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छत्तीसगढ़ में हजारों MOU के बाद भी धरातल पर नजर नहीं आया उद्योग-धंधा

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Published : Dec 27, 2020, 10:03 PM IST

छत्तीसगढ़ में उद्योग स्थापित करने को लेकर इन दिनों पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. कांग्रेस अब बीजेपी पर 15 साल से हजारों MOU कराने का आरोप लगा रही है, जबकि बीजेपी 2 साल में कोई उद्योग स्थापित नहीं करने का आरोप लगा रही है. हकीकत में प्रदेश में उद्योग स्थापित नहीं किया जा रहा है. ऐसे में क्या कहते हैं नेता पढ़िए पूरी खबर...

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छत्तीसगढ़ में हजारों MOU के बाद भी धरातल पर नजर नहीं आया उद्योग !

रायपुर: छत्तीसगढ़ में उद्योग स्थापित करने के लिए 2019 में नई नीति बनाई गई है. ताकि उद्योग लगने से प्रदेश के लोगों को रोजगार मिले. सरकार को राजस्व में इजाफा हो. कांग्रेस सरकार का दावा है कि उद्योग नीति से बड़े और छोटे सभी तरह के उद्योग स्थापित होंगे. स्थानीय लोगों को रोजगार के बेहतर अवसर भी मिलेंगे. बीजेपी का कहना पिछले 2 साल में कांग्रेस ने प्रदेश में एक भी ऐसा उद्योग स्थापित नहीं किया, जिसका लाभ प्रदेश और प्रदेशवासियों को मिला हो.

MOU के बाद भी धरातल पर नजर नहीं आया उद्योग !

पढ़ें: कोरोना वैक्सीनेशन के लिए छत्तीसगढ़ में बनाए गए 700 केंद्र - सिंहदेव


सरकार का दावा है कि पिछले 2 साल में प्रदेश में 103 एमओयू हुए हैं. इसके माध्यम से प्रदेश में 42 हजार 155 करोड़ों रुपये का निवेश होने की संभावना है. प्रदेश के 62 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे. कोरोना काल में उद्योग के हित में शासन के उठाए गए कदम से राज्य में बेहतर उद्योग का निर्माण हुआ है. कोरोना संकट काल में पूरा देश आर्थिक मंदी से प्रभावित था. छत्तीसगढ़ में उद्योग जगत इससे अछूता रहा है.

पढ़ें: ध्वस्त हो रही है खुद की सुरक्षा के लिए महिलाओं और बच्चों को आगे करने की नक्सलियों की रणनीति !

'नरवा, गरवा, घुरवा अऊ बाड़ी में लगी सरकार'
सरकार के दावों पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की भूपेश सरकार ने पिछले 2 साल में एक भी उद्योग स्थापित नहीं की है. यह सरकार तो प्रदेश में गोबर खरीदी सहित नरवा, गरवा, घुरवा अऊ बाड़ी में लगी हुई है. पिछले 2 साल में प्रदेश के लोगों को कोई लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा है. श्रीवास्तव ने कहा कि एक ओर भूपेश सरकार प्रदेश में नए उद्योग स्थापित करने की बात कर रही है.

2 साल में एक भी फूड पार्क नहीं बना

श्रीवास्तव ने कहा कि जब टाटा स्टील और नगरनार उद्योग स्थापित करने की ओर आगे बढ़ रहे थे. तब सरकार उसका विरोध कर रही थी. कांग्रेस सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करने का काम कर रही है. कांग्रेस ने 200 फूड पार्क बनाने की बात कही थी, लेकिन 2 साल में एक भी फूड पार्क नहीं बना. नई उद्योग नीति से प्रदेश और प्रदेश की जनता को कोई लाभ नहीं मिल रहा है.

