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छत्तीसगढ़ बीजेपी के नेताओं से क्या नाराज है हाईकमान ? दी ये नसीहत

छत्तीसगढ़ में 15 साल सत्ता में रही बीजेपी (Chhattisgarh BJP) के सामने मिशन 2023 की चुनौती है. सत्ता वापस पाने के लिए बीजेपी को सिर्फ कड़ी मेहनत ही नहीं करनी पड़ेगी बल्कि मुद्दे पर आधारित राजनीति से जनता के साथ खड़ा भी होना पड़ेगा. हाल ही छत्तीसगढ़ में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक लेने पहुंचे राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश (Shivprakash) ने बीजेपी नेताओं को परिवारवाद समेत कई मुद्दों को लेकर नसीहत दी है. जिससे कई खेमों में खलबली मच गई है.

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Published : May 29, 2021, 11:16 PM IST

रायपुर: कांग्रेस पर परिवारवाद (Familism) का आरोप लगाती आ रही भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janta Party) अब खुद इसे पर घिरती नजर आ रही है. पार्टी के कई दिग्गज नेताओं पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है, जिसके कारण बीते कुछ समय से पार्टी में नाराजगी बढ़ी है. हाल ही में छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janta Party Chhattisgarh) की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक हुई. बैठक में शामिल होने पहली बार रायपुर पहुंचे, बीजेपी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश (Shivprakash) ने भी दो टूक कह दिया कि पुत्र मोह त्यागकर पार्टी हित में काम करना सभी नेताओं को जरूरी होगा. शिवप्रकाश के इस बयान के बाद पार्टी में खलबली मची है, तो कांग्रेस ने भी चुटकी लेने में कमी नहीं की है.

छत्तीसगढ़ बीजेपी के नेताओं से क्या नाराज है हाईकमान ? दी ये नसीहत

कामकाज को लेकर शिवप्रकाश ने जताई नाराजगी

राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने छत्तीसगढ़ में बीजेपी (chhattisgarh bjp) के कामकाज को लेकर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता ग्रासरूट लेवल पर जाकर काम करें. परिक्रमा करने वालों को भी अब ऐसे परिक्रमा बंद करनी होगी. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हो या फिर नगरीय निकाय चुनाव, बीजेपी के कुछ नेताओं पर परिवारवाद को बढ़ाने का आरोप लगता रहा है. प्रदेश कार्यकारिणी और मोर्चा प्रकोष्ठ की नियुक्ति में भी भाई-भतीजावाद का आरोप नेताओं पर लग रहा है. भाजपा मोर्चा के कई जिलों के की नियुक्तियां तो अपने बड़े नेताओं के पुत्रों और अपनों को एडजस्ट करने के लिए अब तक अटकी हुई है. इन सबको देखते हुए ही बीजेपी के तमाम नेताओं को उन्होंने नसीहत दी है.

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कांग्रेस ने बीजेपी पर ली चुटकी

परिवारवाद को लेकर घिरी बीजेपी पर कांग्रेस ने चुटकी ली है. प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि, बीजेपी के नेता चाहे कुछ भी तर्क दें, लेकिन उनके राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश की नसीहत से पार्टी के वो नेता जो बड़े नेताओं के भाई-भतीजावाद और पुत्रों का शिकार हुए हैं वे खुश हैं. त्रिवेदी ने कहा कि 2018 के चुनाव में जब बीजेपी चुनाव हारी तो, उस समय तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने इस हार के लिए बीजेपी के कार्यकर्ताओं को ही दोषी करार दे दिया. जिस रमन सिंह के 15 साल के कार्यकाल के बाद बीजेपी 15 सीटों में सिमट गई. उन्हें आगे बढ़ाने का काम यह नेता कर कर रहे हैं.

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'बीजेपी व्यक्ति आधारित राजनीति नहीं करती'

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर साहू ने बताया कि, प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने एक संकेत दिया है और मंत्र भी दिया है कि साथ में काम करें, सबको साथ लेकर चलें. हम सबको आज की स्थिति में यह समझना है कि सभी के भावनाओं की अभिव्यक्ति हो. अपने सांगठनिक ढांचा को भी अच्छे दिशा में ले जा सकें. चंद्रशेखर साहू ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी में व्यक्ति आधारित राजनीति की ज्यादा गुंजाइश नहीं है. कहीं-कहीं ऐसी स्थिति आती है तो बाद में उसका सुधार भी किया जाता है. बीजेपी की जो आइडियोलॉजी है वह संगठन आधारित है.

