ETV Bharat / state

सारकेगुड़ा मुठभेड़ मामले की जांच रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने - सारकेगुड़ा मुठभेड़ जांच रिपोर्ट

बीजापुर जिले के सारकेगुड़ा में हुई कथित पुलिस-नक्सली मुठभेड़ को एक सदस्यीय न्यायिक आयोग ने फर्जी बताया है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ये घटना सिर्फ गोलीबारी तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि सुरक्षाबलों ने ग्रामीणों के साथ मारपीट भी की और अगली सुबह गांव में जाकर एक व्यक्ति के घर में घुस कर उसकी हत्या कर दी गई.

जांच रिपोर्ट पर कांग्रेस और भाजपा आमने सामने
जांच रिपोर्ट पर कांग्रेस और भाजपा आमने सामने
author img

By

Published : Dec 1, 2019, 9:20 PM IST

Updated : Dec 1, 2019, 11:58 PM IST

रायपुर: बीजापुर जिले के सारकेगुड़ा में हुए कथित पुलिस-नक्सली मुठभेड़ को एक सदस्यीय न्यायिक आयोग ने फर्जी बताया है. इस रिपोर्ट के सामने आते ही सियासी गलियारों में खलबली मच गई है. मामले को लेकर जहां एक और भाजपा ने कांग्रेस पर रिपोर्ट लीक कर राजनीतिक फायदा लेने का आरोप लगाया है. वहीं कांग्रेस ने तत्कालीन भाजपा सरकार पर निर्दोष आदिवासियों और ग्रामीणों की हत्या करने का आरोप लगाया है.

सारकेगुड़ा मुठभेड़ मामले की जांच रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि हमने घटना के बाद जांच कमेटी बनाई थी और इस जांच रिपोर्ट को राज्य शासन को सौंपना था, लेकिन इसके पहले ही रिपोर्ट लीक हो गई. इसी तरह भीमा मंडावी हत्या मामले की जांच रिपोर्ट भी लीक कर दी गई थी. इससे ये स्पष्ट होता है कि कांग्रेस कहीं न कहीं राजनीतिक लाभ लेना चाहती है.

राज्यपाल को सौंपा था ज्ञापन

वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस का कहना है कि रिपोर्ट लीक होना एक अलग बात है. लेकिन रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आए हैं वो महत्वपूर्ण है. भाजपा सरकार के दौरान सुरक्षाबलों के माध्यम से निर्दोष ग्रामीण आदिवासियों की हत्या कराई जाती थी. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि घटना के तत्काल बाद इस मामले को कांग्रेस ने प्रमुखता से उठाया था, साथ ही मामले को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा गया था, लेकिन उस दौरान भाजपा सरकार की ओर से कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई.

रायपुर: बीजापुर जिले के सारकेगुड़ा में हुए कथित पुलिस-नक्सली मुठभेड़ को एक सदस्यीय न्यायिक आयोग ने फर्जी बताया है. इस रिपोर्ट के सामने आते ही सियासी गलियारों में खलबली मच गई है. मामले को लेकर जहां एक और भाजपा ने कांग्रेस पर रिपोर्ट लीक कर राजनीतिक फायदा लेने का आरोप लगाया है. वहीं कांग्रेस ने तत्कालीन भाजपा सरकार पर निर्दोष आदिवासियों और ग्रामीणों की हत्या करने का आरोप लगाया है.

सारकेगुड़ा मुठभेड़ मामले की जांच रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि हमने घटना के बाद जांच कमेटी बनाई थी और इस जांच रिपोर्ट को राज्य शासन को सौंपना था, लेकिन इसके पहले ही रिपोर्ट लीक हो गई. इसी तरह भीमा मंडावी हत्या मामले की जांच रिपोर्ट भी लीक कर दी गई थी. इससे ये स्पष्ट होता है कि कांग्रेस कहीं न कहीं राजनीतिक लाभ लेना चाहती है.

