रायपुर : पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) पर प्रदेश में सियासत थम नहीं रही है. जहां एक ओर भाजपा (B J P) केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल के दामों में की गई कटौती का हवाला देते हुए राज्य सरकार से वैट (VAT) कम करने की मांग कर रही है तो दूसरी ओर कांग्रेस पेट्रोल-डीजल के दाम को लेकर भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है. कांग्रेस (Congress) का कहना है कि मोदी सरकार के कारण पेट्रोल-डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. इन दोनों के आरोप-प्रत्यारोप के बीच कहीं न कहीं बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों का असर सीधे जनता की जेब पर पड़ रहा है.
इस बीच राज्य सरकार ने संकेत दिये कि कैबिनेट की बैठक के बाद डीजल-पेट्रोल में लगने वाला वैट कम किया जा सकता है. यानी कि छत्तीसगढ़ में पड़ोसी राज्यों की तुलना में पेट्रोल-डीजल के दाम कम हो सकते हैं. इस संकेत के बावजूद भाजपा द्वारा लगातार राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है. आज भी भाजपा ने पेट्रोल-डीजल के वेट को कम किए जाने की मांग को लेकर प्रदेश भर में चक्का जाम किया. इसी कड़ी में राजधानी रायपुर स्थित शास्त्री चौक पर भी चक्का जाम किया गया.
जनता को राहत देने को पेट्रोल-डीजल में कम की एक्साइज ड्यूटी : साय
प्रदर्शन के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव (BJP State President Vishnudev Sai) साय ने कहा कि केंद्र ने जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल-डीजल में एक्साइज ड्यूटी कम की है. लेकिन राज्य सरकार प्रदेश में वैट कम नहीं कर रही है, जिससे छत्तीसगढ़ की जनता परेशान हो रही है. अब हम राज्य सरकार से भी मांग कर रहे हैं कि वे वैट कम कर पेट्रोल-डीजल के दामों को कम करे. जब साय से पूछा गया कि राज्य सरकार ने तो पहले ही संकेत दिये हैं कि कैबिनेट की बैठक के बाद वैट कम किया जाएगा, बावजूद आपके द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है तो साय ने कहा कि क्या करना है क्या नहीं, यह राज्य सरकार का हैडेक है हमको तो वैट कम चाहिए.
लूटने का काम कर रही राज्य सरकार : बृजमोहन अग्रवाल
वहीं विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (MLA And Former Minister Brijmohan Agrawal) ने कहा कि जब राज्य बना था, तब 18 सौ करोड़ पेट्रोल-डीजल से टैक्स मिलता था. अब बढ़कर 58 सौ करोड़ हो गया है, तो यह राज्य सरकार लूटने का काम कर रही है. क्या छत्तीसगढ़ भारत से अलग है. जब भारत के अन्य राज्यों ने वैट कम किया है तो छत्तीसगढ़ सरकार ने कम क्यों नहीं किया. बाकी मुख्यमंत्री सभा में घोषणा करते हैं कि हम ऐसा करेंगे, वैसा करेंगे. आज जब पेट्रोल-डीजल के वैट को कम करने की बात आ रही है तो आप कह रहे हैं कि कैबिनेट की बैठक में करेंगे.
महंगाई के लिए भाजपा जिम्मेदार : धनंजय
इधर, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर (Congress State Spokesperson Dhananjay Singh Thakur) का कहना है कि यदि भाजपा में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो उसे केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए. मोदी सरकार से मांग करनी चाहिए कि जो यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोल पर 9.48 रुपये और डीजल पर 3.56 रुपये एक्साइज ड्यूटी लगती थी, वही लागू करें. रसोई गैस की कीमत को 400 रुपये करें. देश जान चुका है कि महंगाई के लिए भाजपा की सरकार जिम्मेदार है. भारतीय जनता पार्टी इस प्रकार से मंगाई का छत्तीसगढ में विरोध करके राजनीतिक नौटंकी कर रही है.
दोनों पार्टियां और सरकारें एक-दूसरे पर फोड़ रहीं मूल्य वृद्धि का ठीकरा
बता दें कि देश में बढ़ते डीजल-पेट्रोल के दाम को लेकर दोनों ही पार्टियां और सरकारें एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं. बावजूद इसके पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने की जगह आसमान छूते जा रहे हैं. हालांकि केंद्र सरकार द्वारा की गई कटौती के बाद कुछ हद तक पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी आई है और जनता को राहत मिली है. बावजूद इसके यह दाम उस अनुपात में कम नहीं हुए हैं, जिस अनुपात में इनके दामों में बढ़ोतरी हुई थी. यही वजह है कि अभी भी लोगों को डीजल-पेट्रोल के दाम कम होने का इंतजार है. अब देखने वाली बात है कि इन दोनों सरकारों के बीच चल रहा विवाद कब समाप्त होता है और पेट्रोल-डीजल के दाम कम कब होंगे.