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'बीजेपी एक कैडर आधारित पार्टी'

राष्ट्रीय संगठन महामंत्री की नसीहत को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अनिल द्विवेदी ने बताया कि, बीजेपी एक कैडर आधारित पार्टी है. बीजेपी के कार्यक्रमों में किसी व्यक्ति आधारित लोगों के नारे भी नहीं लगाए जाते हैं. उनका एक अपना अनुशासन है. जिस पर सभी काम करते हैं. अनिल द्विवेदी ने कहा कि, हाल ही में टूलकिट मामले में पूर्व सीएम रमन सिंह के समर्थन में बीजेपी ने 'मैं भी डॉक्टर रमन' अभियान चलाया था. ऐसा अभियान पहले अन्ना हजारे के आंदोलन में चलाया गया था. राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश की यह नसीहत शायद इसी को लेकर होगी.

रायपुर: कांग्रेस पर परिवारवाद (Familism) का आरोप लगाती आ रही भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janta Party) अब खुद इसे पर घिरती नजर आ रही है. पार्टी के कई दिग्गज नेताओं पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है, जिसके कारण बीते कुछ समय से पार्टी में नाराजगी बढ़ी है. हाल ही में छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janta Party Chhattisgarh) की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक हुई. बैठक में शामिल होने पहली बार रायपुर पहुंचे, बीजेपी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश (Shivprakash) ने भी दो टूक कह दिया कि पुत्र मोह त्यागकर पार्टी हित में काम करना सभी नेताओं को जरूरी होगा. शिवप्रकाश के इस बयान के बाद पार्टी में खलबली मची है, तो कांग्रेस ने भी चुटकी लेने में कमी नहीं की है.

छत्तीसगढ़ बीजेपी के नेताओं से क्या नाराज है हाईकमान ? दी ये नसीहत

कामकाज को लेकर शिवप्रकाश ने जताई नाराजगी

राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने छत्तीसगढ़ में बीजेपी (chhattisgarh bjp) के कामकाज को लेकर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता ग्रासरूट लेवल पर जाकर काम करें. परिक्रमा करने वालों को भी अब ऐसे परिक्रमा बंद करनी होगी. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हो या फिर नगरीय निकाय चुनाव, बीजेपी के कुछ नेताओं पर परिवारवाद को बढ़ाने का आरोप लगता रहा है. प्रदेश कार्यकारिणी और मोर्चा प्रकोष्ठ की नियुक्ति में भी भाई-भतीजावाद का आरोप नेताओं पर लग रहा है. भाजपा मोर्चा के कई जिलों के की नियुक्तियां तो अपने बड़े नेताओं के पुत्रों और अपनों को एडजस्ट करने के लिए अब तक अटकी हुई है. इन सबको देखते हुए ही बीजेपी के तमाम नेताओं को उन्होंने नसीहत दी है.

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कांग्रेस ने बीजेपी पर ली चुटकी

परिवारवाद को लेकर घिरी बीजेपी पर कांग्रेस ने चुटकी ली है. प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि, बीजेपी के नेता चाहे कुछ भी तर्क दें, लेकिन उनके राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश की नसीहत से पार्टी के वो नेता जो बड़े नेताओं के भाई-भतीजावाद और पुत्रों का शिकार हुए हैं वे खुश हैं. त्रिवेदी ने कहा कि 2018 के चुनाव में जब बीजेपी चुनाव हारी तो, उस समय तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने इस हार के लिए बीजेपी के कार्यकर्ताओं को ही दोषी करार दे दिया. जिस रमन सिंह के 15 साल के कार्यकाल के बाद बीजेपी 15 सीटों में सिमट गई. उन्हें आगे बढ़ाने का काम यह नेता कर कर रहे हैं.

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'बीजेपी व्यक्ति आधारित राजनीति नहीं करती'

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'बीजेपी एक कैडर आधारित पार्टी'

राष्ट्रीय संगठन महामंत्री की नसीहत को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अनिल द्विवेदी ने बताया कि, बीजेपी एक कैडर आधारित पार्टी है. बीजेपी के कार्यक्रमों में किसी व्यक्ति आधारित लोगों के नारे भी नहीं लगाए जाते हैं. उनका एक अपना अनुशासन है. जिस पर सभी काम करते हैं. अनिल द्विवेदी ने कहा कि, हाल ही में टूलकिट मामले में पूर्व सीएम रमन सिंह के समर्थन में बीजेपी ने 'मैं भी डॉक्टर रमन' अभियान चलाया था. ऐसा अभियान पहले अन्ना हजारे के आंदोलन में चलाया गया था. राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश की यह नसीहत शायद इसी को लेकर होगी.

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