राज्यपाल को सौंपा था ज्ञापन

वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस का कहना है कि रिपोर्ट लीक होना एक अलग बात है. लेकिन रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आए हैं वो महत्वपूर्ण है. भाजपा सरकार के दौरान सुरक्षाबलों के माध्यम से निर्दोष ग्रामीण आदिवासियों की हत्या कराई जाती थी. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि घटना के तत्काल बाद इस मामले को कांग्रेस ने प्रमुखता से उठाया था, साथ ही मामले को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा गया था, लेकिन उस दौरान भाजपा सरकार की ओर से कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई.

Intro:रायपुर। सारकेगुड़ा मुठभेड़ मामले की जांच रिपोर्ट लीक हो गई है इस रिपोर्ट के लीक होते हैं सियासी गलियारों में खलबली मच गई है मामले को लेकर जहां एक और भाजपा ने कांग्रेस पर रिपोर्ट लीक कर राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाया है वहीं कांग्रेस ने तत्कालीन भाजपा सरकार पर निर्दोष आदिवासियों और ग्रामीणों की सुरक्षा बल के माध्यम से हत्या किए जाने का आरोप लगाया है




Body:भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि हमने घटना के बाद जांच कमेटी बनाई थी और इस जांच रिपोर्ट को राज्य शासन को सौपना था लेकिन इसके पहले ही रिपोर्ट लीक हो गई इसी तरह भीमा मंडावी हत्या मामले की जांच रिपोर्ट भी लीक कर दी गई थी जो कहीं ना कहीं है दर्शाता है कि कांग्रेस ऐसे मामले का राजनीतिक लाभ लेना चाहती है
बाइट संजय श्रीवास्तव प्रदेश प्रवक्ता भाजपा

वही मामले को लेकर कांग्रेस का कहना है कि रिपोर्ट लीक होना एक अलग बात है लेकिन रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आए हैं वह महत्वपूर्ण है भाजपा सरकार के दौरान सुरक्षा बलों के माध्यम से निर्दोष ग्रामीण आदिवासियों की हत्या कराई जाती थी जो इस जांच रिपोर्ट में साबित हो रहा है कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि घटना के तत्काल बाद इस मामले को कांग्रेस ने प्रमुखता से उठाया था साथ ही मामले को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा गया था जिसमें कहां गया था कि इस पूरी घटना में जवानों के द्वारा निर्दोष आदिवासियों की हत्या की गई थी लेकिन उस दौरान भाजपा सरकार की ओर से कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई अब यह जांच रिपोर्ट यह साबित करती है कि भाजपा के द्वारा किस तरह से सुरक्षाबलों उपयोग कर निर्दोष ग्रामीण आदिवासियों को परेशान किया जाता था और उन्हें नक्सली बताकर हत्या की जाती थी
बाइक सुशील आनंद शुक्ला प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस



Conclusion:
बता दें कि बीजापुर जिले के सारकेगुड़ा में जून 2012 में जवानों द्वारा एनकाउंटर किया गया था । जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी उसमे 6 नाबालिग शामिल थे । जवानों की ओर से इसे नक्सली मुठभेड़ बताया गया था । लेकिन बाद में कांग्रेस ने इस मामले को फर्जी एनकाउंटर बताते हुए जांच की मांग की थी जिसके बाद तत्कालीन भाजपा सरकार ने इसके लिए एक कमेटी गठित की थी

जिसने एक माह पहले वर्तमान कांग्रेश सरकार को जांच रिपोर्ट सौंप दी थी जांच रिपोर्ट में आयोग ने कहा था कि मुठभेड़ में 17 निर्दोष ग्रामीणों की हत्या हुई थी इसके साथ ही यह भी कहा है कि मुठभेड़ में किसी नक्सली के मारे जाने या घायल होना प्रमाणित नहीं पाया गया है
Last Updated : Dec 1, 2019, 11:58 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.