रायपुर : बीजेपी के राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने केंद्रीय इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखा है.जिसमें छत्तीसगढ़ में एनएमडीसी (NMDC) की बचेली और किरंदुल खदानों से राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड यानी RINL विशाखापत्तनम को लौह अयस्क की आपूर्ति बहाल करने का अनुरोध किया है. राव ने अपने पत्र में लिखा कि मौजूदा समय में आरआईएनएल लौह अयस्क के केवल चार दिनों के स्टॉक के साथ चल रहा है.
संयंत्र में स्टॉक की कमी :सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव के मुताबिक संयंत्र को दो ब्लास्ट फर्नेस संचालित करने के लिए भी न्यूनतम 10 दिनों के स्टॉक की जरुरत होती है.वहीं तीन ब्लास्ट फर्नेस संचालित करने के लिए 15 दिनों के स्टॉक की जरुरत होती है.ऐसे में आंध्र प्रदेश में सबसे बड़ा औद्योगिक उद्यम और इसके प्रदर्शन का आंध्र प्रदेश की औद्योगिक अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है. राव के मुताबिक आरआईएनएल का प्रदर्शन विशाखापत्तनम और उसके आसपास के लाखों परिवारों की आजीविका को प्रभावित करता है.
आरआईएनएल को कर्नाटक से अयस्क लेने पर पड़ेगा अतिरिक्त भार : इस पत्र के माध्यम से जीवीएल नरसिम्हा राव ने एनएमडीसी लिमिटेड से लौह अयस्क की आपूर्ति के संबंध में आरआईएनएल की समस्याओं को सामने लाया है. राव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र में लिखा कि अधिकांश लौह अयस्क बचेली और किरंदुल खदानों से आता है. निजी इस्पात उत्पादकों को आपूर्ति की जा रही है. जबकि एनएमडीसी ने अब आरआईएनएल को अपनी अधिकांश लौह अयस्क आवश्यकताओं को कर्नाटक में अपनी खदानों से प्राप्त करने के लिए कहा है, जो विशाखापत्तनम से 900 किमी से अधिक दूर है. ऐसा करने पर परिवहन के कारण लगभग 800 रुपये प्रति टन का अतिरिक्त खर्च होता है.
राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने अपने पत्र में कहा कि एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) के रूप में, आरआईएनएल, एनएमडीसी से आपसी व्यवहार का हकदार है.लेकिन निजी इस्पात उत्पादकों को आगे रखकर आरआईएनएल के साथ भेदभाव करना उचित नहीं है.
सोर्स: ANI