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राज्यपाल से मिले भाजपाई, कहा- सरकार दवा की जगह दारू की कर रही होम डिलीवरी

भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भाजपा प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल अनुसुइया उइके (Governor Anusuiya Uike) से मिला. प्रदेश में कोविड-19 की भयावह स्थिति और राज्य सरकार की नाकामियों पर राज्यपाल से प्रतिनिधिमंडल ने चर्चा की. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि दवा की जगह दारू की होम डिलीवरी हो रही है.

BJP met with Governor Anusuiya Uike
राज्यपाल से मिले भाजपाई
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Published : May 11, 2021, 1:19 PM IST

रायपुर: भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात कर कई मुद्दों पर चर्चा की. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह (Former Chief Minister Dr. Raman Singh), बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और पार्टी के सांसद, विधायकों ने राज्यपाल के साथ वर्तमान हालातों को लेकर चर्चा की. देश में कोविड-19 की भयावह स्थिति और राज्य सरकार की नाकामियों पर राज्यपाल से प्रतिनिधिमंडल ने चर्चा की. भाजपा ने शिकायत करते हुए कहा कि देश के किसी भी राज्य में ऐसा नहीं हुआ है कि आपदा को अवसर में बदल दिया जाए. नकली शराब पीकर 10 लोग मर गए, तो सरकार ने शराब की होम डिलीवरी शुरू कर दी. दवाई की घर पहुंच सेवा होनी चाहिए या खाने की घर पहुंच सेवा होनी चाहिए, मगर सरकार को शराब बेचने की जल्दबाजी है.

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मुख्यमंत्री के पास विपक्ष को सुनने का वक्त नहीं

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने राज्यपाल के साथ वर्तमान हालातों को लेकर चर्चा की. पूर्व मंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि विपक्ष ने खुद से प्रस्ताव रखा था कि हम सार्थक सुझाव देना चाहते हैं. आश्चर्य होता है कि कोरोना वायरस के इस दौर में सरकार के पास विपक्ष को सुनने का वक्त नहीं है. यह विपक्ष का अपमान है. यह बताता है कि सरकार की नजर में विपक्ष क्या है. उन्होंने कहा कि हम राज्यपाल से आज मिले हैं. हमने यह बताया कि राज्य सरकार के मुखिया का व्यवहार कैसा है. 1 करोड़ 30 लाख वैक्सीन लगने हैं. इसकी कार्ययोजना क्या है, इसका जवाब सरकार के पास नहीं है. हम जानना चाहते हैं कि वैक्सीन निर्माता कंपनियों को कितना भुगतान किया गया, लेकिन यह बताने के लिए सरकार तैयार नहीं है.

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शराब का सेस खर्च करने में क्यों हो रही है दिक्कत

उन्होंने कहा कि अंत्योदय, बीपीएल, एपीएल फ्रंटलाइन 4 हिस्सों के वैक्सीनेशन को बांट दिया गया है. यहां एपीएल कार्ड किसी ने नहीं बनाया, सेंटरों में जाने पर उन्हें भगाया जा रहा है. सरकार के पास 600 करोड़ का सेस है. 800 करोड़ दूसरे मद का है. जब देश के दूसरे राज्य खर्च कर रहे हैं, वहीं छत्तीसगढ़ सरकार को खर्च करने में क्या दिक्कत है. संगठन के कार्यक्रम सेवा के संकल्प के जरिए भाजपा जरूरतमंदों तक मदद पहुंचा रही है. हम सरकार से मिलकर जरूर सुझाव देते, लेकिन वक्त नहीं मिला. हम वर्चुअल बैठक में शामिल नहीं होंगे. प्रतिनिधिमंडल में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल व अजय चंद्राकर, संसद सदस्य सुनील सोनी, विधायक शिवरतन शर्मा और रायपुर शहर ज़िला भाजपा अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी शामिल थे.
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बृजमोहन ने कहा यह सरकार निर्लज्ज है

विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार को आमने-सामने की बैठक में दिक्कत क्या है. हम सरकार को सहयोग करने के लिए सुझाव देने के लिए जानकारी लेने जाना चाहते थे. यह सरकार डरपोक है जो विपक्ष से मिलने में डरती है. यह सरकार निर्लज्ज हो गई है. ऐसी सरकार को 1 मिनट भी रहने का अधिकार नहीं है. दरअसल, विपक्ष के नेताओं ने आमने-सामने की बैठक करने का वक्त सरकार से मांगा था. सरकार की तरफ से 12 मई को वर्चुअल मीटिंग का समय दिया. इससे नाराज विपक्ष सोमवार को राजभवन पहुंचे और प्रदेश सरकार की कमियां गिनवाई.

