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जिस दिन बघेल सरकार छत्तीसगढ़ में शराबबंदी करेगी, वह गिर जाएगी- अजय चंद्राकर

BJP leader Ajay Chandrakar targeted Baghel government: बीजेपी के वरिष्ठ नेता अजय चंद्रकार ने ईटीवी भारत के खास कार्यक्रम फेस टू फेस में बघेल सरकार पर जमकर प्रहार किए. उन्होंने शराबबंदी लागू नहीं करने के मुद्दे पर सरकार को घेरा. चंद्राकर ने कहा कि जिस दिन बघेल सरकार शराबबंदी लागू करेगी वह गिर जाएगी. अजय चंद्राकर ने कहा कि राज्य सरकार ने विश्वसनीयता खो दी है.

bjp leader ajay chandrakar targeted baghel government
भाजपा नेता अजय चंद्राकर ने बघेल सरकार पर साधा निशाना
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Published : Jan 7, 2022, 11:03 PM IST

रायपुर: भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है. उन्होंने शराबबंदी समेत कई मुद्दों पर बघेल सरकार को घेरा. धर्म संसद और कालीचरण मामले में अजय चंद्राकर ने राज्य सरकार से धर्म संसद के आयोजकों का नाम सार्वजनिक करने की मांग की है.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता अजय चंद्रकार से खास बातचीत

सवाल- कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी को लेकर क्या कहेंगे क्या इसमें कोई राजनीतिक पहलू भी है?

जवाब- सबसे पहले सरकार को बताना चाहिए कि धर्म संसद के आयोजक कौन कौन थे ? दूसरी बात शब्द गलत हो सकते हैं संत कालीचरण महाराज के पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तो है. अपने-अपने विचार प्रस्तुत करने के तरीके होते हैं. यदि भाजपा शासित राज्य में किसी के खिलाफ राजद्रोह लगता है, तो कांग्रेस का स्टैंड दूसरा होता है. वही कांग्रेस शासित राज्यों में इनका स्टैंड दूसरा होता है. कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी जिन कारणों से की गई उसमें राजद्रोह का मामला तो बनता ही नहीं .खुद गांधीजी राजद्रोह के मुकदमे का विरोध करते थे. गांधी जी की बात करने और उनके नाम से अभियान चलाने वाले कांग्रेसियों ने खुद गांधी जी को ठीक से नहीं पढ़ा है. अगर पढ़ते तो वह जानते कि गांधीजी के विचार क्या थे. इसलिए इस मामले में राजनीति नहीं बल्कि सिर्फ राजनीति करने के लिए यह काम किया गया है. सरकार की निरपेक्षता तो तब मानी जाएगी जब वह आयोजकों के नाम सार्वजनिक करके उनके खिलाफ कार्रवाई करे.

सवाल- ऐसा कहा जा रहा है कि आयोजक किसी पार्टी विशेष से नहीं जुड़े थे ?मंच में सभी दल के लोग थे और इसमें धार्मिक बातें ही होनी थी?

जवाब- नाम बताने में क्या हर्ज है की आयोजक कौन थे. इस मुद्दे में 8 घंटे बाद कांग्रेस नेताओं को होश आया. कांग्रेसियों ने आधी रात को थाने में इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करवाई. दिनभर वे क्या कर रहे थे.क्या वे सो रहे थे . उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुआ कहा कि ओडिशा का गांजा छत्तीसगढ़ में बहुत मात्रा में आ रहा है.

यह भी पढ़ेंः Face to face with jccj State President Amit Jogi: कांग्रेस और बीजेपी विपक्ष की भूमिका निभाने में फेल - अमित जोगी

सवाल- प्रदेश में कोरोना वायरस लगातार बढ़ रहा है. कांग्रेस के दिल्ली में बैठे बड़े नेता मुख्यमंत्री और मंत्रियों से इस विषय में चर्चा कर रहे हैं.क्या आपको लगता है कांग्रेस के बड़े नेता इस विषय को लेकर काफी गंभीर है?

