दोनों ओबीसी से आते हैं और ओबीसी को साधने के लिए भाजपा के द्वारा यह निर्णय लिया गया है".


आज भी रमन सिंह का सुझाव लेती है बीजेपी: वहीं वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा का भी यही मानना है कि "वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति चाहे जैसी भी हो लेकिन डॉ रमन सिंह का कद नहीं घटा है. शशांक शर्मा ने कहा कि उस समय जो लोकसभा चुनाव का वातावरण था लगभग सभी कैंडिडेट बदलने थे. ऐसी स्थिति में रमेश बैस जैसे बहुत वरिष्ठ और कद्दावर नेता को आप दरकिनार नहीं कर सकते थे. इसलिए उनको बहुत ही सम्मानजनक तरीके से राज्यपाल बनाकर वह रास्ता उन्होंने साफ कर दिया. वही डॉक्टर रमन सिंह के कद की बात की जाए तो आज भी डॉक्टर रमन सिंह का कद उतना ही दमदार है. आज भी वे पार्टी के लिए सबसे कद्दावर और महत्वपूर्ण नेता हैं. उनकी सलाह और सुझाव के बिना भाजपा आलाकमान भी कोई निर्णय नहीं लेता. रमन सिंह का कद अगले चुनाव तक निश्चित तौर पर बना रहेगा. उसके बाद क्या होगा यह कहा नहीं जा सकता अगला चुनाव भी डॉक्टर रमन सिंह के निर्देशन में ही होगा ऐसी वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति को देखकर लगता है".

ये भी पढ़ें: झंडे को लेकर राजनीति करना गलत : रमन सिंह

रमन सिंह की उम्र रिटायर लायक नहीं हुई: रमन सिंह को राज्यपाल बनाए जाने को लेकर चल रही चर्चा को लेकर शशांक शर्मा ने कहा कि "रमन अभी इतने वरिष्ठ नहीं हुए हैं उनको रिटायर वाली पोस्ट दी जाए. 15 साल के मुख्यमंत्री हैं भाजपा की एक और विशेषता यह है कि यदि मुख्यमंत्री रहते हुए उनके चेहरे पर कोई दाग नहीं लगा है और गुटीय राजनीति में नहीं रहे हैं तो भाजपा उस चेहरे को भी नहीं बदलती है. येदुरप्पा, शिवराज सिंह चौहान इसके उदाहरण है. वही प्रदेश में चेहरे बदलने को लेकर शशांक शर्मा ने कहा कि यह पार्टी ने पहले ही साफ कर दिया था नए चेहरे सामने लाए जाएंगे और यह पार्टी की एक प्रक्रिया है लेकिन इसका भी एक रेशियो होगा सारे चेहरे नए लाये जाएं ऐसा जरूरी नहीं है."



अपनी जगह अभिषेक को रमन सिंह नहीं दिलाएंगे टिकट: वहीं रमन सिंह खुद की जगह अभिषेक को टिकट दिला कर चुनाव लड़ा सकते हैं. इस सवाल पर शशांक शर्मा ने कहा कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही साफ कर दिया है कि परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा. ऐसे में मुझे नहीं लगता कि डॉ रमन सिंह अपनी जगह अभिषेक को चुनाव लड़ाएंगे. यह भी हो सकता है डॉ रमन सिंह चुनाव न लड़े और पूरे प्रदेश की प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी संभाले. यदि सत्ता पर बाद में भाजपा काबिज होती है तो किसी एक जगह पर अपने विधायक से इस्तीफा दिलाकर उस जगह को खाली कर डॉ रमन सिंह को चुनाव लड़ाया जाये और मुख्यमंत्री बनाया जाए .साल 2003 में भी इसी तरह डॉ रमन सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया था".

Last Updated : Aug 20, 2022, 4:55 PM IST
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