कोरबा: कोरबा जिले की चार विधानसभा सीटों में से दो आदिवासी उम्मीदवार के लिए आरक्षित हैं. जबकि दो सामान्य हैं. भाजपा ने इन चारों सीटों पर उम्मीदवार तय कर दिया है. कोरबा विधानसभा से महापौर रह चुके और पिछला चुनाव हारने वाले लखनलाल को टिकट पहले ही दिया जा चुका था. सोमवार को रामपुर से सिटिंग एमएलए ननकी राम कंवर, पाली तानाखार से पूर्व विधायक रामदयाल उईके तो कटघोरा से नए चेहरे प्रेमचंद्र पटेल के नाम की घोषणा हुई है.
लखनलाल देवांगन : कोरबा विधानसभा जैसी हाई प्रोफाइल सीट पर बीजेपी ने लखन लाल देवांगन पर भरोसा जताया है. साल 2018 में लखनलाल देवांगन कटघोरा विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे. उन्हें वरिष्ठ आदिवासी नेता और 7 बार के विधायक बोधराम कंवर के बेटे पुरुषोत्तम कंवर ने हराया था. इसके पहले के विधानसभा चुनाव 2013 में लखन ने बोधराम को हराया था. जब नगर पालिका निगम, कोरबा का गठन हुआ था, तब साल 2000 से लेकर 2005 तक लखन कोहड़िया से पार्षद निर्वाचित हुए. इसके बाद साल 2005 से लेकर 2010 तक वह नगर पालिका निगम कोरबा के महापौर भी बने. लखन पिछला विधानसभा चुनाव कटघोरा से हारे थे. इस बार पार्टी ने उनकी सीट बदलकर कोरबा विधानसभा से टिकट दिया है. कोरबा विधानसभा प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की सीट है. जो यहां से 3 बार जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं. लखन के लिए यह बड़ी चुनौती है.
80 के हो चुके ननकी पर पार्टी का भरोसा बरकरार : जिले की रामपुर विधानसभा सीट ने कई बड़े नेता दिए हैं. कभी यहां से प्यारेलाल कंवर भी चुनाव जीते थे. जो अविभाजित मध्य प्रदेश में उपमुख्यमंत्री रहे थे. इसके बाद यहां से ननकी का अध्याय शुरू हुआ. ननकी रामपुर विधानसभा से चुनाव जीतकर अविभाजित मध्य प्रदेश में कृषि मंत्री रहे. इसके बाद वह छत्तीसगढ़ के रमन सरकार में गृह मंत्री भी रहे. ननकी 2003 से लेकर 2013 तक चुनाव जीतते रहे. 2013 में वह चुनाव हार गए थे. पार्टी ने 2018 में उन्हें फिर टिकट दिया, वह फिर चुनाव जीते. लेकिन भाजपा की सरकार चली गई. ननकी की उम्र लगभग 80 वर्ष हो चुकी है. पूर्व गृह मंत्री रह चुके हैं. कई बार वह पार्टी विरोधी बयान भी दे देते हैं. लेकिन अब भी ननकी राम कंवर पर पार्टी का भरोसा बरकरार है. इस बार फिर पार्टी ने ननकी के नाम पर ही मुहर लगाई है. जो रामपुर विधानसभा से भाजपा की टिकट पर 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.
कभी जोगी के लिए छोड़ी थी सीट, अब भाजपा ने फिर दिया टिकट :पाली तानाखार से एक बार फिर रामदयाल उईके चुनाव लड़ेंगे. लेकिन इस बार वह भाजपा की टिकट पर मैदान में उतर रहे हैं. राजनीति में आने के पहले उईके पटवारी की नौकरी करते थे. 1998 में वह मरवाही से बीजेपी के विधायक बने. तब छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने अजीत जोगी से उनकी करीबी थी. छत्तीसगढ़ का गठन हुआ, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी. तब उईके ने जोगी के लिए अपनी सीट छोड़ दी थी. यहीं से उप चुनाव लड़कर अजीत जोगी सीएम बने.
इसके बाद उईके को कांग्रेस ने पाली तानाखार से 2003 से 2013 तक लगातार टिकट दिया. वह लगातार 3 बार चुनाव जीते और विधायक बने. लेकिन 2018 विधानसभा चुनाव के ठीक पहले उईके ने भाजपा प्रवेश कर लिया. भाजपा ने टिकट तो दिया लेकिन वह चुनाव हार गए, अब एक बार फिर भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2023 के लिए रामदयाल को अपना प्रत्याशी बनाया है.
कटघोरा से विधायक की भाभी को हराने वाले नए चेहरे को टिकट : कोरबा जिले में 4 में से जिस एक नाम ने लोगों को चौंकाया है. वह प्रेमचंद्र पटेल का है. प्रेमचंद कटघोरा विधानसभा के उतरदा के रहने वाले हैं. जो फिलहाल जिला पंचायत कोरबा में क्षेत्र क्रमांक 7 से सदस्य हैं. प्रेमचंद्र भाजपा के वफादार सिपाही हैं. जो लंबे समय से भाजपा के संगठन से जुड़े हुए हैं. उनकी स्वच्छ और सीधे-साधे व्यक्तित्व की छवि रही है. रामचंद्र ने पिछले जिला पंचायत के चुनाव में कटघोरा के कांग्रेसी सिटिंग एमएलए पुरुषोत्तम कंवर की भाभी को चुनाव में हरा दिया था. प्रेमचंद्र, पटेल समाज से आते हैं. जिनकी संख्या कटघोरा में अच्छी खासी है. पिछले चुनाव में चर्चा थी कि पटेल समाज से आने वाले लोगों ने कांग्रेस को एक तरफ वोट दिया है. इस बार एक पटेल को ही भाजपा ने टिकट दिया है.