जवाब- छत्तीसगढ़ शासन की विश्वसनीयता ही नहीं है. हजार करोड़ से ज्यादा तो उन्होंने शराब पर सेस लगाकर वसूल लिए. सेस से वसूले गए रकम का कोरोना की रोकथाम में कितना खर्च किया है. यह सरकार, वह बताने को तैयार नहीं है. पिछली बार भी जब देश के सारे राज्यों ने रोड सेफ्टी क्रिकेट टूर्नामेंट नहीं करवाने का फैसला लिया. तब भी मुख्यमंत्री बघेल ने हमारे यहां उसका आयोजन करवाया अभी युवा उत्सव कार्यक्रम है. उसके बाद जनवरी के आखिरी में इन्वेस्टर मीट के लिए रोड शो करने वाले हैं. ऐसे में कोरोना को लेकर इनकी गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है. मैने यह जानने की भी कोशिश की जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए राज्य से कितने सैंपल ओडिशा भेजे गए हैं. कोरोना के पैसे से प्रदेश के लैबों को क्या उन्नत बनाएंगे. हालांकि लैबों की हालत किसी से छुपी नहीं है. सरकार को यहां के जान-माल की चिंता नहीं है. रहा सवाल कोरोना के मुद्दे पर सोनिया गांधी द्धारा सीएम बघेल से पूछताछ का. तो वह पूछताछ कोरोना के बारे में की गई है, या ओमिक्रोन के बारे में यह स्पष्ट नहीं है. हो सकता है उन्होंने उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर बातचीत की हो. उत्तर प्रदेश में सब व्यवस्था कैसी है ,व्यवस्था हुई कि नहीं उसके बारे में बातचीत हुई हो उसको कौन जान सकता है.

सवाल- सरकार ने शराबबंदी के लिए कमेटी बनाने का फैसला किया है. जिसमें आपकी पार्टी से भी विधायक का नाम मांगा गया है. क्या आपको लगता है कि शराबबंदी को लेकर सरकार गंभीर है?

जवाब- घोषणा पत्र में क्या उन्होंने यह लिखा था कि सभी दलों और जनता की सहमति के बाद शराबबंदी की जाएगी. क्या यह लिखा था कि अध्ययन करके शराबबंदी करेंगे? गंगाजल हाथ में उठाकर उन्होंने कसम खाई थी कि वे शराबबंदी करेंगे इसे उन्होंने अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था. इसीलिए मैं बोलता हूं कि कांग्रेस सरकार की कोई विश्वसनीयता नहीं है. कांग्रेस सरकार उसी दिन गिर जाएगी जिस दिन शराबबंदी करेगी. वह तो चाहते हैं कि शराब प्रदेश में बिकता रहे. सरकार के लोगों को तो राज्य को चलाने के लिए दारु पीने वालों का सम्मान करना चाहिए.

सवाल- दावा किया जाता है विकास कार्यों को लेकर प्रदेश में काफी कुछ किया गया है क्या आपको इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास दिखता है?

जवाब- इंफ्रास्ट्रक्चर दिखता है. मुझे पीडब्ल्यूडी मंत्री के क्षेत्र से 1 गांव तक फोरलेन बन रहा है. उतई से पाटन तक फोरलेन बन रहा है. अधोसंरचना विकास में तो मैं केवल इतना ही जानता हूं कुछ और नहीं जानता हूं.

सवाल- कांग्रेस के नेता किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विकास करने का दावा करते हैं. इस पर आपकी क्या राय है?

जवाब- ग्रामीण या शहरी विकास के लिए ऐसी कौन सी नई योजना है जो इस सरकार ने बनाई है, पहले तो इन्हें यह बताना चाहिए. वह तो पंचायतों को मूलभूत का पैसा काट कर राशि दे रहे हैं. करोड़ों अरबों में पंचायतों का बिजली बिल बकाया है. शहरी क्षेत्र की बिजली काट दी गई है. यहां भी अरबों का बिजली बिल बकाया है. 15वें वित्त आयोग का पैसा काट कर दिया जा रहा है. कौन सी योजना है विकास को लेकर प्रदेश में यह सरकार को बताना चाहिए. पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर लोग मर रहे हैं. सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में इन्हीं के द्वारा बनाई सड़कों में हो रही है.15वें वित्त आयोग में सरकार को पंचायत को निर्देश देने का अधिकार नहीं है.लेकिन ये उनका पैसा गौठान में लगवा रहे हैं. यही वजह है कि विकास ना ही शहर में हो रहा है और ना ही गांव में.

