रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार पर सेस की राशि का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी विधायक दल ने आज महालेखाकार से मुलाकात कर स्पेशल ऑडिट की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के नेतृत्व में बीजेपी विधायक नारेबाजी करते हुए विधानसभा से पैदल ही महालेखाकार ऑफिस पहुंचे और जांच के साथ कार्रवाई की मांग की है. बीजेपी विधायकों ने इसके लिए महालेखाकार को एक ज्ञापन भी सौंपा है.
महालेखाकार को सौंपे गए ज्ञापन में बीजेपी विधायक दल ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के बीच अधोसंरचना उन्नयन की दलील देकर सरकार ने शराब पर सेस लगाया था. देशी और विदेशी शराब पर लगाए गए सेस से 3 मार्च 2021 तक करीब 364 करोड़ रुपये वसूल किए गए हैं, लेकिन 31 जनवरी 2021 तक स्वास्थ्य विभाग को कोरोना के लिए कोई भी राशि नहीं दी गई.
कृषि विभाग को नहीं मिली सेस राशि
इसके अलावा 1 अप्रैल 2020 से गौठान के विकास और रखरखाव के लिए राशि की आवश्यकता की प्रतिपूर्ति के लिए देशी और विदेशी शराब पर लगाए गए अतिरिक्त आबकारी शुल्क से करीब 156 करोड़ रुपये वसूले गए, लेकिन पंचायत एवं कृषि विभाग को भी राशि नहीं दी गई है. राशि का उपयोग गोधन न्याय योजना पर खर्च किया जा रहा है.
सेस का पैसा कहीं और खर्च किया जा रहा
ज्ञापन सौंपे जाने के दौरान महालेखाकार से नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सेस लगाने के वक्त स्पष्ट किया गया था कि इससे मिलने वाली राशि गौठान विकास के लिए खर्च होगी. गोधन योजना और गौठान योजना दोनों अलग है. दोनों की एजेंसी अलग है, लेकिन गोबर खरीदी का भुगतान सेस की राशि से किया जा रहा है. ये सेस राशि का दुरुपयोग है.
सीएजी इंडिया से मिलने की चेतावनी
वरिष्ठ बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, यदि कोविड के लिए सेस लगाया तो उस पर ही खर्च कर सकते हैं. गौठान पर सेस लगाया तो उस पर खर्च कर सकते हैं, लेकिन दूसरे मदों में सरकार खर्च कर रही है. अजय चंद्राकर ने कहा कि सेस जिस उद्देश्य के लिए लगाया जाता है, उसमें ही उपयोग होता है. यदि उस उद्देश्य में उपयोग नहीं होता तो समेकित निधि में जमा होता है. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे सीएजी इंडिया से भी मिलेंगे.