'15 साल में डॉक्टर रमन सिंह ने सिर्फ MOU किया'

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी का कहना है कि पिछले 15 साल में डॉक्टर रमन सिंह ने सिर्फ MOU किया. प्रदेश में उद्योग स्थापित नहीं किया. यहीं वजह है कि प्रदेश में आज हजारों लाखों बेरोजगार घूम रहे हैं. अब प्रदेश की भूपेश सरकार उद्योग को लेकर गंभीर है. घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि कोरोना काल के बीच विपरीत परिस्थितियों में भी प्रदेश की भूपेश सरकार ने बेहतर काम किया है. एक ओर देश के दूसरे राज्य आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में ऐसी स्थिति निर्मित नहीं हुई है.

'भूपेश सरकार नई उद्योग नीति बनाई'

उद्योग मंत्री कवासी लखमा का कहना है कि सत्ता परिवर्तन के बाद भूपेश सरकार नई उद्योग नीति बनाई है. छत्तीसगढ़ में नई उद्योग से लोगों को आने वाले समय में लाभ मिलेगा. इस नई उद्योग नीति के तहत 100 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा. कवासी ने बताया कि पहले उद्योग स्थापित करने के लिए प्रक्रिया में 4 से 5 साल लग जाता था. इस प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, जिससे जल्द से जल्द उद्योग स्थापित हो सके.

कवासी लखमा ने रमन सिंह को लिया आड़े हाथों

इस दौरान कवासी लखमा ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि रमन सिंह ने बैंगलोर-दिल्ली जाकर बड़े-बड़े उद्योगपतियों से मुलाकात की, लेकिन हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्थानीय लोगों से मुलाकात की. प्रदेश में उद्योग स्थापित करने की पहल की है. इससे छत्तीसगढ़िया लोगों को बढ़ावा मिलेगा. रमन सिंह और भूपेश बघेल की नीति अलग-अलग हैं. रमन सिंह ने हजारों एमओयू किया है, लेकिन एक भी उद्योग स्थापित नहीं हुआ है.

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच फंसा छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में उद्योग स्थापित करने को लेकर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने है. कांग्रेस पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर देश-विदेश की कई कंपनियों के साथ MOU के बाद एक भी उद्योग स्थापित नहीं करा पाने का आरोप लगा रही. वहीं भाजपा भी वर्तमान की कांग्रेस सरकार पर नई उद्योग नीति लागू करने के बाद भी उद्योग को बढ़ावा न मिलने का आरोप लगा रही है. अब देखने वाली बात है कि आने वाले समय में इन राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच प्रदेश में कितने नए उद्योग स्थापित होते हैं. उसका लाभ यहां के कितने लोगों को मिलता है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में उद्योग स्थापित करने के लिए 2019 में नई नीति बनाई गई है. ताकि उद्योग लगने से प्रदेश के लोगों को रोजगार मिले. सरकार को राजस्व में इजाफा हो. कांग्रेस सरकार का दावा है कि उद्योग नीति से बड़े और छोटे सभी तरह के उद्योग स्थापित होंगे. स्थानीय लोगों को रोजगार के बेहतर अवसर भी मिलेंगे. बीजेपी का कहना पिछले 2 साल में कांग्रेस ने प्रदेश में एक भी ऐसा उद्योग स्थापित नहीं किया, जिसका लाभ प्रदेश और प्रदेशवासियों को मिला हो.

MOU के बाद भी धरातल पर नजर नहीं आया उद्योग !

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सरकार का दावा है कि पिछले 2 साल में प्रदेश में 103 एमओयू हुए हैं. इसके माध्यम से प्रदेश में 42 हजार 155 करोड़ों रुपये का निवेश होने की संभावना है. प्रदेश के 62 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे. कोरोना काल में उद्योग के हित में शासन के उठाए गए कदम से राज्य में बेहतर उद्योग का निर्माण हुआ है. कोरोना संकट काल में पूरा देश आर्थिक मंदी से प्रभावित था. छत्तीसगढ़ में उद्योग जगत इससे अछूता रहा है.

पढ़ें: ध्वस्त हो रही है खुद की सुरक्षा के लिए महिलाओं और बच्चों को आगे करने की नक्सलियों की रणनीति !