सवाल- नगरीय निकाय चुनाव में आप ने भी अहम जिम्मेदारी निभाई मगर रिजल्ट आने के बाद पूरा प्रदेश कांग्रेस मय लगने लगा. क्या आपको लगता है कि कहीं चूक हुई है, या इसकी कुछ और वजह है?

जवाब- नगरीय निकाय चुनाव चुनाव के रिजल्ट आने के बाद मेयर और अन्य चुनाव के दौरान, कांग्रेस का असंतोष जनता को दिख गया. कोरिया में क्रॉस वोटिंग हुई. क्योंकि वह टीएस सिंहदेव के प्रभाव क्षेत्र में आता है. मैं साफ तौर पर कह रहा हूं कि वहां क्रॉस वोटिंग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने करवाई है. क्योंकि अब मैं दावे से कह सकता हूँ कि कही और क्रॉस वोटिंग नहीं होगी. मैं मानता हूं कि यह लोकतंत्र की हत्या वाला चुनाव है इनडायरेक्ट इलेक्शन करवाकर कांग्रेस ने खरीदी बिक्री को अवसर दिया, यह कांग्रेस के लिए उपलब्धि हो सकती है, मैं कहता हूँ कि इनमें नैतिक साहस है तो ईवीएम से चुनाव करवाना चाहिए जैसे हम करवाते थे.

सवाल- चर्चा इस बात को लेकर भी है कि आपकी पार्टी - आने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान आपका चेहरा भी बतौर मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट कर सकती है क्या कोई ऐसा संकेत आपको मिले हैं?

जवाब- मैं यह नहीं जानता कि किधर से संकेत आते हैं कौन संकेत देता है कौन संकेत पढ़ता है और ना ही मै इसमें पड़ना चाहता हूँ, मेरी महत्वकांक्षा भी नही है, मैं एक बहुत छोटी पृष्ठभूमि से आता हूं और महत्वाकांक्षाओं की राजनीति नहीं करता, बीजेपी की विचारधारा से काम करते हुए मैं यहां तक पहुंचा हूं और आगे भी बीजेपी के लिए ही काम करता रहूंगा.

रायपुर: भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है. उन्होंने शराबबंदी समेत कई मुद्दों पर बघेल सरकार को घेरा. धर्म संसद और कालीचरण मामले में अजय चंद्राकर ने राज्य सरकार से धर्म संसद के आयोजकों का नाम सार्वजनिक करने की मांग की है.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता अजय चंद्रकार से खास बातचीत

सवाल- कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी को लेकर क्या कहेंगे क्या इसमें कोई राजनीतिक पहलू भी है?

जवाब- सबसे पहले सरकार को बताना चाहिए कि धर्म संसद के आयोजक कौन कौन थे ? दूसरी बात शब्द गलत हो सकते हैं संत कालीचरण महाराज के पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तो है. अपने-अपने विचार प्रस्तुत करने के तरीके होते हैं. यदि भाजपा शासित राज्य में किसी के खिलाफ राजद्रोह लगता है, तो कांग्रेस का स्टैंड दूसरा होता है. वही कांग्रेस शासित राज्यों में इनका स्टैंड दूसरा होता है. कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी जिन कारणों से की गई उसमें राजद्रोह का मामला तो बनता ही नहीं .खुद गांधीजी राजद्रोह के मुकदमे का विरोध करते थे. गांधी जी की बात करने और उनके नाम से अभियान चलाने वाले कांग्रेसियों ने खुद गांधी जी को ठीक से नहीं पढ़ा है. अगर पढ़ते तो वह जानते कि गांधीजी के विचार क्या थे. इसलिए इस मामले में राजनीति नहीं बल्कि सिर्फ राजनीति करने के लिए यह काम किया गया है. सरकार की निरपेक्षता तो तब मानी जाएगी जब वह आयोजकों के नाम सार्वजनिक करके उनके खिलाफ कार्रवाई करे.

