रायपुर: छत्तीसगढ़ में मानसून की शुरुआत के साथ खेती शुरू हो चुकी है. किसान इस मौसम में बाजरा, मक्का, अरहर धान की खेती करते हैं. छत्तीसगढ़ में किसानों को राज्य सरकार की ओर से कृषि संबंधित हर तरह की सुविधा दी जाती है. लेकिन विपक्ष की ओर से एक बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें विपक्ष ने महामाया बीज को लेकर आरोप लगाया है. कांग्रेस ने भाजपा के इन आरोपों को पूरी तरह नकार दिया है.
पहले जान लेते हैं कि महामाया धान बीज क्या है. .नए वर्जन में महामाया धान को राजेश्वरी धान के नाम से बुलाते हैं. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस महामाया धान बीज को 28 रुपये किलो बेच रही है जबकि भाजपा शासन काल में 18 रुपये में बिकता था. साथ ही ये भी कि इस बार सरकारी गोदाम में बीज मिल भी नहीं रहे हैं.
सरकारी गोदाम में बीज नहीं होने की वजह से आज हमें बाहर के मार्केट से महामाया बीज ₹70 ₹72 किलो में लेना पड़ रहा है. ऐसा लगता है कि कोई बड़ी गड़बड़ी हुई है. क्योंकि बीज विकास निगम का बीज प्राइवेट सेक्टर में कैसे चला गया? यदि ऐसा है तो यह किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा है. बीज का 2 से ढाई गुना ज्यादा दाम लेना एक तरह से कालाबाजारी है." -संदीप शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता
कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को नकार दिया है. कांग्रेस का कहना है कि राज्य में कहीं भी कोई भी चीज की कमी नहीं है. सभी जगह बीज पहुंचा दिया गया है. बीज की कालाबाजारी की बातें भाजपा की ओर से भ्रामक रूप से प्रसारित की जा रही है.
मुद्दा विहीन भाजपा जबरदस्ती इस प्रकार की बयानबाजी कर रही है. किसानों में भय का वातावरण बना रही है. राज्य में बीज और उर्वरक का पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की जा चुकी है. महामाया बीज भी पूरी तरह से उपलब्ध है. बीज निगम मॉनिटरिंग कर रहा है. भाजपा का आरोप पूरी तरह गलत है.- सुशील आनंद शुक्ला, कांग्रेस जनसंचार प्रमुख
जानिए क्या है महामाया धान बीज: दरअसल, महामाया धान बीज पोहा बनाने में उपयोग किया जाता है. इस बार छत्तीसगढ़ में महामाया धान बीज का बाजार बहुत अच्छा है. महामाया बीज से उगाई गई फसल 90 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. इसीलिए सोसाइटी में किसानों को महामाया धान बीज दिया जाता है.