'नरवा, गरवा, घुरवा अऊ बाड़ी में लगी सरकार'
सरकार के दावों पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की भूपेश सरकार ने पिछले 2 साल में एक भी उद्योग स्थापित नहीं की है. यह सरकार तो प्रदेश में गोबर खरीदी सहित नरवा, गरवा, घुरवा अऊ बाड़ी में लगी हुई है. पिछले 2 साल में प्रदेश के लोगों को कोई लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा है. श्रीवास्तव ने कहा कि एक ओर भूपेश सरकार प्रदेश में नए उद्योग स्थापित करने की बात कर रही है.

2 साल में एक भी फूड पार्क नहीं बना

श्रीवास्तव ने कहा कि जब टाटा स्टील और नगरनार उद्योग स्थापित करने की ओर आगे बढ़ रहे थे. तब सरकार उसका विरोध कर रही थी. कांग्रेस सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करने का काम कर रही है. कांग्रेस ने 200 फूड पार्क बनाने की बात कही थी, लेकिन 2 साल में एक भी फूड पार्क नहीं बना. नई उद्योग नीति से प्रदेश और प्रदेश की जनता को कोई लाभ नहीं मिल रहा है.

'15 साल में डॉक्टर रमन सिंह ने सिर्फ MOU किया'

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी का कहना है कि पिछले 15 साल में डॉक्टर रमन सिंह ने सिर्फ MOU किया. प्रदेश में उद्योग स्थापित नहीं किया. यहीं वजह है कि प्रदेश में आज हजारों लाखों बेरोजगार घूम रहे हैं. अब प्रदेश की भूपेश सरकार उद्योग को लेकर गंभीर है. घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि कोरोना काल के बीच विपरीत परिस्थितियों में भी प्रदेश की भूपेश सरकार ने बेहतर काम किया है. एक ओर देश के दूसरे राज्य आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में ऐसी स्थिति निर्मित नहीं हुई है.

'भूपेश सरकार नई उद्योग नीति बनाई'

उद्योग मंत्री कवासी लखमा का कहना है कि सत्ता परिवर्तन के बाद भूपेश सरकार नई उद्योग नीति बनाई है. छत्तीसगढ़ में नई उद्योग से लोगों को आने वाले समय में लाभ मिलेगा. इस नई उद्योग नीति के तहत 100 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा. कवासी ने बताया कि पहले उद्योग स्थापित करने के लिए प्रक्रिया में 4 से 5 साल लग जाता था. इस प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, जिससे जल्द से जल्द उद्योग स्थापित हो सके.

कवासी लखमा ने रमन सिंह को लिया आड़े हाथों

इस दौरान कवासी लखमा ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि रमन सिंह ने बैंगलोर-दिल्ली जाकर बड़े-बड़े उद्योगपतियों से मुलाकात की, लेकिन हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्थानीय लोगों से मुलाकात की. प्रदेश में उद्योग स्थापित करने की पहल की है. इससे छत्तीसगढ़िया लोगों को बढ़ावा मिलेगा. रमन सिंह और भूपेश बघेल की नीति अलग-अलग हैं. रमन सिंह ने हजारों एमओयू किया है, लेकिन एक भी उद्योग स्थापित नहीं हुआ है.

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच फंसा छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में उद्योग स्थापित करने को लेकर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने है. कांग्रेस पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर देश-विदेश की कई कंपनियों के साथ MOU के बाद एक भी उद्योग स्थापित नहीं करा पाने का आरोप लगा रही. वहीं भाजपा भी वर्तमान की कांग्रेस सरकार पर नई उद्योग नीति लागू करने के बाद भी उद्योग को बढ़ावा न मिलने का आरोप लगा रही है. अब देखने वाली बात है कि आने वाले समय में इन राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच प्रदेश में कितने नए उद्योग स्थापित होते हैं. उसका लाभ यहां के कितने लोगों को मिलता है.

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