सवाल- ऐसा कहा जा रहा है कि आयोजक किसी पार्टी विशेष से नहीं जुड़े थे ?मंच में सभी दल के लोग थे और इसमें धार्मिक बातें ही होनी थी?

जवाब- नाम बताने में क्या हर्ज है की आयोजक कौन थे. इस मुद्दे में 8 घंटे बाद कांग्रेस नेताओं को होश आया. कांग्रेसियों ने आधी रात को थाने में इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करवाई. दिनभर वे क्या कर रहे थे.क्या वे सो रहे थे . उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुआ कहा कि ओडिशा का गांजा छत्तीसगढ़ में बहुत मात्रा में आ रहा है.

यह भी पढ़ेंः Face to face with jccj State President Amit Jogi: कांग्रेस और बीजेपी विपक्ष की भूमिका निभाने में फेल - अमित जोगी

सवाल- प्रदेश में कोरोना वायरस लगातार बढ़ रहा है. कांग्रेस के दिल्ली में बैठे बड़े नेता मुख्यमंत्री और मंत्रियों से इस विषय में चर्चा कर रहे हैं.क्या आपको लगता है कांग्रेस के बड़े नेता इस विषय को लेकर काफी गंभीर है?

जवाब- छत्तीसगढ़ शासन की विश्वसनीयता ही नहीं है. हजार करोड़ से ज्यादा तो उन्होंने शराब पर सेस लगाकर वसूल लिए. सेस से वसूले गए रकम का कोरोना की रोकथाम में कितना खर्च किया है. यह सरकार, वह बताने को तैयार नहीं है. पिछली बार भी जब देश के सारे राज्यों ने रोड सेफ्टी क्रिकेट टूर्नामेंट नहीं करवाने का फैसला लिया. तब भी मुख्यमंत्री बघेल ने हमारे यहां उसका आयोजन करवाया अभी युवा उत्सव कार्यक्रम है. उसके बाद जनवरी के आखिरी में इन्वेस्टर मीट के लिए रोड शो करने वाले हैं. ऐसे में कोरोना को लेकर इनकी गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है. मैने यह जानने की भी कोशिश की जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए राज्य से कितने सैंपल ओडिशा भेजे गए हैं. कोरोना के पैसे से प्रदेश के लैबों को क्या उन्नत बनाएंगे. हालांकि लैबों की हालत किसी से छुपी नहीं है. सरकार को यहां के जान-माल की चिंता नहीं है. रहा सवाल कोरोना के मुद्दे पर सोनिया गांधी द्धारा सीएम बघेल से पूछताछ का. तो वह पूछताछ कोरोना के बारे में की गई है, या ओमिक्रोन के बारे में यह स्पष्ट नहीं है. हो सकता है उन्होंने उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर बातचीत की हो. उत्तर प्रदेश में सब व्यवस्था कैसी है ,व्यवस्था हुई कि नहीं उसके बारे में बातचीत हुई हो उसको कौन जान सकता है.

सवाल- सरकार ने शराबबंदी के लिए कमेटी बनाने का फैसला किया है. जिसमें आपकी पार्टी से भी विधायक का नाम मांगा गया है. क्या आपको लगता है कि शराबबंदी को लेकर सरकार गंभीर है?

जवाब- घोषणा पत्र में क्या उन्होंने यह लिखा था कि सभी दलों और जनता की सहमति के बाद शराबबंदी की जाएगी. क्या यह लिखा था कि अध्ययन करके शराबबंदी करेंगे? गंगाजल हाथ में उठाकर उन्होंने कसम खाई थी कि वे शराबबंदी करेंगे इसे उन्होंने अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था. इसीलिए मैं बोलता हूं कि कांग्रेस सरकार की कोई विश्वसनीयता नहीं है. कांग्रेस सरकार उसी दिन गिर जाएगी जिस दिन शराबबंदी करेगी. वह तो चाहते हैं कि शराब प्रदेश में बिकता रहे. सरकार के लोगों को तो राज्य को चलाने के लिए दारु पीने वालों का सम्मान करना चाहिए.

