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14 महीने बाद शहीद कोष में जमा कराई गई मदद की राशि, बीजेपी ने की जांच की मांग

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Published : Jul 17, 2020, 5:09 PM IST

शहीदों के के परिवार की मदद के लिए सहकारी बैंक के हजारों कर्मचारियों ने अपना एक दिन का वेतन दान किया था, जो 14 महीने बाद भी शहीद कोष में जमा नहीं कराया गया. भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अशोक बजाज ने इसे लेकर जांच की मांग की है.

ashok bajaj
भाजपा प्रदेश संयोजक अशोक बजाज

रायपुर: भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अशोक बजाज ने पुलवामा हमले में शहीद जवानों की मदद के लिए जमा कि गई राशि को शहीद कोष में 14 महीने देरी से जमा कराए जाने को लेकर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही उन्होंने इस केस की जांच की मांग की है.

बजाज ने कहा कि, शहीदों के प्रति सम्मान जताते हुए सहकारी बैंक के हजारों कर्मचारियों ने अपना एक दिन का वेतन दान किया था, लेकिन वह राशि शहीद कोष में जमा कराई ही नहीं गई. उन्होंने कहा कि सरकार का ये रवैया शहीदों के प्रति कांग्रेस की असंवेदनशीलता की ओर इशारा करता है.

आनन-फानन में कोष में जमा की गई राशि

कोरोना संक्रमण के दौरान फिर से इन कर्मचारियों के एक दिन के वेतन की कटौती की जा रही थी, जिसपर कर्मचारियों ने पुलवामा हमले के बाद दान की गई राशि के बारे में पूछताछ की और तब जाकर इस अनियमितता का भांडा फूटा. जिसके बाद अधिकारियों ने आनन-फानन में राशि शहीद कोष में जमा कराई.

पढ़ें: सूरजपुर: 5 दिनों बाद आज खुला जिला न्यायालय, सभी के सैंपल आए निगेटिव

बजाज ने कहा कि यह घटना शहीदों के प्रति बैंक कर्मचारियों की भावनाओं का अपमान है. उन्होंने जिला बैंक के कर्मचारियों को इस योगदान के लिए धन्यवाद देते हुए जिम्मेदार पर कार्रवाई करने की मांग की है.

दोषियों का कार्रवाई की मांग

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, जांच के दौरान इस बात पर भी फोकस किया जाए कि आखिर पुलवामा के शहीदों की राशि समय पर शहीद कोष में जमा क्यों नहीं की गई और लगभग 14 महीने तक यह राशि कहां थी और उसका क्या उपयोग हुआ.

रायपुर: भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अशोक बजाज ने पुलवामा हमले में शहीद जवानों की मदद के लिए जमा कि गई राशि को शहीद कोष में 14 महीने देरी से जमा कराए जाने को लेकर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही उन्होंने इस केस की जांच की मांग की है.

बजाज ने कहा कि, शहीदों के प्रति सम्मान जताते हुए सहकारी बैंक के हजारों कर्मचारियों ने अपना एक दिन का वेतन दान किया था, लेकिन वह राशि शहीद कोष में जमा कराई ही नहीं गई. उन्होंने कहा कि सरकार का ये रवैया शहीदों के प्रति कांग्रेस की असंवेदनशीलता की ओर इशारा करता है.

आनन-फानन में कोष में जमा की गई राशि

कोरोना संक्रमण के दौरान फिर से इन कर्मचारियों के एक दिन के वेतन की कटौती की जा रही थी, जिसपर कर्मचारियों ने पुलवामा हमले के बाद दान की गई राशि के बारे में पूछताछ की और तब जाकर इस अनियमितता का भांडा फूटा. जिसके बाद अधिकारियों ने आनन-फानन में राशि शहीद कोष में जमा कराई.

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बजाज ने कहा कि यह घटना शहीदों के प्रति बैंक कर्मचारियों की भावनाओं का अपमान है. उन्होंने जिला बैंक के कर्मचारियों को इस योगदान के लिए धन्यवाद देते हुए जिम्मेदार पर कार्रवाई करने की मांग की है.

दोषियों का कार्रवाई की मांग

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, जांच के दौरान इस बात पर भी फोकस किया जाए कि आखिर पुलवामा के शहीदों की राशि समय पर शहीद कोष में जमा क्यों नहीं की गई और लगभग 14 महीने तक यह राशि कहां थी और उसका क्या उपयोग हुआ.

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