रायपुर: भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात कर कई मुद्दों पर चर्चा की. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह (Former Chief Minister Dr. Raman Singh), बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और पार्टी के सांसद, विधायकों ने राज्यपाल के साथ वर्तमान हालातों को लेकर चर्चा की. देश में कोविड-19 की भयावह स्थिति और राज्य सरकार की नाकामियों पर राज्यपाल से प्रतिनिधिमंडल ने चर्चा की. भाजपा ने शिकायत करते हुए कहा कि देश के किसी भी राज्य में ऐसा नहीं हुआ है कि आपदा को अवसर में बदल दिया जाए. नकली शराब पीकर 10 लोग मर गए, तो सरकार ने शराब की होम डिलीवरी शुरू कर दी. दवाई की घर पहुंच सेवा होनी चाहिए या खाने की घर पहुंच सेवा होनी चाहिए, मगर सरकार को शराब बेचने की जल्दबाजी है.

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मुख्यमंत्री के पास विपक्ष को सुनने का वक्त नहीं

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने राज्यपाल के साथ वर्तमान हालातों को लेकर चर्चा की. पूर्व मंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि विपक्ष ने खुद से प्रस्ताव रखा था कि हम सार्थक सुझाव देना चाहते हैं. आश्चर्य होता है कि कोरोना वायरस के इस दौर में सरकार के पास विपक्ष को सुनने का वक्त नहीं है. यह विपक्ष का अपमान है. यह बताता है कि सरकार की नजर में विपक्ष क्या है. उन्होंने कहा कि हम राज्यपाल से आज मिले हैं. हमने यह बताया कि राज्य सरकार के मुखिया का व्यवहार कैसा है. 1 करोड़ 30 लाख वैक्सीन लगने हैं. इसकी कार्ययोजना क्या है, इसका जवाब सरकार के पास नहीं है. हम जानना चाहते हैं कि वैक्सीन निर्माता कंपनियों को कितना भुगतान किया गया, लेकिन यह बताने के लिए सरकार तैयार नहीं है.

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उन्होंने कहा कि अंत्योदय, बीपीएल, एपीएल फ्रंटलाइन 4 हिस्सों के वैक्सीनेशन को बांट दिया गया है. यहां एपीएल कार्ड किसी ने नहीं बनाया, सेंटरों में जाने पर उन्हें भगाया जा रहा है. सरकार के पास 600 करोड़ का सेस है. 800 करोड़ दूसरे मद का है. जब देश के दूसरे राज्य खर्च कर रहे हैं, वहीं छत्तीसगढ़ सरकार को खर्च करने में क्या दिक्कत है. संगठन के कार्यक्रम सेवा के संकल्प के जरिए भाजपा जरूरतमंदों तक मदद पहुंचा रही है. हम सरकार से मिलकर जरूर सुझाव देते, लेकिन वक्त नहीं मिला. हम वर्चुअल बैठक में शामिल नहीं होंगे. प्रतिनिधिमंडल में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल व अजय चंद्राकर, संसद सदस्य सुनील सोनी, विधायक शिवरतन शर्मा और रायपुर शहर ज़िला भाजपा अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी शामिल थे.
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बृजमोहन ने कहा यह सरकार निर्लज्ज है

विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार को आमने-सामने की बैठक में दिक्कत क्या है. हम सरकार को सहयोग करने के लिए सुझाव देने के लिए जानकारी लेने जाना चाहते थे. यह सरकार डरपोक है जो विपक्ष से मिलने में डरती है. यह सरकार निर्लज्ज हो गई है. ऐसी सरकार को 1 मिनट भी रहने का अधिकार नहीं है. दरअसल, विपक्ष के नेताओं ने आमने-सामने की बैठक करने का वक्त सरकार से मांगा था. सरकार की तरफ से 12 मई को वर्चुअल मीटिंग का समय दिया. इससे नाराज विपक्ष सोमवार को राजभवन पहुंचे और प्रदेश सरकार की कमियां गिनवाई.

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