रायपुर: बीजापुर जिले के सारकेगुड़ा में हुए कथित पुलिस-नक्सली मुठभेड़ को एक सदस्यीय न्यायिक आयोग ने फर्जी बताया है. इस रिपोर्ट के सामने आते ही सियासी गलियारों में खलबली मच गई है. मामले को लेकर जहां एक और भाजपा ने कांग्रेस पर रिपोर्ट लीक कर राजनीतिक फायदा लेने का आरोप लगाया है. वहीं कांग्रेस ने तत्कालीन भाजपा सरकार पर निर्दोष आदिवासियों और ग्रामीणों की हत्या करने का आरोप लगाया है.
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि हमने घटना के बाद जांच कमेटी बनाई थी और इस जांच रिपोर्ट को राज्य शासन को सौंपना था, लेकिन इसके पहले ही रिपोर्ट लीक हो गई. इसी तरह भीमा मंडावी हत्या मामले की जांच रिपोर्ट भी लीक कर दी गई थी. इससे ये स्पष्ट होता है कि कांग्रेस कहीं न कहीं राजनीतिक लाभ लेना चाहती है.
राज्यपाल को सौंपा था ज्ञापन
वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस का कहना है कि रिपोर्ट लीक होना एक अलग बात है. लेकिन रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आए हैं वो महत्वपूर्ण है. भाजपा सरकार के दौरान सुरक्षाबलों के माध्यम से निर्दोष ग्रामीण आदिवासियों की हत्या कराई जाती थी. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि घटना के तत्काल बाद इस मामले को कांग्रेस ने प्रमुखता से उठाया था, साथ ही मामले को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा गया था, लेकिन उस दौरान भाजपा सरकार की ओर से कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई.