रायपुर: छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के दौरे को लेकर एक बार फिर से सियासी घमासान शुरू हो गया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अयोध्या के राम मंदिर का श्रेय लूटने वाले संघ प्रमुख कौशल्या माता के मंदिर के निर्माण को लेकर कभी किसी तरह से कोई बयान बाजी नहीं किए हैं. भगवान श्रीराम मंदिर को लेकर भले ही वे बयान बाजी करते रहे हों, लेकिन भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में माता कौशल्या का मंदिर वर्षों से उपेक्षित और तालाबंदी के हालात में था. उस दरमियान वह कभी किसी तरह का कोई बयान नहीं दिए, जबकि प्रदेश में 15 वर्षों से उनके समर्थित भाजपा की सरकार थी.
बीजेपी ने कांग्रेस के बयान को ओझी मानसिकता वाला बयान बताया
इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. बीजेपी ने इसे ओझी मानसिकता वाला बयान कहा है. भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कांग्रेस के इस बयान का पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि देश में 50 से 60 साल तक जिन लोगों ने राज किया, उनको कभी न राम मंदिर याद आया और न ही कौशल्या मंदिर की याद आई. आज जब प्रभु श्री राम जी के मंदिर के भवन निर्माण का शिलान्यास कानूनी तरीके से निपटाने के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दिखाया है, तब इनको राम की याद आ रही है.
उल जुलूल आरोप लगाकर ओझी राजनीति कर रही कांग्रेस
उन्होंने कहा कि जलन की भावना के साथ ही इनको माता कौशल्या याद आ रही है. देशभर में कहीं भी राम मंदिर को लेकर कांग्रेस ने किसी तरह का कोई जश्न नहीं मनाया, लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेसी जश्न मनाते भी दिखे. कौशल्या माता के मंदिर की बात करने वालों को यह जानना चाहिए कि इस मंदिर को जो भी स्वरूप मिला है. वह भी भाजपा सरकार के समय ही मिला है. इनको भगवान श्रीराम की याद केवल चुनाव के समय ही आती है. आरएसएस जैसी संस्था पर सवाल उठाने के पहले इनको यह जान लेना चाहिए कि आरएसएस ने तो राम मंदिर के लिए देश में सालों साल एक बड़ा आंदोलन किया है. मंदिर वहीं बनाएंगे के नारे के साथ देशभर में लोगों को संघ ने जोड़ा है. उस समय से ही यह लोग संघ का विरोध करते रहे हैं. अब संघ प्रमुख के छत्तीसगढ़ दौरे के पहले ही उल जुलूल आरोप लगाकर ओझी राजनीति भी कर रहे हैं.