रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर सियासी संग्राम छिड़ गया है. सरकारी भर्तियों को लेकर कांग्रेस-बीजेपी आमने सामने हैं. अर्थव्यवस्था को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है, तो वहीं बीजेपी बघेल सरकार पर वादे से मुकरने का आरोप लगा रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान सरकारी भर्तियों को लेकर खजाना खाली होने का बयान दिया था, जिसपर छत्तीसगढ़ बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी ने भूपेश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जब वादों को निभाना नहीं था, तो चुनाव के पहले फिर क्यों वादे किए थे, अब अपने वादों से सरकार मुकर रही है. अब कांग्रेस सरकार ने डेढ़ साल में ही प्रदेश के खजाने को खाली कर दिया है.
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि, प्रदेश में वित्तीय व्यवस्था ठीक नहीं है और यही कारण है कि आज डेढ़ साल में ही सरकार खजाना खाली होने की बात कह रही है. श्रीवास्तव ने कहा की कांग्रेस ने चुनाव के पहले लंबे चौड़े वादे किए थे. पुलिस भर्तियां की जाएंगी, शिक्षाकर्मियों की भर्ती होगी, शिक्षकों का संविलियन होगा, लेकिन यह सारे वादे अब कांग्रेस सरकार पूरी नहीं कर पा रही है. किसानों को धान समर्थन मूल्य के अंतर की राशि नहीं दे पा रही है. कांग्रेस अपने किए वादों से बचना चाह रही है.
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'सरकार सिर्फ शराब और रेत माफियाओं के लिए काम कर रही'
श्रीवास्तव ने कहा कि इसके पहले भी प्रदेश में विपरीत परिस्थितियां आई थीं, लेकिन तब कुशल वित्तीय प्रबंधन के चलते तत्कालीन भाजपा सरकार ने प्रदेश को आगे बढ़ाया. छत्तीसगढ़ में जब से कांग्रेस की सरकार आई है, तब से सारे विकास कार्य रुक गए हैं. यह सरकार सिर्फ शराब और रेत माफियाओं के लिए काम कर रही है.
केंद्र सरकार पर बघेल ने लगाया था आरोप
बता दें कि, शिक्षकों और पुलिस कर्मियों की भर्ती रोकने के बाद उपजे आक्रोश के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहत के संकेत दिए हैं. मुख्यमंत्री ने अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया है कि किसी के साथ अन्याय नहीं होगा. जैसे-जैसे स्थिति बेहतर होगी, नियुक्तियों और संविलियन का काम आगे बढ़ाया जाएगा. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार से 30, 000 करोड रुपये मांगे थे, जिससे सभी काम किए जा सकें, लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को रकम नहीं दिए, जिससे वित्तीय व्यवस्था डगमगा गई है.
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वित्तीय स्थिति बेहतर होते ही कामों को आगे बढ़ाया जाएगा
छत्तीसगढ़ सरकार ने जब संविलियन और शिक्षकों की नियुक्ति की घोषणा की थी. उस समय किसी को नहीं मालूम था कि कोरोना आ जाएगा. अगर कोरोना नहीं आता, तो स्कूल खुल जाते, शिक्षकों की भर्तियां हो जाती और साथ ही शिक्षाकर्मियों का संविलियन भी हो जाता. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने मार्च में इसलिए आदेश जारी किया था, क्योंकि उस वक्त एक पैसे का राजस्व वसूली नहीं हुई थी. सिर्फ शिक्षाकर्मियों के संविलियन और शिक्षकों की भर्ती से ही काम नहीं हो जाता, उसके लिए वेतन की भी व्यवस्था करनी होती, जैसे-जैसे वित्तीय स्थिति बेहतर हो जाएगी, उन कामों को आगे बढ़ाते जाएंगे.