सवाल- दावा किया जाता है विकास कार्यों को लेकर प्रदेश में काफी कुछ किया गया है क्या आपको इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास दिखता है?

जवाब- इंफ्रास्ट्रक्चर दिखता है. मुझे पीडब्ल्यूडी मंत्री के क्षेत्र से 1 गांव तक फोरलेन बन रहा है. उतई से पाटन तक फोरलेन बन रहा है. अधोसंरचना विकास में तो मैं केवल इतना ही जानता हूं कुछ और नहीं जानता हूं.

सवाल- कांग्रेस के नेता किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विकास करने का दावा करते हैं. इस पर आपकी क्या राय है?

जवाब- ग्रामीण या शहरी विकास के लिए ऐसी कौन सी नई योजना है जो इस सरकार ने बनाई है, पहले तो इन्हें यह बताना चाहिए. वह तो पंचायतों को मूलभूत का पैसा काट कर राशि दे रहे हैं. करोड़ों अरबों में पंचायतों का बिजली बिल बकाया है. शहरी क्षेत्र की बिजली काट दी गई है. यहां भी अरबों का बिजली बिल बकाया है. 15वें वित्त आयोग का पैसा काट कर दिया जा रहा है. कौन सी योजना है विकास को लेकर प्रदेश में यह सरकार को बताना चाहिए. पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर लोग मर रहे हैं. सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में इन्हीं के द्वारा बनाई सड़कों में हो रही है.15वें वित्त आयोग में सरकार को पंचायत को निर्देश देने का अधिकार नहीं है.लेकिन ये उनका पैसा गौठान में लगवा रहे हैं. यही वजह है कि विकास ना ही शहर में हो रहा है और ना ही गांव में.

सवाल- नगरीय निकाय चुनाव में आप ने भी अहम जिम्मेदारी निभाई मगर रिजल्ट आने के बाद पूरा प्रदेश कांग्रेस मय लगने लगा. क्या आपको लगता है कि कहीं चूक हुई है, या इसकी कुछ और वजह है?

जवाब- नगरीय निकाय चुनाव चुनाव के रिजल्ट आने के बाद मेयर और अन्य चुनाव के दौरान, कांग्रेस का असंतोष जनता को दिख गया. कोरिया में क्रॉस वोटिंग हुई. क्योंकि वह टीएस सिंहदेव के प्रभाव क्षेत्र में आता है. मैं साफ तौर पर कह रहा हूं कि वहां क्रॉस वोटिंग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने करवाई है. क्योंकि अब मैं दावे से कह सकता हूँ कि कही और क्रॉस वोटिंग नहीं होगी. मैं मानता हूं कि यह लोकतंत्र की हत्या वाला चुनाव है इनडायरेक्ट इलेक्शन करवाकर कांग्रेस ने खरीदी बिक्री को अवसर दिया, यह कांग्रेस के लिए उपलब्धि हो सकती है, मैं कहता हूँ कि इनमें नैतिक साहस है तो ईवीएम से चुनाव करवाना चाहिए जैसे हम करवाते थे.

सवाल- चर्चा इस बात को लेकर भी है कि आपकी पार्टी - आने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान आपका चेहरा भी बतौर मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट कर सकती है क्या कोई ऐसा संकेत आपको मिले हैं?

जवाब- मैं यह नहीं जानता कि किधर से संकेत आते हैं कौन संकेत देता है कौन संकेत पढ़ता है और ना ही मै इसमें पड़ना चाहता हूँ, मेरी महत्वकांक्षा भी नही है, मैं एक बहुत छोटी पृष्ठभूमि से आता हूं और महत्वाकांक्षाओं की राजनीति नहीं करता, बीजेपी की विचारधारा से काम करते हुए मैं यहां तक पहुंचा हूं और आगे भी बीजेपी के लिए ही काम करता रहूंगा.

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